पहले अपने घोषणा पत्र को झूठा कहें, फिर विरोध करें राहुल: नरेन्द्र सिंह

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : किसानों के विरोध के बाद कृषि विधेयक के समर्थन में उतरे केंद्रीय मंत्री। प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कहा नए कृषि विधेयक से सुधरेंगे किसानों के हालात।
नरेन्द्र सिंह तोमर
नरेन्द्र सिंह तोमरSocial Media

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए नवीन कृषि विधेयक को लेकर किसान और विपक्ष के विरोध के चलते भाजपा उसके समर्थन में उतर आई है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कांग्रेस पर जबावी हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस में यदि नैतिक साहस है तो अपने घोषणा पत्र को सामने रखकर विरोध करें, जिसमें उन्होंने यही सब करने को कहा था।

उन्होंने कहा कि लोकसभा व राज्यसभा में चर्चा के बाद जब मैंने जवाब देना शुरू किया तो कांग्रेस ने अलोकतांत्रित तरीका अपनाया। कांग्रेस के नेता कहें कि जो भी उन्होंने अपने घोषणा पत्र में लिखा था वो झूठा था। कांग्रेस के दुष्प्रचार के आगे न मोदी सरकार झुकेगी न रुकेगी। कांग्रेस के आंदोलन को नौंटकी बताते हुए नरेन्द्र सिंह ने कहा कि राहुल गांधी जिस ट्रेक्टर में बैठकर विरोध कर रहे थे, वो देश का इकलौता ऐसा ट्रेक्टर है जिसमें सौफा लगा था।

किसान की हालत सुधरेगी :

केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह ने दावा किया कि इस नवीन विधेयक से किसान मंडी के बंधनों से मुक्त होकर हिंदुस्तान में कहीं भी फसल बेंचने के लिए आजाद रहेगा। किसान जो खरीददार से करार करेगा, इस बीच यदि उत्पाद की कीमत बढ़ जाती है तो बढ़ी हुई कीमत का भी अंश उसे मिलेगा। पढ़े-लिखे युवा खेती की ओर आकर्षित हों, इस दिशा में सरकार का ये कदम है। इसमेें किसान को तीन दिवस में भुगतान करना होगा। इलेक्ट्रोनिक प्लेटफॉर्म से किसान देशभर की मंडियों का भाव जान सकेगा और स्थानीय किसान देश के दूरदराज के खरीददारों को अपनी फसल बेच सकेगा। फसल बर्बाद होने पर प्रोसेसरकी जिम्मेदारी होगी। विवाद की स्थिति में एसडीएम तीस दिन में फैसला देगा, लेकिन किसी भी सूरत में किसान की जमीन की कुर्की नहीं होगी।

अटल एक्सप्रेस हाइवे से क्षेत्र का विकास :

चंबल संभाग में बनने जा रहे अटल एक्सप्रेस हाईवे से पूरे इलाके का विकास तेजी से होगा। हाईवे के आसपास जमीनों पर कौन से उद्योग लग सकें, इसकी मैपिंग की जा रही है। एक्सप्रेस वे की योजना को कमलनाथ सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसे फिर से जिंदा किया। पत्रकारवार्ता में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, प्रदेश मीडिया प्रमुख लोकेन्द्र पाराशर, जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, संभागीय मीडिया प्रभारी पवन सेन भी उपस्थित थे।

यह भी कहा :

  • गांवों में रोजगार के लिए मनरेगा में सरकार ने एक लाख, एक हजार, पांच सौ करोड़ रुपए की धनराशि दी है।

  • वर्ष 2010 में कृषि विभाग, मछली व पशुपालन का संयुक्त बजट केवल 12 हजार करोड़ रुपए था, जबकि मोदी सरकार में सिर्फ कृषि विभाग का बजट एक लाख 34 हजार करोड़ रुपए हो गया है।

  • किसानों की आय बढ़ाने के लिए स्वामीनाथन आयोग ने 201 अनुशंसाएं की थीं, जिसमें से 200 पर मोदी सरकार तेजी से काम कर रही है।

  • यूपीए सरकार ने लगात पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर एमएसपी तय किए जाने की अनुशंसा नहीं मानी थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे लागू किया है।

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में देश के 10 करोड़ किसानों को शामिल किया गया है और इस वर्ष 93 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों को दिए गए हैं।

  • देश में 86 प्रतिशत छोटे किसानों को मदद देने के लिए देश में 10 हजार किसान उत्पादक संघ की स्थापना की जा रही है। इस पर केंद्र सरकार 6868 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।

  • एफ पीओ को प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए 2 करोड़ रुपए तक का ऋण भी, अलग कोष से मिलेगा और इस पर सरकार ब्याज में तीन फीसदी की सब्सिडी भी देगी।

  • दूरस्थ गांवों तक कृषि की आधारभूत संरचना के विकास के लिए सरकार ने डेढ़ लाख करोड़ रुपए के निवेश करने की योजना बनाई है, जिससे किसानों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

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