अनूपपुर : कोतवाली पुलिस झूठे बयान के आधार पर बना रही मुजरिम

अनूपपुर, मध्य प्रदेश : 26-27 अगस्त की घटना में मौजूद नही था पियूष और पुलिस ने बना दिया आरोपी। हिन्दु-मुस्लिम विवाद में जबरन बना दिया प्रकरण।
कोतवाली पुलिस झूठे बयान के आधार पर बना रही मुजरिम
कोतवाली पुलिस झूठे बयान के आधार पर बना रही मुजरिमसांकेतिक चित्र

अनूपपुर, मध्य प्रदेश। 26 अगस्त की रात्रि मुस्लिम समुदाय के युवकों द्वारा एक हिन्दू लड़के को बेरहमी से मारते हुए थाने तक लाया गया था। इस बात को सुनते ही सैकड़ों की तादात में थाने पहुंच कर युवकों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी। जहां पुलिस और युवकों के बीच झड़प और लाठी जार्च भी हुआ था। 27 की सुबह जिलेभर के युवक पहुंच कर पीटने वाले युवकों की गिरफ्तारी के लिए रैली निकाल कर न्याय की गुहार लगाई थी, जहां कुछ दुकानों में भीड़ के द्वारा तोड़-फोड़ करते हुए नारेबाजी भी किया गया था, लेकिन पुलिस की हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया था।

जिला मुख्यालय में धर्म विशेष पर टिप्पणी करते हुए पुष्पक ने अपने सोशल मीडिया एकांउट से पोस्ट किया था, जिसके बाद 26 अगस्त की रात्रि पुष्पक गुप्ता को नगर के ही मुस्लिम युवाओं द्वारा बेल्ट से पीटते हुए एसबीआई चौक से थाने तक ला रहे थे, जहां रास्ते में पिटते युवक की वीडियो बनाकर किसी ने सोशल मीडिया पर भेज दिया, जिसके बाद यह मामला हिन्दू-मुस्लिम में बदल गया, कुछ ही घंटो बाद नगर के सैकड़ों युवा थाने पहुंचे और थाने का घेराव कर गिरफ्तारी की मांग करने लगे। इस बीच युवाओं और पुलिस में झड़प और लाठी चार्ज भी हुआ, जिसके बाद भीड़ भगदड़ में बदल गई, जहां पुलिस के द्वारा शिभू पटेल को सर पर व अन्य जगहों पर गंभीर चोटे पहुंचाई गई थी, जिसकी शिकायत भी शिभू ने पुलिस अधीक्षक अनूपपुर एवं एडीजी कार्यालय शहडोल में दिया है और मामला जांच में अटका हुआ है, वही पियूष पटेल इस पूरे घटनाक्रम में मौजूद ही नहीं था।

यह हुआ 27 अगस्त को :

जिलेभर के सैकड़ों युवाओं तक जब यह बात पहुंची तो मुख्यालय में एकत्रित होकर पुष्पक के न्याय के लिये रैली निकालकर आरोपी युवाओं की गिरफ्तारी की मांग करने लगे, जहां भीड़ के द्वारा कुछ दुकानों सहित गाड़ियों को भी तोड़-फोड़ की गई थी, पुलिस ने इस पर संज्ञान लेते हुए कई युवकों के विरूद्ध मामला भी कायम किया है, लेकिन 27 अगस्त की घटनाक्रम में पियूष पटेल मौजूद नहीं था, न ही किसी कैमरे में कैद हुआ और न ही कोई साक्ष्य है, उसके बावजूद भी कुछेक बयानों के द्वारा साजिश के तहत् पियूष पटेल को इस घटनाक्रम से जोड़कर उसे दंगाई बना दिया और पुलिस ने भी बिना जांच किये पियूष को अपराधी बना दिया। जबकि पुराने सभी प्रकरणों में न्यायालय के द्वारा पियूष पटेल को अभी तक सजा नही सुनाई गई है।

इसलिए बना पियूष अपराधी :

