लॉक डाउन ने प्रदूषण किया डाउन, स्वास्थ्य के लिये बेहतर

मध्यप्रदेश में औद्योगिक संस्थान बंद होने के साथ ही सड़कों पर छाया सन्नाटा, लॉक डाउन से प्रदूषण का स्तर कम।
लॉक डाउन ने प्रदूषण किया डाउन
लॉक डाउन ने प्रदूषण किया डाउनSyed Dabeer - RE

राज एक्सप्रेस। नोवेल कोरोना वायरस महामारी के चलते 14 अप्रैल तक लोग घर में रहने को मजबूर हैं, लेकिन उनकी यही मजबूरी पर्यावरण के लिये मद्दगार साबित हो रही है, औद्योगिक संस्थान बंद होने के साथ ही सड़कों पर सन्नाटा छाया है, जिससे प्रदूषण का स्तर लगातार कम हो रहा है। हवा में धूल और धुएं की किरणों के गायब होने से आसमान साफ और पेड़-पौधे चमकदार दिखने लगे हैं। पीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय में परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन यंत्र में जो आंकड़े इस दौरान दर्ज किये गये हैं, उसमें काफी सुधार देखने को मिला है। पहली बार ऐसा होगा कि प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना नीचे पहुंच गया है।

50 प्रतिशत की गिरावट :

परिवेशीय वायु गुणवत्ता की नियमित मापन के दौरान पीएम-10 एवं पीएम-2.5 निर्धारित मानकों के अनुसार कम पाये गये हैं, पीएम-10 की निर्धारित मानक सीमा 100 माईक्रो ग्राम प्रति क्यूविक मीटर एवं पीएम-2.5 की निर्धारित मानक सीमा 60 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूविक मीटर है, शहर में लॉक डाउन होने के उपरांत 24 मार्च से 04 अपै्रल तक पीएम-10 की मात्रा कभी भी 50 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूविक मीटर से अधिक नहीं पाई गई, जो कि निर्धारित सीमा से आधी ही रही। इसी प्रकार पीएम-2.5 की अधिकतम मात्रा 21 माईक्रो ग्राम प्रति क्यूविक मीटर पाई गई, जो कि अधिकतम निर्धारित मानकों से लगभग 50 प्रतिशत कम दर्ज हुई।

पर्यावरण के लिये मद्दगार :

पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक लॉक डाउन का असर छोटे जिलों के साथ ही महानगरों में भी देखा गया है, जहां एक सकारात्मक आंकड़े सामने आये हैं, हमेशा सामान्य से 2-3 गुना ज्यादा रहने वाली वायु की गुणवत्ता भी संतोषजनक स्तर पर आ गई है। नाइट्रोजन, सल्फर, कार्बन-डाई-ऑक्साइड जैसी गैसों की भी कमी वातावरण में देखने को मिल रही है, परिवेशीय मापन यंत्र में इसके आंकड़े लगातार दर्ज हो रहे हैं, जो कि कोरोना के मरीजों को अच्छे होने में मद्दगार साबित होंगे। स्वास्थ्य के लिये भी अब तक के सबसे बेहतर दिनों में से इन्हें विशेषज्ञ मान रहे हैं।

नई ऊर्जा का संचार :

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव कुमार मेहरा का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान शहडोल, अनूपपुर, उमरिया व डिण्डौरी जिलों में वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है और वह अच्छी श्रेणी में आ गया है, जिसके पीछे का कारण ये है कि सारी गतिविधियां रूकी हुई हैं, जिसमें वाहन, रेल, होटल, उद्योग आदि शामिल हैं। अत: प्रदूषण मुक्त वायु नई ऊर्जा प्रदान करेगी, जिससे हम सकारात्मक रहकर कोरोना वायरस से जीत सकते हैं।

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