राज एक्सप्रेस। कोरोना संकटकाल के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता कैलाश विजयवर्गीय तेजी से सुर्खियों में, बता दें कि विजयवर्गीय अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं इस संकटकाल के बीच एक बार फिर विजयवर्गीय आये चर्चा में। कैलाश विजयवर्गीय ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद-30 के औचित्य पर सवालियां लगाया निशान।
कैलाश विजयवर्गीय ने किया ट्वीट-
देश में संवैधानिक समानता के अधिकार को 'आर्टिकल 30' सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा रहा है। ये अल्पसंख्यकों को धार्मिक प्रचार और धर्म शिक्षा की इजाजत देता है, जो दूसरे धर्मों को नहीं मिलती। जब हमारा देश धर्मनिरपेक्षता का पक्षधर है, तो 'आर्टिकल 30' की क्या जरुरत!
अनुच्छेद 30 पर उठाया सवाल-
बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट के जरिए परोक्ष रूप से अनुच्छेद 30 पर मुद्दा उठाया है और कहा कि अनुच्छेद 30 की आड़ में देश के बहुसंख्यक समाज के साथ धार्मिक भेदभाव क्यों किया जा रहा है। भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के ट्वीट को एक तरह से अनुच्छेद 30 हटाओ मुहिम का ही हिस्सा माना जा रहा है।
इस ट्वीट पर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने किया पलटवार-
देश-दुनिया में कोरोना के कारण इंसान, इंसानियत खतरे में है, ऐसे में भाजपा का 'आर्टिकल 30' हटाने का प्रायोजित खेल!! 'नफ़रत के वायरस' कथित हिंदूवादियों की अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफ़रत फ़ैलाने की कोशिश की है यह! मोदी सरकार 'आर्टिकल 30' हटाने का माहौल बना रही है और यह इसकी शुरुआत है!
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