जीवनपयोगी वस्तुओं के बढ़ रहे दाम, भुगतान अटकाने से नहीं चलेगा काम
भोपाल, मध्यप्रदेश। महंगाई भत्ते के लिए संघर्ष करते कर्मचारियों का दर्द सामने आया है। इनका कहना है कि जीवनपयोगी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। दूसरी ओर सरकार इस विषय से बेफिक्र है। आरोप है कि शासन द्वारा पिछले तीन महीने में 1680 करोड़ रूपये राजकोष में हजम कर लिए हैं।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार सहित कई राज्यों की सरकार ने अपने कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 से 28 महंगाई भत्ता प्रदान कर दिया है। वहीं मप्र शासन में कार्यरत लाखों कर्मचारियों को जुलाई 2019 से 12 महंगाई भत्ता मिल रहा है। गैस, पेट्रोल, तेल, दाल और अनाज सभी जीवन पयोगी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। इसके बावजूद भी महंगाई का सामना करने के लिए कर्मचारियों को इसका भत्ता नहीं दिया जा रहा है। इनका आरोप है कि अधिकारी लगातार सरकार को गुमराह कर रहे हैं। नतीजतन तृतीय से लेकर चतुर्थ श्रेणी जैसे कर्मचारियों को सबसे अधिक आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। जबकि इसके लिए लगातार सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है।
नहीं हो पाया पाई-पाई का भुगतान : आशीष
मंत्रालय कर्मचारी संघ में कार्यवाहक अध्यक्ष आशीष सोनी का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कई मौकों पर कहा है शासकीय को उनकी सुविधाओं की पाई पाई दी जाएगी। कर्मचारी इस भुगतान के लिए मोहताज हो रहे हैं। कोरोना काल में शासन के हर आदेश का पालन किया। जब केंद्र सरकार व अन्य राज्य अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दे रही हैं।ऐसे में मप्र शासन को भी 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता अविलंब प्रदान करना चाहिए।
करोड़ों रूपये बचा लिए हैं सरकार ने : राठौर
मप्र शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री छत्रवीर सिंह राठौर का कहना है कि कर्मचारी इस समय आर्थिक रूप से परेशान है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 3 महीने में केंद्र के समान महंगाई भत्ता न देकर लगभग 1680 करोड़ रुपए बचाए। प्रदेश की सरकार द्वारा केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से 16 महंगाई भत्ता प्रदान करना चाहिए। ताकि कर्मचारी महंगाई के इस दौर में आर्थिक राहत पा सके।
कर्मचारियों के अनुसार महंगाई भत्ता न मिलने हर महीने हो रहा है इतना नुकसान :
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 2480 से 4640
तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को 3120 से 11216
द्वितीय श्रेणी अधिकारियों को 8976 से 18080
प्रथम श्रेणी अधिकारियों को 19696 से 32368
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