मप्र : माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मभूमि बाबई में खोला गया पुस्तकालय
मप्र : माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मभूमि बाबई में खोला गया पुस्तकालयRishabh Jat-RE

मप्र : माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मभूमि बाबई में खोला गया पुस्तकालय

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मभूमि बाबई में खोला पुस्तकालय।

राज एक्सप्रेस। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राष्ट्रकवि, पत्रकार एवं संपादक माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मभूमि बाबई (होशंगाबाद) में पिछले 20 वर्षों की लंबित मांग को पूरा करते हुए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने नगर में एक पुस्तकालय का लोकार्पण किया है। बुधवार को विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी, सामाजिक संस्था ‘संकल्प’ एवं नगर के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में सिरवाड़ रोज स्थित तवा कॉलोनी के एक नवनिर्मित भवन में दादा माखनलाल जी के नाम पर पुस्तकालय एवं वाचनालय का लोकार्पण फीता काटकर किया गया।

दादा माखनलाल जी की पवित्र धरा पर हुए गरिमामय समारोह में कुलपति दीपक तिवारी ने कहा कि वे चाहते हैं कि, पुस्तकालय में आकर विद्यार्थी और नागरिक अध्ययन करें एवं इसका भरपूर लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यदि कुछ लोग भी पुस्तकालय की पुस्तकों से अध्ययन करके अपने जीवन में कुछ पाते हैं तो यह विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित किए इस पुस्तकालय की बड़ी उपलब्धि होगी।

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महात्मा गांधी एवं माखनलाल जी को याद करते हुए कुलपति दीपक तिवारी ने कहा कि गांधी जी ने दादा माखनलाल जी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बनाया और खुद उनसे मिलने बाबई में आए जो कि ऐतिहासिक बात है। उन्होंने कहा कि माखनलाल जी का व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि उस समय की मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें घर जाकर सम्मान दिया था। कुलपति तिवारी ने सागर के पास रतौना आंदोलन में दादा माखनलाल जी की विशेष भूमिका पर खासतौर पर प्रकाश डाला।

कुलपति ने सिद्धांतों, मूल्यों एवं अहिंसा की बात करते हुए कहा कि, महात्मा गांधी के जो आदर्श थे, वही माखनलाल जी के आदर्श थे। उन्होंने देशप्रेम की बात करते हुए कहा कि देशभक्ति सबको प्रेम करना सिखाती है। अंत में उन्होंने कहा कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी जी के सिद्धांतों एवं मूल्यों को जीवित रखते हुए उन्हीं के मूल्यों पर चल रहा है। इस मौके पर नगर के वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोदूलाल नागोरिया ने कहा कि दादा माखनलाल इतने महान व्यक्तित्व के धनी थे कि, उनसे मिलने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वयं बाबई जैसे छोटे से गांव में आए थे।

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