शहडोल : अवैध रेत से झांझरिया कंस्ट्रक्शन कर रहा निर्माण

शहडोल, मध्य प्रदेश : छादा में खनिज विभाग के बिना अनुमति किया भण्डारण। अवैध उत्खनन को कंपनी दे रही बढ़ावा, नाले का बिगाड़ा स्वरूप।
अवैध रेत से झांझरिया कंस्ट्रक्शन कर रहा निर्माण
अवैध रेत से झांझरिया कंस्ट्रक्शन कर रहा निर्माणAfsar Khan

शहडोल, मध्य प्रदेश। जिले के सोहागपुर तहसील में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के छादा रेलवे स्टेशन में स्टेशन सहित अन्य निर्माण कार्य का ठेका रेलवे ने बिलासपुर की झांझरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा है। कंपनी के द्वारा पूरे मानसून सत्र् में चोरी की रेत खरीदकर निर्माण स्थल के पास रखी है, नाम-मात्र को ईटीपी क्रय कर ली गई, वह भी नियम विरूद्ध, इतना ही नहीं खनिज विभाग से भण्डारण की अनुज्ञप्ति भी कंपनी के द्वारा नहीं ली गई है। गैर कानूनी तरीके से कंपनी नेरेत का अकूत भण्डार कर रखा है, शासन को लाखों रूपये के राजस्व की हानि भी कंपनी के द्वारा पहुंचाई जा रही है।

अवैध रेत का जखीरा :

छादा में जिस स्थान पर कंपनी के द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है, वहां पर झांझरिया कंस्ट्रक्शन की साइड पर ही रेत का जखीरा मौजूद है। पूरे मानसून सत्र में आस-पास के क्षेत्र से अवैध रेत का उत्खनन-परिवहन करवा कर कंपनी अवैध भण्डारण कर रखा है, नाम-मात्र को वंशिका कंस्ट्रक्शन सहित अन्य स्थानों से ईटीपी ले ली गई है, लेकिन जितनी मात्रा में रेत का उपयोग निर्माण कार्य में किया गया है। उससे कई गुना अधिक रेत का उपयोग होने के साथ ही निर्माण स्थल पर मौजूद है।

नाले का बदल दिया स्वरूप :

कंपनी के द्वारा प्राचीन जमुनिहा नाले के स्वरूप के साथ भी छेड़छाड़ की गई है, प्राचीन नाले को बिना अनुमति के ही कंपनी के द्वारा उसका प्राकृतिक स्वरूप भी परिवर्तित कर दिया गया है, कथित कंपनी के द्वारा मेरी मर्जी के तर्ज पर काम किया जा रहा है। श्रम कानूनों के साथ ही अन्य शासन के नियमों और कानूनों की अवहेलना भी निर्माण एजेंसी के द्वारा छादा में की जा रही है।

यहां हुआ अवैध उत्खनन :

कथित कंपनी ने जो रेत अलग-अलग लोगों से क्रय की है, उसमें हडहा, लालपुर, नवलपुर, धनगवां, सेमरा, जरवाही सहित अन्य स्थान शामिल हैं, मानसून सत्र में रेत के खनन पर पाबंदी रहती है, लेकिन उसके बावजूद बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कराया गया, अगर इस मामले में जांच हुई तो, कईयों पर गाज गिर सकती है, जिन लोगों ने कंपनी को रेत सप्लाई की और कंपनी ने उन्हें भुगतान किया, उससे अवैध उत्खनन कारियों और उनके आकाओं का काला चित्र बाहर आ सकता है। शासन के खजाने में लाखों रूपये राजस्व भी मिलेगा।

ईटीपी की हुई खरीदी :

बताया गया है कि झांझरिया कंस्ट्रक्शन के द्वारा शहडोल जिले में रेत का ठेका लेने वाली नरसिंहपुर की वंशिका कंस्ट्रक्शन से चोरी छुपाने के लिए कुछ ईटीपी भी कंपनी के कारिंदों और दलालों के माध्यम से खरीदी गई है, लेकिन खनिज विभाग से भण्डारण की अनुज्ञप्ति नहीं ली गई है, नियमों के तहत कंपनी के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए, वहीं रेत नियम 2019 में यह स्पष्ट है कि चाहे वह शासकीय व अशासकीय ठेकेदार हो, उसे अनुमति लेना अनिवार्य है, ऐसा न करने पर अवैध भण्डारण की श्रेणी में कार्यवाहियां शामिल हैं।

इनका कहना है :

गुरूवार को खनिज निरीक्षकों की टीम को छादा भेजकर जांच कराई जायेगी, गड़बड़ी व अनियमितता पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाहियां प्रस्तावित होंगी।

सुश्री फरहत जहां, खनिज अधिकारी, शहडोल

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