उमरिया : सम्पत्तिकर की आड़ में वसूली, जांच के लिए सौंपा ज्ञापन

उमरिया, मध्य प्रदेश : संपत्तिकर के नाम पर बीते कई महीनों से नगरपालिका में यह विभाग देख रहे अधिकारी और कर्मचारी मजे लूट रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही जनहित में मोर्चा खोला हुआ है।
सम्पत्तिकर की आड़ में वसूली, जांच के लिए सौंपा ज्ञापन
सम्पत्तिकर की आड़ में वसूली, जांच के लिए सौंपा ज्ञापनAfsar Khan

उमरिया, मध्य प्रदेश। संपत्तिकर के नाम पर बीते कई महीनों से नगरपालिका में यह विभाग देख रहे अधिकारी और कर्मचारी मजे लूट रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही जनहित में मोर्चा खोला हुआ है, मंडल अध्यक्ष राजेंद्र कोल सहित कांग्रेस नेताओं ने भी इस संदर्भ में कलेक्टर को ज्ञापन सौंप जांच और कार्यवाही की मांग की है। आरोप यह भी है कि संपत्ति कर के नाम पर तथाकथित कर्मचारियों ने करोड़ों रूपये की बेनामी संपत्ति बना ली, यही नहीं भवन निर्माण की अनुमति देने व निर्माण को रोकने के नाम पर भी खुलेआम अवैध वसूली चल रही है।

राजस्व शाखा से हो रहा खेल :

राजस्व शाखा में पदस्थ कर्मचारी द्वारा सम्पत्तिकर वसूली के नाम पर नगर के नागरिकों से लंबी रकम लेकर नगर पालिका परिषद को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। नगर पालिका के 1-2 कर्मचारी जो वर्तमान में राजस्व शाखा के एक छोटे पद पर कार्य कर रहे हैं। परिषद में राजस्व उप निरीक्षक, राजस्व निरीक्षक के पद खाली हैं, इन कर्मचारियों का कार्य सिर्फ नगर पालिका की राजस्व के आय को बढ़ाना है और वार्डों में जाकर राजस्व वसूली करना है।

वर्षाे से पदस्थ हैं कर्मचारी :

नपा में जो कर्मचारी सम्पत्तिकर का निर्धारण एवं महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं, वे बीते कई वर्षाे से यहां पदस्थ हैं, इस कारण उन्हें यहां की भौगोलिक स्थिति की पूरी जानकारी है। इसी बात का फायदा उठाकर नगर पालिका परिषद क्षेत्रान्तर्गत बनें भवनों का सम्पत्तिकर निर्धारण कर कार्यालय से डिमांड नोटिस सीएमओ के माध्यम से जारी की जाती है।

नोटिस और अवैध वसूली :

पुराने मकानों में इकजाई टैक्स लाकर लंबी रकम की नोटिस दी जाती है फिर उन्हें बुलाकर सौंदा तय किया जाता है और दी गई नोटिस को गुम कर दिया जाता है, नगर पालिका के कई वर्षों से लगे टैक्स को घटाकर मात्र 1-2 वर्ष का टैक्स लगाकर उसके एवज में लंबी रकम ली जाकर भ्रष्टाचार किया जाता है और नगर पालिका के राजस्व की हानि की जाती है। ऐसा खेल कई वर्षों से चल रहा है, ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों की जांच करने कलेक्टर/प्रशासक से अपेक्षा है। इन्हीं कर्मचारियों द्वारा आवास जैसे महत्वपूर्ण योजना का भी कार्य किया जाता है, जिसमें भी व्यापक धांधली की जा रही है। नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत कई अपात्र लोगों को इस योजना का लाभ भी पैसे लेकर दिया गया है और पात्र गरीब लोग वंचित रह गये हैं, जिन्हें लाभ मिलना चाहिए, वे दर-दर भटक रहे हैं और सगे संबंधियों को लाभ देकर इतिश्री कर ली जाती है। यदि इसकी भी जांच हो तो धांधली की कलई खुलते देर नहीं लगेगी। इन कर्मचारियों के ऊपर प्रभावशील लोगों का वरदहस्त भी है। जिसके कारण इन्हें भ्रष्टाचार की जांच एवं धांधली की कलई नहीं खुल पाती है।

कांग्रेस-भाजपा मैदान में :

भारतीय जनता पार्टी के मण्डल अध्यक्ष राजेश कोल सहित कांग्रेस के महासचिव एवं पूर्व विधायक अजय सिंह तथा पार्टी के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा आदि ने इस मामले में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे हैं, जिसमें यह उल्लेख किया गया कि नपा के कर्मचारी पहले तो लोगों को संपत्ति कर का नोटिस भेजते हैं, फिर उनसे मामले को रफा-दफा करने के नाम पर पैसों की मांग करते हैं, जिससे स्थानीय वाशिंदे परेशान हैं। कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि किसी नागरिक के सांथ अन्याय नहीं किया जायेगा। इस मामले की जांच कराने के सांथ ही आरोप सही पाये जाने पर दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनो से नगर पालिका द्वारा संपत्ति वसूली का अभियान छेड़ा गया है। इसके तहत नये मकान मालिकों तथा पूर्व से रह रहे कई लोगों को नोटिस जारी किये जा रहे हैं। बताया गया है कि नगर पालिका द्वारा संपत्ति और मकानों की नापजोख किये बगैर ही लाखों रूपये के नोटिस थमा दिये गये हैं।

अपने मन से निर्धारित की गई दरें :

आरोप है कि, राजस्व शाखा मे पदस्थ कर्मचारियों द्वारा मनमाने तौर पर न सिर्फ संपत्ति कर की दरें बढ़ा दी हैं, बल्कि पिछले दो-तीन सालों से इन्ही दरों पर वसूली भी की जा रही है। कांग्रेस की मांग है कि, पिछले पांच सालों ने नगर पालिका द्वारा वसूली गई संपत्ति कर के दरों की जांच करा कर जनता से वसूली गई अवैध राशि वापस कराई जाय। साथ ही ठगी करने वाले कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाय।

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