उमरिया : टाइगर रिजर्व में आग से वन्य जीवों को नुकसान नहीं

उमरिया, मध्यप्रदेश : प्रदेश के वनमंत्री विजय शाह ने कहा है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में विगत दिनों लगी आग से बफर जोन और कोर जोन मे जंगल को नुकसान पहुंचा है, पर उससे वन्य जीवों को नुकसान नहीं हुआ है।
टाइगर रिजर्व में आग से वन्य जीवों को नुकसान नहीं
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उमरिया, मध्यप्रदेश। प्रदेश के वनमंत्री विजय शाह ने कहा है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में विगत दिनों लगी आग से बफर जोन और कोर जोन मे जंगल को नुकसान पहुंचा है, पर उससे वन्य जीवों को नुकसान नहीं हुआ है और इस पर 48 घंटे के अंदर काबू पा लिया गया।

श्री शाह ने शनिवार को यहां कलेक्ट्रेट सभागार में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क में अग्नि दुर्घटना से कोर एवं बफर जोन में जंगल का नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन, वन अमले तथा ग्रामीणों एवं वन समितियों के सहयोग से नेशनल पार्क में लगी आग पर 48 घंटे के भीतर काबू पा लिया गया। उन्होंने कहा कि नेशनल पार्क में जैव विविधता एवं प्राकृतिक वातावरण बनाए रखने के लिए जंगल की सूखी लकड़ी न तो संकलित की जाती है और न ही उपयोग की जाती है। इसी कारण नेशनल पार्क में अग्नि दुर्घटना भयावह रूप ले लेती है, जिसके कारण नेशनल पार्क में आग पर काबू पाना कठिन काम हो जाता है।वन मंत्री ने कहा कि उमरिया जिला प्रशासन तथा वन विभाग एवं आसपास के ग्रामीणों तथा मनरेगा के श्रमिकों ने तत्परता दिखाकर 24 से 48 घंटे के भीतर आग पर नियंत्रण पा लिया था। नेशनल पार्क में एक प्रतिशत जंगल के नुकसान का आंकलन किया गया है। इस अवसर पर विन्सेंट रहीम वन संरक्षक शहडोल, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, वन मण्डलाधिकारी मोहित सूद उपस्थित रहे।

शाह ने नेशनल पार्क का भ्रमण कर लिया नुकसान का जायजा :

श्री शाह ने कहा कि नेशनल पार्क का उन्होंने स्वयं भ्रमण किया है तथा नुकसान का जायजा भी लिया है। उन्होंने कहा कि कोर एरिया में वनोपज एवं महुआ संकलन की छूट नहीं है, लेकिन वन ग्राम के लोगों की आजीविका इस पर निर्भर है। इसलिए ज्यादा कड़ाई नही की जाती। नेशनपार्क में स्थित 10 ग्रामों के लोगों के पुर्नवास एवं विस्थापन के प्रयास किए जा रहे है, उनके पुर्नवास के लिए बेहतर विकल्प तथा बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रात: काल कोर एरिया के भ्रमण के दौरान पार्क के भीतर लोगों को महुआ संकलन करते हुए पाया गया। संबंधित व्यक्तियों को महुआ संकलन के दौरान पत्तों को अलग कर आग नही लगाने की समझाइश दी गयी है।

जन हानि पर चार लाख रुपए मुआवजे का प्रावधान :

वन मंत्री ने कहा कि भविष्य मे इस तरह की घटनाएं नहीं हो इसके लिए व्यापक रणनीति तैयार की जा रही है, जिसके तहत एक माह के लिए चौकीदारों की व्यवस्था, नाइट विजन के लिए ड्रोन की व्यवस्था, एंबुलेंस की व्यवस्था, ब्लोअर की व्यवस्था, फायर फाइटर की व्यवस्था का प्रस्ताव है। इसी तरह विदेशों में फायर फाइटर हवाई जहाज का उपयोग जंगलों की आग बुझाने के लिए किया जाता है जिसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि नेशनल पार्क में बाघों की संख्या अधिक होने के कारण उनके बीच आपसी संघर्ष के प्रकरण लगातार मिल रहे है, जिसके लिए नेशनल पार्क के बाघों को अलग शिफ्ट करनें का कार्य किया जाएगा। श्री शाह ने बताया कि वन्य जीवों से जन हानि होने पर चार लाख रुपए के मुआवजा का प्रावधान किया गया है।

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