27 अगस्त की दोपहर को इस घटनाक्रम की जानकारी जब युवा नेता पियूष पटेल को लगी तो उन्होंने अपने दल-बल सहित मंत्री बिसाहूलाल के समक्ष सोन नदी स्थित सर्किट हाउस पहुंच कर थाना प्रभारी नरेन्द्र पाल व अन्य पुलिस कर्मी को हटाये जाने एवं कार्यवाही किये जाने की मांग की थी, इस दौरान पुलिस अधीक्षक एम.एल. सोलंकी एवं कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर सहित एडीजी शहडोल संभाग भी मौजूद थे और तीन दिवस के भीतर मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आश्वासन मंत्री बिसाहूलाल सिंह के द्वारा दिया गया था, पियूष का यह विरोध कोतवाली प्रभारी नरेन्द्र पाल को खटकने लगी और पियूष को अपने निशाने में ले लिया व पुराने प्रकरण ढूंढ कर नये के साथ जोडते हुए उसे अपराधी बना दिया।

यह हुआ 10 अक्टूबर को :

कोतवाली पुलिस के द्वारा तीन युवकों जिसमें पियूष पटेल, ज्ञानेन्द्र राठौर और गंगाराम को बयान व समझाइश हेतु थाने बुलाया गया था, घंटो बैठाने के बाद बयानो के आधार पर हिन्दू-मुस्लिम दंगे में पियूष पटेल को आरोपी बना दिया गया, वहीं गंगाराज को राजा तिवारी व हिन्दू-मुस्लिम दंगे दोनो में आरोपी बना दिया गया साथ ही ज्ञानेन्द्र राठौर जो कि राजा तिवारी मामले में न्यायलय से अग्रिम जमानत पर था, लेकिन उसे हिन्दू-मुस्लिम दंगे में भी आरोपी बना दिया, लेकिन हिन्दू-मुस्लिम दंगे में पियुष की गैरमौजदूगी के बाद भी उसे गैर जमानती धाराओं में थाने से हथकड़ी लगाकर न्यायालय भेज दिया, जहां उन्हे न्यायाधीश ने जमानत दे दिया।

कोतवाली प्रभारी दे रहे धमकी :

युवा नेता पियूष पटेल के द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग करने व कोतवाली प्रभारी को हटाये जाने हेतु उच्चाधिकारियों के सामने नारेबाजी करना व दोषियों पर कार्यवाही को लेकर प्रभारी के ऊपर नाराजगी जताई थी, जिसके बाद कोतवाली प्रभारी को यह बात हजम नहीं हुई और पियूष के रिकार्ड खंगालने लगे, मौका पाते ही उनकी फाइल खुली और बिना सोचे समझे थाने बुलाकर एक के बाद एक मामला में अपराधी बनाने की धमकी देने लगे, वहीं प्रभारी के द्वारा गांजा व आर्म्स एक्ट एवं कई अन्य बनावटी मामलों में फंसाने की भी धमकी दे डाली और अपने रडार में लेकर पियूष को निशाना बनाने लगे और इनकी यह धमकी सही भी साबित होती दिखाई दे रही है। इतना ही नही पियूष पटेल ने बताया कि कोतवाली में और भी मामले मेरे खिलाफ फर्जी तरीके से तैयार किये जा रहे हैं, 10 अक्टूबर को थाने का चैनल गेट में ताला बंद कर पियूष को अंदर करके कई दस्तावेजों में हस्ताक्षर भी करा लिया गया है।

बयानों के आधार पर बना दिया आरोपी :

यदि पियूष पटेल को बयानों के आधार पर हिन्दू-मुस्लिम दंगों में शामिल कर आरोपी बनाया गया है तो फिर कोतवाली प्रभारी की जांच भी चल रही है, जबकि मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने एडीजी को नियुक्त कर तीन दिवस के भीतर जांच कर कार्यवाही के लिए कहा गया था, लेकिन विभागीय मेलमिलाप और वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में कोतवाली प्रभारी पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही आज तक नही की गई, जबकि एडीजी शहडोल ने जांच एवं तीन युवकों के बयान लेकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

इनका कहना है :

यह कैसे हुआ ज्ञात नही है, इस पूरे मामले की मैं जानकारी लेता हूं।

अभिषेक राजन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अनूपपुर

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