भोपाल, मध्यप्रदेश। एक तरफ जहां महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है तो वहीं इस बीच राजनीतिक जगत में नारियल को लेकर बवाल मच गया है जिस पर वार-पलटवार तेजी से जारी है। बता दें कि नारियल वाले बयान के बाद से सियासी गलियारों में एक दूसरे पर पलटवार का खेल चल रहा है। हाल ही में कांग्रेस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा हमला बोला है।
शिवराज ने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा -
शिवराज जेब में नारियल रखकर चलने वाले कांग्रेस के आरोपों पर किया पलटवार! शिवराज ने कहा- नारियल लेकर घूम रहा हूं कोई शैम्पेन की बोतल लेकर नहीं घूम रहा। कांग्रेस ने तो विकास के काम कभी किये ही नही, हम कर रहे हैं तो कह रहे हैं मुख्यमंत्री नारियल लेकर घूम रहे है! नारियल हमारा स्वभाव है नारियल हमारा संस्कार है। नारियल हम भगवान को अर्पित करते हैं मेरी जनता ही मेरा भगवान है।
शिवराज के बयान पर कमलनाथ ने फिर किए तीखे प्रहार-
कमलनाथ ने कहा- शिवराज जी, आपने ठीक कहा कि नारियल पवित्रता का प्रतीक है, सेवा का प्रतीक है ,इसका उपयोग हम पूजा में करते हैं इसीलिए तो मैं कहता हूं कि आप झूठे चुनावी नारियल फोड़कर पवित्रता के प्रतीक इस नारियल का मजाक मत उड़ाइये, इसे गुमराह व भ्रमित करने वाली राजनीति का हिस्सा मत बनाइये। मुझे खुशी होती यदि आप 15 वर्ष जेब में नारियल लेकर चलते लेकिन आप तो सिर्फ चुनाव में ही नारियल लेकर चलते हैं और उसे कहीं भी फोड़ देते हैं , उससे मुझे आपत्ति है।
आगे कहा कि मुझे उस समय भी खुशी होगी जब आप लोकार्पण के नारियल फोड़ेंगे, आप तो चुनाव को देखते हुए सिर्फ़ झूठे भूमिपूजन और शिलान्यास के नारियल फोड़ रहे हैं, जैसे आपने पिछले 15 वर्ष में फोड़े। जिन 13 हज़ार किलोमीटर की सड़कों के लोकार्पण का आप जिक्र कर रहे हैं , ज़रा प्रदेश की जनता को यह भी बता दीजिये, क्या यह सड़के आपकी सरकार ने बनायी हैं, क्या इसकी शुरुआत आपने की थी?
कमलनाथ ने दिया था ये बयान-
बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बयान में कहा है कि शिवराज सिंह चौहान पहले एक जेब में नारियल रखकर घूमते थे और अब दोनों जेबों में नारियल रखकर घूम रहे हैं, जहां मौका मिला वहां नारियल फोड़कर एक नई घोषणा करते हैं, इस बयान पर मिश्रा ने जोरदार जबाव दिया था, मिश्रा ने कहा था कि कमलनाथ जी को नारियल और हवन-पूजन सामग्री से इतना परहेज क्यों है। क्या उन्हें नहीं मालूम कि इससे असुरी शक्तियां दूर होती हैं। हम भारतीय संस्कृति के उपासक हैं और हमें इसका अनुसरण करने में कोई परहेज नहीं है।
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