कोरोनाकाल में नगर निगम ने डाला जनता पर बोझ : सज्जन सिंह वर्मा

इंदौर, मध्यप्रदेश : बढ़ती महंगाई में नगर निगम ने टैक्स में वृद्धि कर लोगों को जोरदार झटका दिया है। वर्मा ने टैक्स वृद्धि को तानाशाहीपूर्ण कदम बताया कहा प्रदेश में शिवराज लूट रहे हैं।
कोरोनाकाल में नगर निगम ने डाला जनता पर बोझ : सज्जन सिंह वर्मा
कोरोनाकाल में नगर निगम ने डाला जनता पर बोझ : सज्जन सिंह वर्माSocial Media

इंदौर, मध्यप्रदेश। पूर्व मंत्री विधायक सज्जन सिंह वर्मा भी हुए मुखर, 1 अप्रैल से शहर के लोगों को जलकर और कचरा शुल्क की दुगुनी राशि नगर निगम में जमा कराना होगी। इसके साथ ही सीवरेज का नया टैक्स भी जनता पर लाद दिया है। बढ़ती महंगाई में नगर निगम ने टैक्स में वृद्धि कर लोगों को जोरदार झटका दिया है, जबकि शहर के लोग कोरोना काल के कारण न तो ठीक से व्यापार कर पा रहे हैं और न ही नौकरी करने वालों को पूरी तनख्वाह मिल रही है। इससे आम आदमी पर असर पड़ेगा। विधायक वर्मा ने टैक्स वृद्धि को तानाशाहीपूर्ण कदम बताया कहा प्रदेश में शिवराज लूट रहे हैं।

जनता पर कर का पंच, कांग्रेसी पहुंचे निगम आयुक्त से मिलने :

महापौर प्रत्याशी- संजय शुक्ला, नेता प्रतिपक्ष-फौजिया शेख अलीम के नेतृत्व मे कॉंग्रेस पार्षद दल 31 मार्च को निगम आयुक्त-प्रतिभा पाल को ज्ञापन देकर नगर पालिक निगम, इन्दौर द्वारा गत दिनों बिना बजट बैठक बुलाये एवं शहर के जनप्रतिनिधियों को नजरअन्दाज कर अप्रत्यक्ष रूप से नया सिवरेज कर, जलकर, कचरा शुल्क एवं सम्पत्तिकर व अन्य करों मे अप्रत्यक्ष रूप वृद्धि कर, सख्ती से वसूली की जा रही है। कोरोना महामारी ने लोगों के रोजगार, धन्धे छिन लिये हैं, गरीब नागरिकों की भूखे मरने की नौबत आ गई है, एक ओर जहाँ अनेक धार्मिक, परमार्थिक संस्थाऐं कोरोना महामारी से जूझ रहें नागरिको को भोजन, कपड़े जैसी अनेक सहायता प्रदान कर रही हैं, विश्व बाजार आर्थिक मंदी एवं महामारी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में नगर निगम द्वारा करों में वृद्धि कर सख्ती से वसूली की जाना अमानवीय कृत्य है।

नगर पालिक निगम का कार्य शहर के नागरिकों की सेवा करना है एवं शहर के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। नागरिकों सुलभ जलापूर्ति करना एवं आवश्यक सेवाएँ करने वाला, किन्तु नगर निगम एक प्रायव्हेट कम्पनी की तरह कार्य करते हुए शहर के नागरिकों से अधिक से अधिक कर आरोपित कर उनसे जबरिया वसूली कर रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। नगर निगम को मध्यमवर्गीय परिवार प्रतिवर्ष कर रूप में लगभग 8 हजार रूपये दे रहा है 7 जो कि उसकी आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए बहुत अधिक है। नगर निगम को करों में वृद्धि करने की बजाये शासन में लंबित अपनी राशि लगभग 600 करोड़ एवं चुंगी क्षतिपूर्ति एवं अन्य राशि को शीघ्र प्राप्त करने के लिये प्रयास करना चाहिये। उक्त राशि यदि शासन से प्राप्त हो जाती है तो निगम को करों में वृद्धि करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। वैसे भी नगर निगम को प्रतिवर्ष करोड़ों रूपये करों में प्राप्त हो रहे हैं, उक्त आय को नगर निगम के कर्ताधर्ता स्वच्छता सर्वेक्षण एवं अन्य कार्यों के नाम पर अनाप-शनाप व्यय कर रहें हैं।

करों में की गई वृद्धि को कम किया जाए :

कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए नगर पालिक निगम, इन्दौर द्वारा करों में की गई वृद्धि को निरस्त करना चाहिये साथ ही करो में अनेक प्रकार छूट देना चाहिये।

