अतिक्रमण की चपेट में नर्मदापुरम : मीनाक्षी चौक पर सरकारी नाले पर तानी बिल्डिंग
नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। प्रदेश में स्थानीय अपराधियों, माफियाओं और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। लेकिन नर्मदापुरम में उलटी गंगा बह रही है। शहर की निचली बस्तियों और सीमावर्ती कालोनियों की बात तो दूर यहां तो शहर के बीचो बीच प्राइम लोकेशन पर सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण खुलेआम किया गया है। नमूने के तौर पर मीनाक्षी चौक के पास स्थित सरकारी नाले का मामला सामने आया है। जहां पर एक मेडिकल स्टोर संचालक ने न सिर्फ आलीशान बिल्डिंग बना ली बल्कि उसमें दुकानें भी निकाल ली है और प्रशासन की ठीक नाक के नीचे सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके बनाई गई इमारत में व्यापार किया जा रहा है। जबकि जिम्मेदार मौन बैठे हुए हैं।
जहां एक और प्रशासन द्वारा माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है वहीं दूसरी ओर नगर के मुख्य चौक चौराहों पर पक्का अतिक्रमण कर आलीशान इमारतें खड़ी कर दी गई है मीनाक्षी चौक स्थित रॉयल मेडिकल संचालक द्वारा सरकारी नाले पर अतिक्रमण कर आलीशान दो मंजिला दुकान का निर्माण किया गया। इस मामले में प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। कुछ शिकायतों पर कार्रवाई की गई, जिसमें जांच के नाम पर लीपापोती कर दी गई। जबकि नाले पर अतिक्रमण होने से पीली खंती क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बारिश में बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। हर साल प्रशासन द्वारा यहां रेस्क्यु किया जाता है और कुछ लोगों को मुआवजा भी दिया जाता है जबकि इन दबंग अतिक्रमणकारियों खिलाफ प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है की अवैध तरीके से नाले के ऊपर दुकान का संचालन कर रहे हैं। जबकि प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के सख्त निर्देश है कि भू-माफिया, शराब माफिया, रेत माफिया एवं आपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। लेकिन पिछले कई दिनों से यह मुहिम नर्मदापुरम में ठंडी पड़ी हुई है। माफिया खुलेतौर पर अतिक्रमण कर रहा है, लेकिन नगरपालिका अथवा राजस्व विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। उक्त मेडिकल संचालक ने नाले की जमीन पर पक्का निर्माण कर डबल स्टोरी भवन बना लिया, नीचे मेडिकल ऊपर एक स्टोर बना लिया है। यह पूरा निर्माण सारे अधिकारी कर्मचारी की मिली भगत से किया गया है।
जांच से ज्यादा शिकायत को रफा-दफा करने में दिलचस्पी :
मीनाक्षी चौक के पास स्थित सरकारी नाले पर बिल्डिंग बनाकर उसका व्यवसायिक उपयोग करने के मामले में कुछ जागरूक नागरिकों ने नगरपालिका, राजस्व विभाग को शिकात की थी और इस अवैध अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी। जिसकी विधिवत जांच शुरू हुई, अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किये गए, दस्तावेजों की जांच की गई, पेशी हुई और आखिर में मामला दबा दिया गया। मालूम हो कि राजस्व विभाग एवं नगरपालिका के संबंधित अधिकारियों की मंशा शिकायत की जांच करके उस पर कार्रवाई करने की बजाय मामले को रफा-दफा करने में रहती है। सही बात भी है इसके बदले में मेडिकल स्टोर संचालक से नजराना दिया जाता है। यही कारण है कि जांच के लिए गठित टीम थोड़ी देर घूम कर लोगों से बातचीत करके जो गायब होती है तो फिर दोबारा लौटकर नहीं आती। शहर के बीचो-बीच प्राइम लोकेशन पर सरकारी नाले पर आलीशान इमारत बनी है दुकान और बिल्डिंग सरकार की अतिक्रमण हटाओ मुहिम को खुलेआम मुंह चिढ़ा रही है। बावजूद इसके कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
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