बच्‍चों की सुरक्षा हेेतु स्कूल वाहनों पर कमलनाथ सरकार के नए नियम

भोपाल: मध्‍यप्रदेश में राज्य सरकार ने स्‍कूल के बच्‍चों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश के सभी शैक्षणिक वाहनों पर नए नियम लागू किए हैं, ताकी अब स्कूली बसों को किसी तरह की दुर्घटना से बचाया जा सके।
स्कूल वाहनों पर कमलनाथ सरकार के नए नियम
स्कूल वाहनों पर कमलनाथ सरकार के नए नियमSocial Media

राज एक्‍सप्रेस। मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अब प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे जो, बसों या अन्य वाहनों से स्कूल जाते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने नए नियम लागू किए हैं, ताकी अब स्कूली बसों को किसी तरह की दुर्घटना से बचाया जा सके।

क्‍या निर्णय लिया गया :

राज्य सरकार ने ये बड़ा निर्णय लिया है कि, अब ऐसे वाहन जो निर्माण की अवधि के बाद 15 वर्ष से अधिक समय से सड़क पर बच्चों के परिवहन के काम में लगे हैं, ऐसे वाहनों को हटाया जाएगा। वहीं राज्य सरकार ने नया नियम यह तय किया है कि, अब स्कूली वाहनों की धींगा-मस्ती और बेतरतीब तरीके से चलाने पर सख्‍ती से रोक लगा दी गई है, जिसके तहत अब स्कूली वाहनों को 40 किमी. प्रति घण्टा से अधिक की गति से दौड़ने पर रोक रहेगी। राज्य सरकार ने विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन के लिए शैक्षणिक वाहनों के नियंत्रण एवं विनियमन योजना 2019 मध्‍य प्रदेश में लागू कर दी है, जिसमें यह नये प्रावधान किए गए हैं और यह नए नियम शैक्षणिक ऑटो रिक्‍शा, शैक्षणिक वैन, संस्थागत शैक्षणिक बस और गैर संस्थागत शैक्षणिक बसों पर लागू होंगे।

नए नियमों के तहत यह सुनिश्चित किया :

  • सभी शैक्षणिक वाहनों की खिड़कियों पर सुरक्षा के लिए नियमों के हिसाब से हॉरीडोन्टल बास लगाना जरुरी होगा, जिसकी आपस में दूरी 5 सेंटीमीटर से अधिक नहीं होगी।

  • इसी तरह सभी शैक्षणिक वाहनों के दरवाजे में लॉकिंग प्रणाली को सदैव अच्छी स्थिति में रखना सुनिश्चित किया गया है।

  • सभी शैक्षणिक वाहनों की खिड़कियों पर काले कांच या परदे नहीं लगे होने चाहिए, जिससे शैक्षणिक वाहनों के अंदर की गतिविधि सदैव वाहन के बाहर से स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए।

  • वाहनों में विद्यार्थियों के चढ़ाते एवं उतारते समय वाहनों के आगे और पीछे के सभी साइड इंडिकेटर एक साथ क्रियाशील रहने की व्यवस्था किया जाना चाहिए।

  • इसी तरह बसों तथा असंस्थागत शैक्षणिक बस एआईएस-063 अनुसार पीले रंग का होना चाहिए।

  • सभी शैक्षणिक वाहन विनिर्माण वर्ष से 15 वर्ष से अधिक पुराने नहीं होना चाहिए। वाहनों को 40 किमी से अधिक गति तक ही नियंत्रित करने के लिए अधिकृत गति नियंत्रक लगा होना चाहिए।

  • यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि, वाहनों में डायल 100 हेल्प नंबर वाहनों में अनिवार्य रूप से लिखा हो।

अग्निशमन यंत्र भी जरूरी :

वाहनों में अग्निशमन यंत्र भी सुनिश्चित किया जा रहा है, जिसके तहत 12 सीट की क्षमता वाले वाहनों में 2 किलो क्षमता का अग्निशमन यंत्र, 13 से 22 सीट क्षमता वाले वाहनों में 5 किलो क्षमता का अग्निशमन यंत्र और 23 से अधिक सीट वाले वाहनों में 5 किलो क्षमता के दो अग्निशमन यंत्र होने चाहिए।

अब अलग से होंगे रजिस्ट्रेशन :

अब नए नियमों के तहत शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े वाहनों का अलग से पंजीयन किया जाएगा। इसके लिए ईव्ही पंजीकृत सीरिज आरटीओ कार्यालय में आरक्षित रखी जाएगी। अब ऐसे सभी वाहन जिलों में ईव्ही सीरिज के तहत ही पंजीकृत हो सकेंगे, जिससे की ऐसे वाहनों की साफ पहचान किया जा सके। अब तक यह टेक्‍सी कोटे के तहत पंजीकृत होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, इससे परिवहन विभाग को टैक्‍स में रियायत मिलेगी।

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