शहडोल : तो क्या कुबेरपति है बिजली विभाग का बाबू?

शहडोल, मध्य प्रदेश : सेटिंग और मैनेजमेंट में माहिर शर्मा जी ने रिश्वतखोरी कर चल-अचल संपत्ति में जमकर किया इजाफा।
तो क्या कुबेरपति है बिजली विभाग का बाबू?
तो क्या कुबेरपति है बिजली विभाग का बाबू?Afsar Khan

शहडोल, मध्य प्रदेश। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के सरकारी दावों के बावजूद रिश्वतखोरी एक सामाजिक रिवाज बन चुकी है, पिछले कुछ साल में बिजली विभाग में रिश्वतखोरी चरम पर पहुंच चुकी है, जिले के जयसिंहनगर विद्युत मण्डल में एक अदने से बाबू ने रिश्वत लेने के मामले में सारी हदें पार की हैं, यह हालत तब है, जब लोकसभा और विधानसभा के लिए होने वाले हर चुनाव में तमाम राजनीतिक दल भ्रष्टाचार को ही अपना प्रमुख मुद्दा बनाते रहे हैं।

भ्रष्टाचार-निरोधक कानूनों में संशोधन और सरकारी व गैर-सरकारी प्रतिष्ठानों में विजिलेंस विभाग की सक्रियता के बावजूद रिश्वत के लेन-देन के मामले थमने की बजाय लगातार बढ़ रहे हैं, भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए संसद ने भ्रष्टाचार-निरोधक (संशोधन) अधिनियम 2018 पारित किया था, इसमें रिश्वत का लेन-देन करने वालों को सात साल तक की सजा का प्रावधान है, लेकिन कानून में इस संशोधन से रिश्वतखोरी के प्रचलन पर खास असर नहीं पड़ा है, दिलचस्प बात यह है कि लोगों को यह पता ही नहीं है कि उनके राज्य में सरकार ने कोई भ्रष्टाचार-निरोधक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया है, इससे साफ है कि संबंधित प्रशासन इस बारे में जागरूकता फैलाने में नाकाम रहा हैं, सूत्रों की मानें तो इस वजह से राजेन्द्र प्रसाद शर्मा जैसे लोगों के हौसले बुलंद हो गये और इन्होंने अकूत काली कमाई की।

कुबेर पति हैं शर्मा बाबू :

भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरीं हैं, जिन लोगों पर इस कुरीति पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी है, वही भ्रष्टाचार की बहती गंगा में डुबकी लगा रहे हैं, रिश्वतखोरी का चलन कोई नया नहीं है, सूत्रों की मानें तो लिपिक राजेन्द्र प्रसाद शर्मा सहित उनके परिवार एवं रिश्तेदारों की संपत्ति की अगर जांच की जाये तो, यह किसी कुबेरपति से कम नहीं होगें, आरोप है कि जब इन्होंने नौकरी ज्वाइंन की थी तब से आज तक इनके व इनके परिवार की संपत्ति की जांच के साथ ही इनके खर्चे पर अगर जांच बैठ जाये तो, जिले सहित संभाग में बैठे किसी बड़े अधिकारी को भी मात दे देंगे।

कुबेर पति हैं शर्मा बाबू
कुबेर पति हैं शर्मा बाबूAfsar Khan

कड़ाई से कानून का पालन :

काम कराने के लिए रिश्वतखोरी करना उक्त बाबू के लिए अलिखित परंपरा बन गई है, कुछ काम तो ऐसे हैं, जो बिना रिश्वत दिए हो ही नहीं सकते, नतीजतन लोग इधर-उधर शिकायत करने की बजाय कुछ ले-दे कर काम करा लेने में ही भलाई समझते हैं, लोगों का कहना है कि महज कानून बनाने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना मुश्किल है, उक्त बाबू जैसे लोगों पर कानून को कड़ाई से लागू करने और आम लोगों में जागरूकता पैदा करने की ठोस पहल से ही स्थिति में सुधार संभव है।

कई एकड़ जमीन के मालिक :

राजेन्द्र प्रसाद शर्मा पर आरोप है कि इनके द्वारा विभाग में पदस्थ रहने के दौरान अकूत संपत्ति इक्कठा की है, सूत्रों की मानें तो कथित बाबू द्वारा विभाग से बगैर अनुमति लिए कई एकड़ जमीन खरीदी गई, जिसमें सबसे बड़ी बात यह सामने आ रही है कि इनके द्वारा इतनी जमीन खरीदने के लिए पैसा कहा से आया, ऐसा नहीं है कि विभाग के लोगों को इनके कारनामों की जानकारी नहीं है, लेकिन सेटिंग और मैनेजमेंट में माहिर शर्मा जी ने सबके मुंह पर काली कमाई से ताला लगा रखा है, मामले में कितनी सत्यता है और विभाग ने अनुमति दी या नहीं यह सब जांच के बाद सामने आ सकता है।

यह है शर्मा जी का कार्यकाल :

शर्मा जी मूलत: रीवा के पड़रिया के रहने वाले हैं, उनका कार्यकाल काफी रोचक रहा है, बकौल शर्मा जी का कहना है कि मैं पूर्व में बिलासपुर, कोतमा, जयसिंहनगर, गोहपारू, शहडोल में पदस्थ रह चुका हूं, अब वर्तमान में पुन: जयसिंहनगर में अपनी सेवा दे रहा हूं। खबर है कि कतिरा पंचायत में कई एकड़ जमीन, वर्तमान में जहां निवास कर रहे है, वहां 50 डिस्मिल जमीन है, सूत्रों की मानें तो विद्युत विभाग में जो पिकप कार्य के लिए लगाई गई है, वह किसी पाव द्वारा संचालित की जा रही है, दूसरी तरफ ऑफ रिकार्ड इसके पूरे कारोबार की खबर शर्मा जी के हाथो में हैं।

इनका कहना है :

आपको जानकारी कहां से मिली, यह तो मैं नहीं जानता, मुझसे संपर्क करने के लिए धन्यवाद, लेकिन पूरी जानकारी गलत है, आरोप में सत्यतता नहीं है।

राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, लिपिक, विद्युत विभाग जयसिंहनगर

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