भोपाल : कोविड काल में अच्छे कार्य के लिए हुई मध्यप्रदेश पुलिस की सराहना

भोपाल, मध्यप्रदेश : प्रदेश की पुलिस कार्य प्रणाली को सर्वश्रेष्ठ बनाएं। प्रधानमंत्री मोदी की डीजी-आईजी कान्फ्रेंस के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने की समीक्षा।
कोविड काल में अच्छे कार्य के लिए हुई मध्यप्रदेश पुलिस की सराहना
कोविड काल में अच्छे कार्य के लिए हुई मध्यप्रदेश पुलिस की सराहनाSocial Media

भोपाल, मध्य प्रदेश। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड काल में मध्यप्रदेश की पुलिस द्वारा किए गए कार्य की राष्ट्र स्तर पर प्रशंसा हुई है। इसके लिए हमारा पुलिस महकमा बधाई का पात्र है। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अुनरूप मध्यप्रदेश की पुलिस कार्यप्रणाली को देश में सर्वश्रेष्ठ बनाना है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंगलवार को अपने निवास पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गत दिनों ली गई देश के समस्त डीजी एवं आईजी कॉन्फ्रेंस के संदर्भ में बैठक ली। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, एडीजी सतर्कता श्री मकरंद देउस्कर आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिए क्राइम एनालिसिस और अपराधों के हॉट स्पॉट छांटने में आईटी का पूरा उपयोग किया जाना चाहिए। सीसीटीवी नैटवर्क को और उन्नत किया जाए। पीएचक्यू में चीफ टैक्निकल ऑफीसर भी नियुक्त किया जाए।

महिला एवं बच्चों के विरुद्ध अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई :

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महिला एवं बच्चों के विरुद्ध अपराध के मामलों में प्रभावी कार्रवाई की जाना चाहिए। इसके लिए सभी जिलों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बाल एवं किशोर न्यायालयों को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाए।

नक्सली क्षेत्रों में कम्यूनिटी रेडियो :

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद को रोकने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिएं। आंध्रप्रदेश, उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ राज्यों की तरह मध्यप्रदेश की नक्सली आत्मसमर्पण योजना को बेहतर बनाएं। नक्सली क्षेत्रों में कम्यूनिटी रेडियो प्रारंभ करें, जो वहीं की भाषा में लोगों को जानकारी दें।

मिशन मोड में हो भगोड़ों के विरुद्ध कार्रवाई :

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि भगोड़ों के विरूद्ध मिशन मोड में कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे वे समाज में यहां-वहां न घूम सकें। गंभीर अपराधों (सात वर्ष से ऊपर सजा वाले) में एफएसएल विजिट अनिवार्य हो। जेलों के सुधार के संबंध में भी कार्य किया जाए। पुलिस अपना विजन 2030 तैयार करें। आंध्रप्रदेश की तर्ज पर इंटीग्रेटेड क्राइम मैनेजमेंट व्हीकल तैयार की जा सकती है।

मध्यप्रदेश में खोला जा सकता है एनएफएसयू का कैंपस :

इस बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनीवर्सिटी से संबद्धता संबंधी बैठक में निर्देश दिए कि प्रदेश में अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस की दक्षता, ज्ञान, अत्याधुनिक प्रणाली का उपयोग आदि के लिए इस विश्वविद्यालय की पूरी सेवाएं ली जाएं। प्रदेश में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का कैंपस खोला जा सकता है। इस संबंध में 01 सप्ताह में जानकारी दी जाए।

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