फिर चर्चा में मनुआभान टेकरी मामला! हत्यारे साबित हुए निर्दोष

भोपाल, मध्य प्रदेश: राजधानी भोपाल में आठवीं की छात्रा के साथ हुई खौफनाक वारदात आज फिर चर्चा में आ गई है। यह वही मामला है, जो पिछले साल चर्चा में रहा।
फिर चर्चा में मनुआभान टेकरी मामला
फिर चर्चा में मनुआभान टेकरी मामलाPriyanka Yadav - RE

राज एक्सप्रेस : राजधानी भोपाल में आठवीं की छात्रा के साथ हुई खौफनाक वारदात आज फिर चर्चा में आ गई है। यह वहीं मामला है, जिसमें भोपाल की मनुआभान टेकरी के पीछे आठवीं की छात्रा का सामूहिक दुष्कर्म कर पत्थरों से उसके सिर को कुचलकर हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में आया नया मोड़

आपको बता दें कि, मनुआभान की टेकरी के पीछे आठवीं की छात्रा के साथ रेप और हत्या करने वाले दोनों आरोपी डीएनए रिपोर्ट में बे-गुनाह निकले, अफसरों की साख में बलि का बकरा बने अविनाश साहू और जस्टिन राज, अफसरों ने थाने में की खातिरदारी से जुर्म कबूल लिया।

पुलिस अफसरों की लगाई फटकार

भोपाल जिला न्यायालय मजिस्ट्रेट ने पुलिस अफसरों की लगाई फटकार कहा- अब तक सागर फोरेंसिक लैब रिपोर्ट पर होते आए फैसले, इस मामले में क्यों मनमानी पर उतारू हो। क्या अपनी मनमर्जी मुताबिक तीसरी बार रिपोर्ट बनवाकर ही कोर्ट में पेश करोगे रिपोर्ट।

डीएनए रिपोर्ट निकली नेगेटिव

मिली जानकारी के अनुसार आप को बता दें कि आरोपी के ब्लड और (सीमन) वैजाइनल स्वाव रिपोर्ट का मिलान नहीं हुआ, छात्रा के शरीर से लिये गए सेंपल में शुक्राणु अविनाश और जस्टिन की जगह किसी दूसरे के हैं। जो अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं है। सागर फोरेंसिक लैब से दो बार आई डीएनए रिपोर्ट में हुआ खुलासा, अब डीएनए रिपोर्ट बनी गले की फ़ांस, इस मामले में पुलिस अफसरों के हाथ-पैर फूल गये हैं।

फोरेंसिक जाँच और पुलिस रिपोर्ट में भेद

पुलिस अफसरों ने अपने मुताबिक रिपोर्ट बनवाने घालमेल करने के बाद तीसरी मर्तबा अब रिपोर्ट को हैदराबाद के बाद दिल्ली भेजा गया, सागर फोरेसिंक लैब की रिपोर्ट पर नहीं भरोसा दोनों में कौन सही-झूठा पुलिस अफसर या फिर सागर की फोरेंसिक लैब जो अब तक डीएनए रिपोर्ट सिद्ध कर हजारों गुनहगारों को ता-उम्र सलाखों के पीछे और 29 आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचा चुकी, अब पुलिस अफसर अपनी साख बचाने के लिए दोनों युवकों की तरह पुलिस के निचले अमले को बलि का बकरा बनाने की तैयारी में जुटे।

असली आरोपी कौन, बलात्कार और हत्या किसने की ?

दरसअल छात्रा से बलात्कार के बाद हत्या करने वाले दोनों आरोपियों की डीएनए रिपोर्ट नेगेटिव निकली है दिल्ली से आने वाली रिपोर्ट तय करेगी की गुनाहगार कौन है वही सागर से दो बार आई डीएनए रिपोर्ट बनी पुलिस अफसरों के गले की फांस।

सैंपल हो गया खराब गुपचुप तरीके से हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की ले रहे मदद, न्याय दिलाने में फिसड्डी साबित हुई पुलिस अफसरों ने सागर फोरेंसिक लैब पर लगाया प्रश्नचिन्ह, तफ्तीश से लेकर साक्ष्य एकत्रित करने में शुरू से की लापरवाही

