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MP Weather Update : सितंबर अंत तक वर्षा की गतिविधियां रहेंगी जारी, फिर बना सिस्टम

भोपाल, मध्यप्रदेश : अमूमन सितंबर में इस समय तक मानसून अपने अंतिम दौर में होता है। लेकिन इस साल लगातार बनने वाले सिस्टम के कारण सितंबर अंत तक मानसून की विदाई नहीं होगी।

भोपाल, मध्यप्रदेश। अमूमन सितंबर में इस समय तक मानसून अपने अंतिम दौर में होता है। लेकिन इस साल लगातार बनने वाले सिस्टम के कारण सितंबर अंत तक मानसून की विदाई नहीं होगी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि सितंबर माह के मध्य तक मानसून की वापसी होने लगती है। वेदर सिस्टम कम बनते हैं। हवाओं का रुख भी बदलने लगता है, लेकिन इस बार एक के बाद एक वेदर सिस्टम बनने से मानसून अभी तक सक्रिय है। मौजूदा सिस्टम कमजोर पड़ चुका है लेकिन वातावरण में नमी मौजूद है। वहीं बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बन गया है जो पश्चिम बंगाल में पहुंच चुका है जो आगामी दो-तीन दिन में झारखंड, छत्तीसगढ़ से होते हुए प्रदेश से गुजरेगा। उसके बाद 25 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक अन्य कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिल रहें हैं। लगातार बनने वाले सिस्टम की वजह से सितंबर अंत तक वर्षा की गतिविधियां जारी रहेंगी। इस दौरान प्रदेश में कहीं -कहीं तेज वर्षा भी हो सकती है।

अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर में भी बरसेगा पानी :

मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मौजूदा सिस्टम के प्रभाव से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों जगह में नमी मिल रही है। अब तक बंगाल की खाड़ी में अब तक तीन सिस्टम बन चुके हैं। सोमवार को एक और लो प्रेशर एरिया बन गया है। वहीं 25 सितंबर को पांचवा सिस्टम ( एक और लो प्रेशर एरिया)बनेगा जिससे वर्षा की गतिविधियां सितंबर अंत तक नहीं थमेंगी। सितंबर के बाद अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर में भी पश्चिमी विक्षोभ के कारण वर्षा होने की संभावना है।

रीवा से होकर गुजर रहा है मानसून ट्रफ :

मप्र पर बना कम दबाव का क्षेत्र दुर्बल होकर पूर्वी राजस्थान की तरफ खिसक गया है। जबकि तटीय तमिलनाडु और बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में बने चक्रवात सक्रिय है। मानसून ट्रफ वर्तमान में पूर्वी राजस्थान से मप्र के रीवा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। वहीं एक अन्य ट्रफ लाइन राजस्थान से लेकर अरब आगर तक और कर्नाटक-तमिलनाडु से कोमनीर सागर तक गुजर रही है। प्रदेश से मानसून ट्रफ के गुजरने के कारण आगामी दो-तीन दिन शहडोल, जबलपुर संभाग में अच्छी बारिश होगी। वहीं राजधानी सहित अन्य इलाकों में दिन में धूप- छांव रहेगी। शाम को गरज-चमक के साथ बौछारें पडऩे का सिलसिला जारी रहेग।

ऐसा है मौसम का मिजाज :

सोमवार को राजधानी में धूप-छांव के बीच बादलों की तांक-झांक जारी रही। लेकिन शहर में वर्षा दर्ज नहीं की गई। दिन और रात का पारा सामान्य और रात का एक डिग्री कम दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 30.8 डिग्री और न्यूनतम 23.4 डिग्री रहा। मौसम विभाग के मुताबिक भोपाल संभाग में आगामी 24 घंटे के दौरान गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है। राजधानी भोपाल में धूप-छांव के बीच बादल छाए रहेंगे। वहीं शहर में गरज-चमक के साथ बारिश होने की भी संभावना है। इसके साथ ही 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेगी और अधिकतम तापमान 30 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।

बारिश का कोटा होगा पूरा :

बीते कई दिनों से जारी के वर्षा के कारण शहर व आसपास के जलाशय लबालब हो गए हैं। साहा ने बताया कि पल्स / माइन्स 19 प्रतिशत को सामान्य वर्षा ही माना जाता है। उस लिहाज से शहर में सामान्य वर्षा हो चुकी है। इस साल जून में सामान्य से अधिक तो जुलाई ,अगस्त में कम वर्षा हुई भी। अब सितंबर की औसत बारिश 186.9 मिमी को कोटा पूरा होने के लिए करीब 16 मिमी बारिश की जरूरत है। सिस्टम सक्रिय होने से सितंबर की वर्षा के साथ ही सीजन की कुल वर्षा का कोटा पूरा होने की पूरी उम्मीद है। भोपाल में 1 जून से 20 सितंबर की सुबह 8.30 बजे तक 925 मिमी पानी बरस चुका है। सीजन की कुल वर्षा 1051.4 मिमी का आंकड़ा छूने के लिए अब भी करीब 126 मिमी वर्षा की दरकार है।

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