राज एक्सप्रेस। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में एक हज़ार गौ-शालायें बनाने और इस काम को तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित विभागों की जवाबदेही तय की जाएगी और समय-समय पर इसकी समीक्षा भी होगी।
कमल नाथ ने बताया कि अगले वर्ष तक प्रदेश में तीन हजार गौ-शालाएँ बनाने का लक्ष्य है। इसकी पूरी योजना, निर्माण स्थल का चयन और सभी प्रक्रियाओं को दिसम्बर 2019 तक पूरा किया जाना है। मुख्यमंत्री आज मंत्रालय में प्रोजेक्ट गौ-शाला की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में गौ-रक्षा एवं निराश्रित गायों के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान को "मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना'' नाम दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर निराश्रित गायों की रक्षा और आवारा पशुओं के कारण आम आदमी को होने वाली समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ-शालाओं के निर्माण में जो भी दिक्कतें हैं, वे उनके ध्यान में लाई जाएँ ताकि उनका तत्काल निराकरण हो सके। धन की कमी इस काम में आड़े नहीं आना चाहिए। श्री कमल नाथ ने गौ-शाला निर्माण एवं संचालन करने वाले ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग में बेहतर ताल-मेल की आवश्यकता बताई ताकि सभी काम निर्बाध रूप से त्वरित गति से हो सकें। मुख्यमंत्री ने बैठक में गौ-शालाओं के निर्माण की प्रगति और गौ-संरक्षण के लिए निजी क्षेत्रों द्वारा की गई पहल के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने मंडी बोर्ड से पशुपालन विभाग को चारे के लिए मिलने वाली राशि का उपयोग गौ-संरक्षण के अन्य कार्यों में किए जाने पर अपनी सहमति प्रदान की।
गौ-दान पर मिलेंगी आयकर में छूट
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज मंत्रालय में गौ-रक्षा और गौ-संरक्षण के लिए आमजन से सहयोग प्राप्त करने के लिए 'ऑनलाइन डोनेशन पोर्टल' का शुभारंभ किया। कोई भी व्यक्ति और व्यवसायिक संस्था इस पोर्टल पर वेबसाइट www.gopalanboard.mp.gov.in के जरिए गौ-दान कर सकते हैं। दान देने वाले व्यक्ति को आयकर की धारा 80जी का लाभ मिलेगा।मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि पोर्टल का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि गौ-प्रेमी लोग अधिक से अधिक संख्या में गौ-रक्षा एवं उनके पालन-पोषण में सहभागी बन सकें। इस पोर्टल के जरिए आम जनता और व्यापार तथा उद्योग से जुड़ी संस्थाएँ गायों के लिये चारे, शेड, पानी तथा अन्य व्यवस्थाओं के लिए दान दे सकती हैं।
कांग्रेस में भी इस मामले पर सियासत गरमा गई है।
कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा की "भोपाल इंदौर हाईवे जहॉं आवारा गऊ माता बैठी रहती हैं और लगभग हर दिन ऐक्सिडेंट में मर जाती हैं। कहॉं हैं हमारे गौ माता प्रेमी गौ रक्षक? मप्र शासन को तत्काल इन आवार गौ मात को सड़कों से हटा कर गौ अभ्यरण या गौ शालाओं में भेजना चाहिये"
और इसके बाद ट्वीट करते हुए कहा की "यदि कमल नाथ जी आपने तत्काल ऐंसा कर के दिखा दिया तो आप सच्चे गौ भक्तों में गिने जायेंगे, और तथा कथित भाजपाई नेताओं को नसीयत मिलेगी।"
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दिया जवाब
दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इसका जवाब देते हुए कहा हैं की "प्रिय @digvijaya_28 जी , आपने भोपाल- इंदौर हाईवे पर बैठी, दुर्घटना का शिकार हो रही गौमाता का ज़िक्र किया।इनको लेकर सरकार को कुछ करना चाहिये तो आपकी जानकारी के लिये बता दूँ कि मैंने अभी कुछ दिनो पूर्व ही प्रदेश के सभी प्रमुख मार्गों पर ,जहाँ बरसात के मौसम में खेतो की मिट्टी गीली होने की वजह से गौमाता सड़कों पर आकर बैठती है और वाहन दुर्घटना का शिकार होती है , उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए अधिकारियों को एक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये है।"
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