खाचरौद में बदमाशों के आतंक के साथ बीमारी का भय
खाचरौद, उज्जैन। कोरोना संकट में व्यवस्थाएं डामा डोल हैं, अपराधी कानून व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे हैं, वही खाचरौद थाना क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश न लग पाने से स्थानीय पुलिस प्रशासन के प्रति आम लोगों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। लगातार हो रही घटनाओं से भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है। गली मोहल्लों की चर्चा अब निकलकर सोशल मीडिया पर आ पहुँची हैं। प्रतिष्ठित व्यवसायी कोमल संकलेचा ने प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराने के लिये सोशल मीडिया का सहारा लिया है। ताकि क्षेत्र में अपराध की रोकथाम में सतर्कता बरती जा सके और अपराधियों पर आम जनता के सहयोग से पुलिस कार्रवाई भी सतत चलती रहे।
क्षेत्र में अपराधियों की एक्टिविटी एवं बड़े स्तर के अपराध पर नजर डाले तो अमानत में खयानत की कारों को गिरवी रखने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश खाचरौद से मीडिया की सतर्कता और जिम्मेदारी से हुआ। जिसके बाद से ही कई सफेदपोश चेहरे पुलिस की रडार पर है जिस पर पुलिस की गोपनीय कार्रवाई जारी हैं। खाचरौद क्षेत्र में लगातार हो रही वारदातें चिंता का विषय है।
कुछ दिनों पहले तालाब की पाल पर दिनदहाड़े प्राणघातक हमला कर एक युवक को जख्मी किया, उसी दिन जिला सहकारी बैंक के बाहर से किसान की मोटरसाइकिल से तीन लाख रुपये से ज्यादा की नगदी पर बदमाशों ने हाथ साफ किया था जिसका सुराग भी अब तक पुलिस नहीं जुटा पाई है कई आपराधिक मामलों में मुलजिम फरार हैं जिनकी गिरप्तारी नहीं हो सकी है। खाचरौद थाना क्षेत्र की कानून व्यवस्था की कमान भी बार-बार बदली जाना भी चर्चा का विषय हैं। नगर में लंबे समय से वाहन चेकिंग न होना बाहर के लोगों की शिनाख्त न होना।
मुखबिर तंत्र की लचरता के चलते आसपास के इलाकों के छोटे बड़े बदमाश लगातार क्षेत्र में अपराध को अंजाम तक पहुँचा रहे। कई मामलों में आला अधिकारी पुलिस जांच में अपराधियों को खोजने के कार्य में जुटे हैं। लाकडाउन के बाद से खाचरोद थाने में अब तक नगर निरीक्षक का स्थान रिक्त है। लाकडाउन में शराब माफिया को संरक्षण देने पर एसडीओपी अरविंद सिंह के सामने पत्रकारों एवं टी आई कुलवंत जोशी की बहस मीडिया की सुर्खियों में आई थी, तब भी शराब माफिया को थाने से संरक्षण मिला और प्रकरण अज्ञात में बना पुलिस ने जीप और शराब की पेटियों को जब्त कर इति श्री कर ली थी, एसडीपीओ अरविंद सिंह मौके पर नहीं पहुँचते तो पत्रकारो पर कोई भी झूठा प्रकरण बन जाता। जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुँचा तो खाचरौद के तत्कालीन टी आई कुलवंत जोशी को उज्जैन नीलगंगा भेज दिया गया।
गौरतलब रहे कि लॉकडाउन के बाद से ही खाचरौद थाने की जिम्मेदारी प्रभार के रूप में चल रही हैं, थाने को एसडीओपी अरविंद सिंह देख रहे है जिन्होंने लाकडाउन में अवैध शराब की कई खेप भी पकड़ी हैं, जुआ सट्टा भी पकड़ा है और निरंतर अपराधियों पर भी अपनी मजबूत पकड़ बनाने में सफलता अर्जित कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह भी है कि उज्जैन पुलिस कप्तान मनोज सिंह क्षेत्र से पूर्व से परिचित हैं। कुछ दिनों से हो रही घटनाओं से खाचरोद क्षेत्र में भय का माहौल वातावरण निर्मित है कानून व्यवस्था को संभालने के लिये दबंग थाना प्रभारी की जरूरत है। एसडीओपी अरविंद सिंह के पास दो थानों का चार्ज होने से पुलिस की आखों में धूल झोंककर अपराधी अपराध को अंजाम तक पहुँचा रहे हैं।
पत्रकारों पुलिस के बीच भी लगातार गलत कार्रवाई सही कार्रवाई को लेकर न्याय युद्ध की खबरें चर्चा का विषय बनी हुई हैं। एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार ने खुद को असुरक्षित महसूस करते हुए पुलिस महानिरीक्षक को आवेदन सौंपा है और खाचरोद थाने में हुई घटना से अवगत कराया है, वर्तमान पुलिस कप्तान मनोज सिंह भी अपराधियों पर सख्ती से कार्रवाई में जुटे हैं पुलिस की कार्यशैली पर उठते सवाल बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिये खाचरौद की व्यवस्था पर स्वयं पुलिस कप्तान की नजर है जिन्होंने चर्चा में बताया है कि जल्द ही खाचरौद को टी आई मिलेगा अभी ऐसा कोई टी आई नही है जो खाचरौद के लिये फिट हो।
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