किश्तों के लिए समय देना चाहिए :

जो नागरिक कर जमा करने में अक्षम हैं उसे किश्त में कर प्राप्त किया जायें एवं जिस घर में महामारी से किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई हो, उसको कर में पूरी तरह छूट प्रदान की जाना चाहिये।

निगम कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन :

निगम कमिशनर को ज्ञापन देते समय पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, विधायक विशाल पटेल, शेख अलीम, पूर्व विधायक अश्विन जोशी, शशि यादव, अनूप शुक्ला एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेतागण उपस्थित थे ।

नल महीने में 15 दिन बिल पूरे माह का :

कांग्रेस नेता अनूप शुक्ला, रविकांत मिश्रा ने जलकर और कचरा वृध्दि का विरोध किया है। नगर निगम 1 अप्रैल से पानी का बिल 200 रु से बढ़ाकर मासिक 400 रु वसूलेंगी जबकि हमारे यहां नल महीने में मात्र 15 दिन ही आता है और कहीं कहीं तो वो भी नहीं आता हैं। घरों से कचरा उठाने का शुल्क भी दोगुना कर दिया गया है। सीवरेज शुल्क मतलब सड़कों पर बहने वाले ड्रेनेज सिस्टम के शुल्क लागू कर दिए गए हैं, संपत्ति शुल्क तो मनमाने ढंग से ही वसूल किया जाता रहा है, जहाँ महंगाई प्रतिदिन घर की रसोईघर में दानव की तरह पैर पसारती जा रही है। वहां ऐसे आदेशों को आंख बंद कर मान लेना गुलामी की निशानी है।

इंदौर मुन्सिपल कॉरपोरेशन बना इंदौर वसूली कॉरपोरेशन : कांग्रेस

इंदौर मुन्सिपल कॉरपोरेशन ने बिना दावे-आपत्ति सुझाव के जल कर, जलमल और ठोस अपशिष्ट प्रभंधन सेवाओं के लिए उपभोक्ता प्रभार अधिरोपित करने का फैसला लेने के साथ सार्वजनिक सूचना जारी कर दी। शहर की जनता पर डाले जा रहे हैं आर्थिक बोझ को लेकर शहर की जनता से दावे-आपत्ति और सुझाव लेना तो दूर शहर के चुने हुए जन प्रतिनिधियों से चर्चा करना भी जरूरी नहीं समझा।

इंदौर नगर निगम पर हमलावर होते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राजेश चौकसे, प्रवक्ता अमित कुमार चौरसिया ने कहा कि ऐसा लगता है भारतीय जनता पार्टी की सरकार में चुने हुए जन प्रतिनिधियों का कोई महत्व ही नहीं रह गया है। यह शहर और प्रदेश पूरी तरह अधिकारियों के अधीन हो गया है। लगातार प्रदेश सरकार के अविवेकपूर्ण निर्णयों से प्रदेश और शहर की जनता का जीवन यापन कठिन होता जा रहा है।

कोरोना महामारी की रोक थाम में जहाँ प्रदेश सरकार नाकाम हो रही है, वहीं बेतुके निर्णयों से जनता में असंतोष गहराता जा रहा है पहले होली के त्यौहार पर सरकार का यू टर्न अब आर्थिक रूप से टूट चुकी जनता पर नगर निगम के द्वारा बढ़ाये गए करों से जनता की जीवन दूभर हो जाएगा। शहर के कई परिवार अपने बच्चों की स्कूल की फीस तक नहीं भर पा रहे हैं ऐसे में निगम द्वारा बढ़ाये गए नवीन करों को जनता कैसे चुकायेगी। प्रति परिवार को नए करों के तहत सालाना बीस हज़ार रुपये अधिक देना होंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा सरकार में केंद्र से लेकर प्रदेश तक मे लूट तंत्र का बोलबाला है। विकास के नाम पर जनता के जेब पर सीधा डाका डाला जा रहा है। नगर निगम द्वारा बढ़ाये गए टैक्सों से गरीब एवं मध्यवर्गीय लोग आर्थिक बोझ तले दब जाएंगे। इंदौर मुन्सिपल कॉरपोरेशन शिवराज सरकार की वसूली उगाही केंद्र बन गया है।कांग्रेस पार्टी बढ़ाये गए टैक्स को तुरंत वापिस लेने की मांग करती है साथ ही शहर की जनता से अपिल भी करती है कि इंदौर नगर निगम की हठधर्मिता के खिलाफ लामबंद होकर बड़े हुए टैक्सो का पुरजोर विरोध करें।

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