राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ मंत्रालय में कृषि सलाहकार परिषद की गठन होने के बाद आयोजित पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। कमल नाथ ने कहा कि कृषि सलाहकार परिषद की बैठक में सिर्फ चर्चा न हो। इसके निष्कर्ष भी निकलें और उनका क्रियान्वयन किसानों की बेहतरी में हो। इस लक्ष्य के साथ काम करने की आवश्यकता है। कमल नाथ ने परिषद के सदस्यों से कहा कि, वे अगली बैठक के पहले मुझे और परिषद के सचिव सलाहकार को अपने सुझाव दें, जिससे उनका अध्ययन हो सके और अगली बैठक में उन पर चर्चा के साथ निर्णय हो।
कमल नाथ ने कहा कि, कृषि सलाहकार परिषद परिणाम देने वाली संस्था बने। उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य है कि मध्यप्रदेश हार्टीकल्चर की राजधानी बने। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति और प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था मजबूत होगी। बैठक में परिषद के सदस्य और रतलाम के उन्नत किसान ताराचंद पटेल ने मुख्यमंत्री को बीज रहित अमरूद भेंट किये। उन्होंने बताया कि उनका यह उत्पादन विदेशों में भी निर्यात किया जाता है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि, हमारी अर्थ-व्यवस्था कृषि आधारित है। प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी खेती-किसानी से जुड़ी है। जब तक किसानों के पास क्रय शक्ति नहीं होगी, तब तक हम आर्थिक गतिविधियों का विस्तार नहीं कर पाएंगे। छोटे-मोटे व्यापार, व्यवसाय पनपें, इसके लिए किसानों का आर्थिक रूप से सुदृढ़ होना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने हार्टीकल्चर क्षेत्र को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए जरूरी है कि किसानों को विश्वास हो कि उनके द्वारा उत्पादित फसलों को खरीदा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपेक्षा की, कि कृषि सलाहकार परिषद किसानों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर उनकी जरूरतों और तंत्र के बीच में समन्वयक की भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि, उत्पादन की कमी के बाद उत्पादन की अधिकता आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है। किसानों के लिए अधिक उत्पादन लाभप्रद कैसे बने, इस पर भी गंभीरता के साथ व्यवाहारिक उपाय करने की जरूरत है।
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