शहडोल : भ्रष्टाचार के चलते फल-फूल रहा अवैध उत्खनन

शहडोल ,मध्यप्रदेश : क्षेत्र में अवैध उत्खनन का बड़े तौर पर फल- फूल रहा है अवैध खनन, भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के संरक्षण में पनप रहा है रेत का गोरखधंधा।
रेत का अवैध खनन
रेत का अवैध खननAfsar Khan - RE

हाइलाइट्स :

  • समय के संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध उत्खनन

  • विभाग प्रमुख सहित प्रशासन को गुमराह कर रहा सर्वेयर

  • संरक्षण में चल रहा रेत का गोरखधंधा

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में रेत के अवैध कारोबार का संचालन धड़ल्ले से चल रहा है जिसमें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही खनिज और वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के संरक्षण में पूरे क्षेत्र में माफियाओं ने अपनी शह बना रखी है। खनिज विभाग के द्वारा जिस सर्वेयर को जिम्मेदारी सौंपी थी उसने भी रेत चोरों, तस्करों और माफियाओं के सामने घुटने टेक दिए। जिससे क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन और परिवहन से संभाग की छवि धूमिल हो रही है।

मशीन नहीं मिली तो लौटे बैरंगः

बोड्डिया रेत खदान के मामले में प्रशासन ने कार्यवाही के लिए खनिज विभाग की ओर से खनिज सर्वेयर समय लाल गुप्ता को भेजा, लेकिन कथित कर्मचारी तो मौके पर पहुंचा, लेकिन सूचना मिलते ही खदान के संचालकों, रसूखदार और पंचायत के प्रतिनिधियों ने मशीन को निकाल लिया और वाहन को भी हटवा दिया, जिसके खिलाफ सिया द्वारा जारी की गई पर्यावरण स्वीकृति के बिन्दुओं के आधार पर कार्यवाही नहीं की गई और वापस लौट आए।

खनिज सर्वेयर, लाल गुप्ता
खनिज सर्वेयर, लाल गुप्ता Afsar Khan - RE

मेरे पास नहीं है कोई जानकारीः

इस मामले पर खनिज सर्वेयर लाल गुप्ता ने बताया कि, खदान से संबंधित कोई भी दस्तावेज उनके पास नहीं है, वह कार्यवाही के लिए गये थे, लेकिन मशीन ऊपर खड़ी थी और वाहन भी नदी में नहीं मिले, तो वह लौट आये, इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सिया ने क्या अनुमति जारी की है, इसकी जानकारी भी मुझे नहीं है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सब जानने के बाद कथित कर्मचारी या तो झूठ बोल रहा है, या फिर सब कुछ जानने के बाद भी विभाग प्रमुख और जिला प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है।

मुझे नहीं सौंपी कोई रिपोर्ट :

इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पी.के.पाण्डेय का कहना है कि खनिज विभाग के द्वारा उन्हें कोई भी रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है और न ही उन्हें कोई कार्यवाही की जानकारी है।इतना जरूर है कि खनिज विभाग के अधिकारी कार्यवाही के लिए बोड्डिया खदान गये थे, लेकिन उनके विभाग के क्या नियम है, वह खनिज विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जानते हैं।

एसडीएम ने ली जानकारी :

खनिज अधिकारी सुश्री फरहत जहां ने बताया कि एसडीएम ब्यौहारी के द्वारा ग्राम पंचायत के सरपंच को मशीन न लगाने के लिए पत्र जारी किया गया है, जिसकी सूचना भी उनके कार्यालय में भेजी गई है, वहीं संजय गांधी टाईगर रिजर्व और सोन घड़ियाल अभ्यारण क्षेत्र के दायरे में खदान की स्वीकृति के लिए उत्तर वन मण्डल के वनमण्डलाधिकारी के द्वारा भेजे गये प्रतिवेदन के आधार पर खदान की अनुमति प्रदान की गई है।

सवाल यह खड़ा होता है कि सिया के द्वारा जारी की गई पर्यावरण स्वीकृति में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि नियमों का उल्लंघन मिलने पर तत्काल प्रभाव से अनुमति निरस्त करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा के तहत कार्यवाही के भी प्रावधान है, इतना ही नहीं अगर खनिज विभाग चाहे तो खदान के पोर्टल से इस बात की जांच भी हो सकती है कि बड़े वाहन की ईटीपी इस खदान से जारी हुई की नहीं, लेकिन सबकुछ जानने के बाद भी सभी खामोश हैं।

'खदानों की स्वीकृति में अगर किसी भी प्रकार की विसंगतियां शहडोल वन वृत्त में हुई हैं तो उसकी जांच होगी और निश्चित तौर पर समीक्षा के बाद कार्यवाही की जायेगी।'

डॉ. ए.के. जोशी, मुख्य वन संरक्षक , शहडोल

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