मध्यप्रदेश सरकार ने रेत नीति में कुछ बदलाव किये हैं।
मध्यप्रदेश सरकार ने रेत नीति में कुछ बदलाव किये हैं। Social Media

मध्यप्रदेश में जल्द ख़त्म होगी रेत आपूर्ति की समस्या

मध्यप्रदेश सरकार ने रेत की आपूर्ति की समस्या से निपटने के लिए प्रदेश की रेत नीति में कुछ बदलाव किये हैं। जानिए इस रिपोर्ट में प्रदेश की ताज़ा रेत नीति के बारे में-

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश खनिज संसाधन विभाग ने प्रदेश में रेत नियम-2019 के क्रियान्वयन की प्रक्रिया 43 जिलों में समूहवार शुरू की है। रेत खदानों की शुरू की गई निविदा प्रक्रिया की अंतिम तिथि 8 नवम्बर, 2019 निर्धारित की गई है। निविदाओं के बाद सफल उच्चतम बोली के निविदाकार को अपने जिले में रेत खदानों के संचालन की जिम्मेदारी दी जायेगी।

जिला कलेक्टर्स को दिए गए निर्देश

राज्य शासन ने नई नीति के अनुसार जिले में रेत खदानों के संचालन के लिये सभी वैधानिक अनुमतियाँ प्राप्त करने में लगने वाले समय को देखते हुए निजी भूमि पर उपलब्ध रेत खदानों और ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित रेत खदानों को पूर्व की भाँति निरंतर संचालित रखे जाने का निर्णय लिया है। जिन निजी भूमि एवं ग्राम पंचायतों की रेत खदानों को मानसून अवधि में प्रतिबंध लगने के पूर्व 30 जून, 2019 के पूर्व पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हो गई थी, ऐसी सभी खदानों को तत्काल संचालित करने के प्रस्ताव भेजने के निर्देश प्रमुख सचिव, खनिज संसाधन विभाग नीरज मण्डलोई ने जिला कलेक्टर्स को दिये हैं।

खनिज संसाधन मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में नई नीति के अनुसार रेत खदानों की निविदा के लिये बड़ी संख्या में इच्छुक निविदाकार तैयारी कर रहे हैं। नई नीति से प्रदेश को रेत से 464 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से अधिक राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जन-सामान्य को रेत प्राप्त करने में दिक्कत न हो, इसे ध्यान में रखते हुए पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त निजी भूमि की रेत खदानों और ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित रेत खदानों को चालू रखे जाने का निर्णय लिया गया है।

प्रदेश सरकार के द्वारा लिए गए फैसलों का असर जल्द ही बाजार में दिखना शुरू हो जायेगा प्रदेश सरकार के सख्त रुख के कारण रेत खनन तो कम हुआ था परन्तु रेत के कमी के कारण रेत के भाव आसमान छूने लगे थे। उम्मीद है कि नयी रेत नीति के बाद फिर से रेत के भाव सामान्य होंगे।

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