भोपाल : नए मंत्रियों को बंगलों की दरकार, चिंता में पड़ी राज्य सरकार

भोपाल, मध्य प्रदेश। मौजूदा शिवराज सरकार की कैबिनेट का गठन हुए कोई आधा माह निकल चुका है, लेकिन इस कुनबे के मंत्रियों को अभी तक आवास नहीं मिल पाए हैं।
नए मंत्रियों को बंगलों की दरकार
नए मंत्रियों को बंगलों की दरकारसांकेतिक चित्र

हाइलाइट्स :

  • नोटिस देने के बावजूद पूर्व सरकार के मंत्रियों ने नहीं किए आवास खाली

  • मौजूदा सरकार के डेढ़ दर्जन मंत्री विधायक विश्रामगृह या फिर मंत्रालय से चला रहे कार्यालय

भोपाल, मध्य प्रदेश। मौजूदा शिवराज सरकार की कैबिनेट का गठन हुए कोई आधा माह निकल चुका है, लेकिन इस कुनबे के मंत्रियों को अभी तक आवास नहीं मिल पाए हैं। पूर्व कमलनाथ सरकार के सभी मंत्रियों को नोटिस भी जारी किए गए, लेकिन इनमें अधिकतर ने अभी बंगले खाली नहीं किए हैं।

बता दें कि वर्तमान माह की 2 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया था। तब से अभी तक नए मंत्रियों को बंगलो की प्रतीक्षा है। खासकर उन विधायकों को बंगलों की ज्यादा दरकार बनी है, जिन्होंने पहली बार मंत्री का ताज पहना है। करीब डेढ़ दर्जन ऐसे मंत्री हैं जो या तो विधायक विश्रामगृह या फिर मंत्रालय से कार्यालय का संचालन कर रहे हैं। हालांकि मंत्रिमंडल का गठन होने के बाद ही ग्रह विभाग द्वारा अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार के उन सभी मंत्रियों को नोटिस जारी किए थे, जो आवंटित सरकारी बंगलों से विभाग की व्यवस्थाओं का संचालन करते थे। प्रदेश में पैर पसारती कोरोना महामारी और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गठित किए गए मंत्रिमंडल के मंत्रियों को इस समय बंगलो की सख्त आवश्यकता है। जबकि नोटिस में बाकायदा आवास खाली करने की समय सीमा भी निर्धारित की गई थी, लेकिन जानकारों की माने तो अभी तक पूर्व सरकार के अधिकांश मंत्रियों ने अपने बंगले खाली नहीं किए हैं। इनमें से कई बंगले तो मौजूदा सरकार के मंत्रियों को आवंटित कर दिए गए। अब दिक्कत यह है कि जब पूर्व मंत्री इन बंगलों को खाली करें तभी नए मंत्री यहां पर अपना व्यवस्थागत ढांचा जमा सकते हैं।

इन मंत्रियों को है बंगलों की सख्त जरूरत :

तत्कालीन कमलनाथ सरकार से बगावत कर सिंधिया समर्थक जिन मंत्रियों ने भाजपा को समर्थन दिया था। उनके पास तो बंगले यथावत है। अब सिंधिया समर्थक और भाजपा के उन विधायकों को सरकारी आवासों की सख्त जरूरत है जो पहली बार कैबिनेट और राज्य मंत्री बने हैं। इनमें प्रेम सिंह पटेल, ओमप्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, अरविंद भदोरिया, डॉ मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, भारत सिंह कुशवाहा, इंदर सिंह परमार, रामखेलावन पटेल, रामकिशोर कावरे, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़, और ओपीएस भदौरिया सहित कुछ अन्य मंत्री शामिल हैं।

गृह विभाग कर रहा है कार्यवाही करने की तैयारी :

इधर मंत्रालय में सूत्रों की माने तो नोटिस देने के बाद भी पूर्व सरकार के जिन मंत्रियों ने बंगले खाली नहीं किए हैं। उन पर कार्यवाही करने की तैयारी चल रही है। इस संबंध में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हाल ही में विभाग के आला अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की है। जानकारी के अनुसार बैठक मैं यही तय हुआ है कि अगर पूर्व सरकार के मंत्री नोटिस देने के बाद भी बंगले खाली नहीं करते हैं, तो क्यों ना इधर नियम के अनुसार ताला डालने की प्रक्रिया शुरू की जाए। कारण भी है कि मौजूदा संगठन की सत्ता के मंत्रियों के अलावा सांसदों को भी बंगला चाहिए। जानकारी के मुताबिक भाजपा के कई सांसदों ने भी बंगलों के लिए आवेदन किए हैं। जानकारी यह भी है कि कुछ सांसदों को बंगले आवंटित भी हो चुके हैं, लेकिन यह खाली नहीं किए गए हैं।

इनका कहना :

बंगले खाली करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित की गई थी। जैसे-जैसे बंगले खाली होते जा रहे हैं। वह मौजूदा सरकार के मंत्रियों को आवंटित किए जा रहे है।

एलएल अहिरवार, आवंटन एवं बेदखली अधिकारी, संपदा संचालनालय

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