नई शिक्षा नीति
नई शिक्षा नीतिSyed Dabeer-RE

भोपाल: नई शिक्षा नीति समूचे विश्व में ज्ञान विज्ञान का करेगी नेतृत्व

भोपाल, मध्यप्रदेश: भारत सरकार की नई शिक्षा नीति समूचे विश्व में ज्ञान विज्ञान का नेतृत्व करेगी तो शिक्षा का व्यवसायीकरण भी पूरी तरह से बंद होगा।

भोपाल, मध्यप्रदेश। भारत सरकार द्वारा 34 साल बाद लाई गई देश में नई शिक्षा नीति को शिक्षकों ने मील का पत्थर माना है। बच्चों के भविष्य निर्माताओं का कहना है कि यह नीति समूचे विश्व में ज्ञान विज्ञान का नेतृत्व करेगी तो शिक्षा का व्यवसायीकरण भी पूरी तरह से बंद होगा। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय जिसका नाम बदलकर केंद्र सरकार ने और शिक्षा मंत्रालय कर दिया है। उसके कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में 34 वर्ष बाद नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा करके भारत केंद्रित शिक्षा को नीति के रूप में लाकर शिक्षा जगत एवं भारत के आम जनमानस में एक अनूठी पहल की है।

मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री छत्रवीर सिंह राठौर ने नई शिक्षा नीति का संगठन की ओर से स्वागत अभिनंदन करते हुए कहा है कि 21वीं सदी भारत की सभी होगी। समूचे विश्व में भारत शिक्षा ज्ञान विज्ञान तकनीक चिकित्सा व्यवसाय एवं उद्योग क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करेगा। उसी अनुरूप नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को बचपन से ही अपनी मातृभाषा एवं तकनीकी कौशल से जुड़ने का सशक्त माध्यम तैयार किया गया। विद्यार्थी व्यवहारिक शिक्षा प्राप्त कर भविष्य में अपने पैरों पर खड़े होकर सक्षम बन सकेगा। नई शिक्षा नीति में केवल प्रारंभिक शिक्षा पर ही ध्यान केंद्रित नहीं किया है, अपितु युवाओं और महाविद्यालय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर बौद्धिक एवं नैतिक विकास पर भी बल दिया गया है।

व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा मिले इस पर भी पूरा जोर दिया गया है। पढ़ने लिखने के बाद स्वयं रोजगार प्राप्त करने वाला नहीं रोजगार देने वाला बने इस प्रकार के प्रावधान इस नीति में रखे गए हैं। अशासकीय जो महाविद्यालय प्राइवेट कॉलेज एवं प्रशिक्षण के नाम पर मोटी रकम वसूल कर प्रशिक्षण का धंधा चला रहे थे उन प्रश्नों में भी गुणवत्ता पर अधिक बल दिया जाएगा और प्राइवेट कॉलेज के नाम पर बंद होंगे यह एक अच्छी पहल है।

रोजगार मूलक है भारत सरकार की नई शिक्षा नीति : शर्मा

मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के ब्लॉक सचिव एवं शिक्षाविद मुकेश चंद्र शर्मा का कहना है कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति हर पहलुओं को समझते हुए रोजगार मूलक दिख रही है। उन्होंने कहा है कि इस नीति में गांधी जी के सपनों को साकार किया गया है। इसमें हर हाथ का क्वेश्चन निखारने का विकल्प है। कला और विज्ञान किस क्षेत्र को बढ़ावा देने का कदम रखा गया है। भारतीय जीवन मूल्यों एवं परंपरागत शिक्षा को महत्व मिलेगा पारंपरिक एवं भारतीय भाषाओं को नई शिक्षा नीति में बढ़ावा मिलेगा। विद्यार्थी उत्कृष्ट ज्ञान प्राप्त करेगा उसका शारीरिक मानसिक आध्यात्मिक एवं नैतिक विकास होगा। महामंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश का विश्वास है कि राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन प्रणाली क्षेत्र में नवाचार एवं दानों को प्रोत्साहित करेगी और आने वाले समय में शिक्षा का व्यवसायीकरण बंद होगा।

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