ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका मंजूर
ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका मंजूरSyed Dabeer Hussain - RE

ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका मंजूर, सुनवाई 17 को

स्थानीय निकायों एवं पंचायतों के चुनाव तथा आरक्षण संबंधी आदेश पर संशोधन के लिए मध्यप्रदेश सरकार की और से वरिष्ठ अधिवक्ता सुश्री मृणाल ऐलकर मजूमदार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया गया।

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में स्थानीय निकायों एवं पंचायतों के चुनाव तथा आरक्षण संबंधी आदेश पर संशोधन के लिए मध्यप्रदेश सरकार की और से वरिष्ठ अधिवक्ता सुश्री मृणाल ऐलकर मजूमदार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया गया। शुक्रवार को यह जानकारी प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दी। श्री सिंह ने बताया कि न्यायालय द्वारा इस पर 17 मई को सुनवाई की जाएगी।

सरकार ने इसमें ट्रिपल टेस्ट की निकायवार तैयार रिपोर्ट पेश की है। इस आधार पर आरक्षण देने के लिए दावा किया है। यह भी बताया कि पंचायतों के लिए आरक्षण प्रक्रिया 15 दिन में कैसे पूरी होगी। इस पर सुनवाई 17 मई (मंगलवार) को होगी।

इसके पहले इस विषय पर प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भी मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्पष्ट कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है उसके बाद हम मोडिफिकेशन में जाएंगे। हमने मोडिफिकेशन में दो मांगें रखी हैं। पहली 2022 के परिसीमन के आधार पर पिछड़े वर्ग को समाहित कर अनुमति प्रदान करें। वहीं दूसरी मांग में हमने 2022 के परिसीमन के आधार पर चुनाव होंगे उस हिसाब से थोड़े समय की मांग की है, ताकि जहां परिसीमन को लेकर भ्रम की स्थिति है वह साफ हो।

गृह मंत्री मिश्रा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को हर कदम पर धोखा दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा पिछड़ा वर्ग हितैषी रही है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री चौहान ने चुनाव की घोषणा की तब कांग्रेस नेता विवेक तन्खा, जया ठाकुर, और सैयद जाफर अदालत में चले गए। हमारी सरकार आरक्षण के साथ चुनाव करवा रही थी, लेकिन कांग्रेस के स्टे के कारण चुनाव में व्यवधान हुआ और पिछड़ा वर्ग को जो आरक्षण मिलता था उससे भी वह वंचित हो गया। डॉ. मिश्रा ने कहा कि आज जो स्थिति बनी है उसकी जिम्मेदार कांग्रेस है।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि आज कांग्रेस भाजपा पर पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का हास्यास्पद आरोप लगा रही है। भाजपा ने सुश्री उमा भारती, स्व. बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के रूप में प्रदेश में तीन मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग के दिए। साथ ही मंत्रिमंडल में भी ओबीसी वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया। यहां तक की नेता प्रतिपक्ष भी पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित वर्ग से दिया, जबकि कांग्रेस ने एक भी मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष पिछड़ा वर्ग से नहीं बनाया। कांग्रेस में जो पिछड़ा वर्ग के नेता आगे बढ़े उन्हें पीछे धकेलने का काम कांग्रेस ने किया।

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