आईएएस खान के ट्वीट पर हंगामा, विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिया जवाब
भोपाल, मध्य प्रदेश। चलिए 30 साल बाद ही सही पर आपने माना तो की कश्मीरी पंडितों-हिंदुओं के साथ अनन्य, अत्याचार, बर्बरता हुई । 30 साल बाद आपने माना तो इस्लामिक कट्टरवाद, जिहाद के लिए कैसे हिंदुओं को मिट्टी में मिलाने की सोच का उदाहरण 19 जनवरी 1990 को पेश किया गया।
यदि इस इस्लामिक कट्टरवाद को नही रोका गया तो भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश के लिए कितना घातक होगा….इस पर रिसर्च कर नॉवेल कोई IAS (आप जैसे) द्वारा लिखा जाएगा तो निश्चित रूप से यह देश को आगाह करने के लिए 'The Kashmir file' से ज़्यादा कारग़र सिद्ध होगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहते हुए सिर्फ़ मुसलमानो के प्रति आपकी चिंता व्यक्त करना कही न कही संघ लोक सेवा आयोग के आचरण के विपरीत है फिर भी आपको मुसलामानों का रहनुमा बनने का शौक़ है तो IAS की नौकरी छोड़ कर मैदान में आइए।
मैं मध्यप्रदेश सरकार से भी आग्रह करता हूँ की इनके कथन पर स्पष्टीकरण लिया जाए और पूछा जाए कि देश में ऐसा कौन सा प्रांत है जहाँ मुसलमानों को मारा जा रहा है। वैसे तो देश में कही दंगे नहीं हो रहे न हो पाएँगे पर पूर्व में हुए भिवंडी, भागलपुर, मुज़फ़्फ़रनगर, बंगाल, केरल में हिंदू-मुस्लिम दंगो में भी हिंदुओं की मौत का आँकड़ा मुस्लिमों की मौत से ज़्यादा निकलेगा।
एक बात और नियाज़ खान जी…
मुस्लिमों के लिए कीड़ा मकोड़े जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें क्योंकि भारत में सच्चे देशभक्त APJ अब्दुल कलाम साहब, अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ, जैसे भी हुए हैं।
रामेश्वर शर्मा, विधायक हुज़ूर
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