घोर लापरवाही खामियाजा भुगत रहे मरीज
घोर लापरवाही खामियाजा भुगत रहे मरीज Pankaj Yadav

छतरपुर: जिला अस्पताल का प्रसूता वार्ड महिलाओं के लिए नर्क

छतरपुर, मध्यप्रदेश : छतरपुर जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड की हालत बद से बदतर हो गई है। नई बिल्डिंग में प्रसूता वार्ड शिफ्ट न होने की वजह से यहां गंदगी और व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।

हाइलाइट्स :

  • मामला छतरपुर जिला अस्पताल का

  • घोर लापरवाही खामियाजा भुगत रहे मरीज

  • जानवरों के बीच जमीन पर पड़ीं प्रसूता माताएं

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड की हालत बद से बदतर हो गई है। नई बिल्डिंग में प्रसूता वार्ड शिफ्ट न होने की वजह से यहां गंदगी और व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। इस वार्ड की हालत तो यह है कि, यहां पर मरीज एवं उनके परिजन मुंह में कपड़ा लगाकर निकलने को मजबूर हैं। वार्ड में ज्यादातर हिस्सों में जानवर घूमते रहते हैं।

जिला अस्पताल में इलाज कराने आई महिला चन्द्रग्रहण कुड़ेरिया ने बताया कि- वह अस्पताल में उपचार के लिए तीन दिन से भर्ती हैं। हालत तो यह है कि मुंह में कपड़ा लगाकर अधिकतर मरीज जिला अस्पताल में लेटे रहते हैं उन्हीं के आसपास जानवर भी घूमते रहते हैं। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन को ध्यान देना होगा।

घोर लापरवाही खामियाजा भुगत रहे मरीज
घोर लापरवाही खामियाजा भुगत रहे मरीज Pankaj Yadav

प्रतिदिन 30 डिलेवरी, कुल 40 बिस्तर

जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 30 महिलाओं के प्रसव कराए जाते हैं जबकि प्रसूता महिलाओं को प्रसव के उपरांत इलाज के लिए कुल 40 बिस्तर उपलब्ध हैं। एक महिला को सामान्य डिलेवरी के बाद कम से कम 3 दिन अस्पताल में रखना पड़ता है वहीं सिजेरियन डिलेवरी के बाद लगभग 10 दिन तक महिला उपचाररत रहती है। ज्यादातर सामान्य प्रसव की महिलाएं न चाहते हुए भी या तो अस्पताल से छुट्टी करा लेती हैं अथवा जमीन पर लेटने के लिए मजबूर रहती हैं।

तकनीकि कारणों से नहीं शिफ्ट हो पा रहा प्रसूता वार्ड :

जब इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. आरएस त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना था कि, नई बिल्डिंग में प्रसूता वार्ड एवं एसएनसीयू शिफ्ट नहीं हुआ है क्योंकि ये दोनों वार्ड तब शिफ्ट होंगे जब जिला अस्पताल में बनाया गया पावर हाउस हैण्डओवर होगा। पावर हाउस हैण्डओवर न होने के कारण सेंट्रलाइज्ड ए.सी. एवं सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सप्लाई न होने की वजह से यह दोनों वार्ड शिफ्ट नहीं हो सके हैं।

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