भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में इस साल जून के महीने में ही मौसम का मिजाज पल-पल बदला था, जोरदार बारिश के साथ पूरा शहर झमाझम बारिश से तरबतर रहा। बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल के बीच जहां पूरी दुनिया में हाहाकार की स्थिति बनी हुई है वहीं इस संक्रमण काल में मानसून की अच्छी शुरुआत रही है, मध्यप्रदेश के हर जिले में जून के महीने में झमाझम बारिश के चलते ही बारिश का कोटा तय कोटे से ज्यादा हो गया है।
मौसम वैज्ञानिक का कहना-
प्रदेश में एक ब्रॉनिका लाइन बनी हुई है जो शिवपुरी-सीधी से होकर गुजर रही है इसी द्रोणिका लाइन के चलते 2 दिनों तक मध्यप्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश नहीं होगी, एक से दो दिन बाद पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश में बारिश होने के आसार हैं।
10 साल में तीसरी बार तय समय पर मानसून :
बताते चलें कि, बीते 10 साल में तीसरी बार 2013 में 10 जून, 2015 में 14 जून के बाद मानसून तय समय 15 जून से पहले प्रदेश में आया। जिसमें वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने जानकारी देते हुए बताया था कि पिछले दिनों अरब सागर में उठे तूफान निसर्ग और बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया बनने के कारण इसकी दोनों ब्रांच सक्रिय रहीं।
1 से 7 जुलाई तक कम बारिश के आसार :
जून के महीने में मॉनसून सभी जिलों में मेहरबान रहा, वहीं जुलाई के पहले हफ्ते में कम बारिश रह सकती है, मध्यप्रदेश के ज्यादातर जिलों में 1 से 7 जुलाई तक बारिश ना होने की संभावना है।
MP के ज्यादातर जिलों में बारिश रिकॉर्ड दर्ज
खजुराहो 0.6 मिलीमीटर,
पचमढ़ी 7.8 मिमी,
बैतूल-27.6 मिमी,
सागर-2 मिमी,
दमोह-3 मिमी,
जबलपुर- 5.7 मिमी,
टीकमगढ़-2 मिमी,
छिंदवाड़ा-3.6 मिमी
सतना-19.4 मिमी,
रीवा-5.2 मिमी,
सीधी- 5.6मिमी,
इंदौर-0.6मिमी,
शाजापुर-4मिमी,
उज्जैन-35.2 मिमी,
रतलाम-7मिमी,
उमरिया- 41.2,
मलाजखंड-44.5 मिमी,
नरसिंहपुर- 11मिमी,
ग्वालियर-0.6मिमी
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