राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ के निर्देश पर टाईम बाउंड क्लीयरेंस एक्ट 2020 का मसौदा तैयार किया गया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक के लिए मुख्यमंत्री की चार दिवसीय दावोस यात्रा के दौरा उद्योगपतियों को इस मसौदे के साथ ही राज्य सरकार की निवेश मित्र नीतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री के दीर्घ प्रशासनिक, राजनैतिक और विकास को लेकर उनके दूरदर्शी अनुभवों के साथ टाईम बाउंड क्लीयरेंस एक्ट 2020 का मसौदा उनके मार्गदर्शन में तैयार किया जा रहा है। इससे किसी भी निवेशक को अपने उद्योग लगाने में अनुमतियाँ और स्वीकृतियाँ मिलने में देरी होने और अनावश्यक समय लगने से बचत होगी।
मुख्यमंत्री का मानना है कि परिणाम देने के लिए यह जरूरी है कि हर काम का समय सुनिश्चित हो और निर्धारित अवधि में वह काम हो। अपनी इस सोच को राज्य शासन की कार्य-संस्कृति में परिवर्तित करने के प्रयासों के साथ ही निवेश के क्षेत्र में भी मुख्यमंत्री ने विशेष पहल की है। उद्योग लगाने के इच्छुक लोगों को विभिन्न विभागों से समय पर उनके प्रोजेक्ट को क्लीयरेंस मिले, इस संबंध में जल्द ही एक सुनियोजित नीति बनाई जाएगी, जिसे कानून का स्वरूप दिया जाएगा। मसौदे में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम को नोडल एजेंसी बनाना प्रस्तावित किया गया है। इसमें उद्योग स्थापित होने की सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए समय की बाध्यता होगी।
टाईम बाउंड क्लीयरेंस एक्ट 2020 के कार्यरूप में परिणित होने पर लगभग ऐसी 24 सेवाओं, जो उद्योग स्थापित करने के लिए जरूरी है, को तत्काल मंजूरी मिल सकेगी। साथ ही 16 अन्य सेवाओं की स्वीकृति के लिए सात दिन का समय निर्धारित किया जाना प्रस्तावित है।
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