अपने फेंक गए नाली में, बुजुर्ग माँ ने दिया सहारा
अपने फेंक गए नाली में, बुजुर्ग माँ ने दिया सहाराDeepika Pal - RE

अपने फेंक गए नाली में, बुजुर्ग माँ ने दिया सहारा

मंदसौर, मध्यप्रदेश: नवजात बच्चे को निर्दयी तरीके से फेंकने का एक और मामला आया सामने, संदिग्ध लोगों की तलाश में जुटी पुलिस, जल्द होगा खुलासा।

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में आए दिन नवजात बच्चों को निर्दयी ढंग से फेंकने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं ऐसा ही एक मामला मंदसौर के शामगढ़ से आया है जहां बीते दिन शाम में कोई अज्ञात बच्चे को मस्जिद के पास की नाली में फेंक गया है जिसमें बच्चें की रोने की आवाज से काफी लोग इकट्ठा हुए लेकिन किसी ने उसे उठाने का प्रयास किया। उसी दौरान एक बुजुर्ग महिला हब्बन आपा (75) ने कागज की मदद से नवजात को बाहर निकाला और तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के बाद नवजात स्वस्थ है ।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, यह मामला मंदसौर जिले के शामगढ़ क्षेत्र का है जहां एक मस्जिद के पास नाली में कुछ अज्ञात, नवजात बच्चें को नाली में फेंक गए जिसके रोने की आवाज पर तुरंत मौके पर काफी लोग इकट्ठे हो गए लेकिन किसी ने भी उसे उठाने का प्रयास नहीं किया उसी दौरान मस्जिद में आई एक बुज़ुर्ग महिला हब्बन आपा (75) ने कागज की मदद से उसे बाहर निकाला और उसकी जान बचाई। वहीं बच्चे को तत्काल एबुंलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां शामगढ़ अस्पताल के बीएमओ डॉ. राकेश पाटीदार ने बताया कि, अस्पताल में लाने के दौरान बच्चें की हालात गंभीर थी, अगर ज्यादा देर हो जाती तो बच्चे की जान भी जा सकती थी, फिलहाल इलाज के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।

सीसीटीवी के आधार पर संदिग्धों की तलाश

इस संबंध में शामगढ़ पुलिस ने अज्ञातों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है जिसमें शामगढ़ थाना एसआई गौरव लाड़ ने बताया कि, मस्जिद के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई है जिसमें दो महिलाओं समेत एक पुरूष की भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही है फिलहाल आगे की कार्रवाई की जा रही है, जिससे मामले में जल्द खुलासा हो सकेगा। वहीं बता दें कि मामले में बच्चे की जान बचाने वाली बुजुर्ग महिला ने बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई है।

बच्चों को समर्पित करने वाली है कई संस्थाएं

बता दें कि, ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए बच्चों को समर्पित करने वाली प्रदेश में कई संस्थाएं हैं जहां बगैर पहचान और कारण बताए बच्चे को छोड़ा जा सकता है। वहीं प्रदेश में केंद्रीय दत्तकग्रहण अभिकरण (कारा) एक पोर्टल है, जहां शिशु गृहों में निवासरत बच्चे इस पर अपलोड होते हैं। गोद लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होता है। प्रतीक्षा सूची अनुसार कारा के माध्यम से बच्चे आवंटित होते हैं। ऐसे मामलों में विशेषज्ञ मानते हैं कि, कोई मां इतनी क्रूर नहीं होती जो अपने बच्चे को फेंक दे। महिला कहीं न कहीं सामाजिक बुराइयों की शिकार होगी है या वह अविवाहित या विधवा हो सकती है।

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