न्यायालय में कहा

राजधानी पुलिस के अफसर मासूम बच्ची के साथ बलात्कार के बाद हुई हत्या के मामले में परिवारजनों को न्याय दिलाने में फिसड्डी साबित हो गए। मृतका के पीड़ित परिवार-जन न्याय की बांट जोह रहे हैं, पुलिस अफसर डीएनए रिपोर्ट में उलझकर अपनी साख बचाने में जुटे हुए हैं। कोहेफिजा थाना क्षेत्र स्थित मनुआभान की टेकरी के पीछे 12 साल की छात्रा के साथ हुए बलात्कार और हत्या की सनसनीखेज घटना में सबसे चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसे पुलिस अफसर हजम नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस अफसर दबी जुबान मामले को दबाने में जुटे हुए हैं।

दअसल, पुलिस की चालान डायरी में आरोपी बने जस्टिन राज और अविनाश साहू की सागर फोरेंसिक लैब से डीएनए रिपोर्ट निगेटिव आई है, यह डीएनए रिपोर्ट पुलिस अफसरों के लिए गले की फांस बन गई है। लेकिन पुलिस अफसर नेगेटिव रिपोर्ट को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। अब ऐसे में अहम सवाल यह उठता है कि डीएनए रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद आखिर छात्रा के साथ बलात्कार के बाद हत्या किसने की। असली आरोपी कहां है।

घटना को लेकर सवाल-

  • पुलिस ने हेमिल्टन कोर्ट कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे के आधार पर आते-जाते दिखने पर अविनाश और जस्टिन को आरोपी बनाया, तो बुआ को आरोपी क्यों नहीं बनाया।

  • आरोपी जस्टिन और अविनाश के बयान जिस कागज पर लिए गए, वह महज चार लाइनों का है। जिसमें सिर्फ घटना के बारे में कबूल करना है। उल्लेख किया है कि बलात्कार किया और हत्या कर दी।

  • बयानों को लेकर सवाल यह खड़ा होता है कि वह कैसे पहुंचा। बलात्कार के बाद हत्या करने के बाद कहां घूमते रहे, क्या करते रहे आदि।

  • पुलिस अफसरों ने न्यायालय में दलील दी कि सैंपल खराब हो गया, लेकिन दो बार डीएनए सैंपल कैसे और किसकी लापरवाही से खराब हुआ।

  • पुलिस ने पहला डीएनए टेस्ट 4 मई को कराया, दूसरा 11 जून को। फिर तीसरी बार कराने की क्या जरूरत थी। 21 अगस्त को तीसरी बार कराया, जो रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है।

  • सागर फोरेंसिक लैब से डीएनए रिपोर्ट निगेटिव आई है, तो पुलिस ने संदिग्ध आरोपियों की तफ्तीश क्यों नहीं की।

  • नेगेटिव डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक छात्रा के साथ बलात्कार किसने किया, असली आरोपियों को पुलिस ने पकड़ने का प्रयास क्यों नहीं किया।

  • पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में छात्रा के साथ बलात्कार के बाद हत्या की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने अन्य टेस्ट के लिए स्लाइड भी बनाई थी।

  • पुलिस ने इस मामले में हत्या, बलात्कार, साक्ष्य छुपाने और पॉक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की है।

  • पुलिस आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य और सबूत एकत्रित क्यों नहीं कर पाई है।

हम प्रदेश भर से डीएनए रिपोर्ट कलेक्ट करते हैं, उसको तय समय पर भेजना हमारा काम है। भोपाल से डीएनए रिपोर्ट आई, हमने तय समय पर उसका परीक्षण कर बंद लिफाफे में रिपोर्ट को भेज दिया। रिपोर्ट क्या है, यह हम नहीं बता सकते।

डॉ. हर्ष शर्मा, डायरेक्टर सागर फोरेसिंक लैब

पुलिस को सागर फोरेसिंक लैब पर भरोसा नहीं है। वजह साफ है कि साक्ष्यों को नष्ट करना। जिससे पुलिस को राहत मिल सके। इसलिए सागर से आई रिपोर्ट को पेश नहीं किया और तीसरी बार न्यायालय से रिपोर्ट को दिल्ली लैब से जांच कराने की अनुमति मांगी है।

रजनीश बरया, आरोपी जस्टिन के वकील

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