सिंगरौली, मध्य प्रदेश। राजस्व के मामलों में अक्सर देखने में आया है कि काश्तकार को किसी भी प्रति को पाने के लिए राजस्व विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे और इसके लिए बकायदा उनसे सेवा शुल्क तक वसूल की जाती थी। कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने बताया कि राजस्व न्यायालयों के फैसलों की प्रमाणित प्रति के लिये अब संबंधित पक्षकार को इंतजार या कलेक्ट्रेट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। शासन के निर्देशानुसार 4 अगस्त 2020 से ये सुविधा निर्धारित शुल्क पर लोगों को अपने घर से या घर के पास ही मिलने लगेगी।
ऑनलाइन उपलब्ध होंगी सेवाएं :
म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भूअभिलेख) नियम के अधीन इलेक्ट्रानिक स्वरूप में उपलब्ध अभिलेखों यथा एक अक्टूबर 2016 के बाद के समस्त राजस्व प्रकरणों में पारित आदेशो एवं खसरा, खतौनी, नक्षा, नामान्तरण, पंजी, नक्षा की प्रमाणित प्रतिलिपियां हितग्राहियों को 4 अगस्त से प्राधिकृत बेव पोर्टल www.mpbhulekh.gov.in एवं लोकसेवा केन्द्र, एमपी आन लाईन कियोस्क, तहसील कार्यालय में स्थित आईटी सेंटर के माध्यम से मिलना प्रारंभ हो जायेंगी।
देना होगा नाममात्र शुल्क :
वेब पोर्टल आधरित सेवाओं का लाभ लेने के लिए संबंधित व्यक्ति द्वारा निर्धारित शुल्क अदा कर उसी समय प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिये संबंधित अभिलेख के प्रथम पृष्ठ के लिये 30 रूपये तथा प्रत्येक अतिरिक्त पृष्ठ के लिये 15 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
बहरहाल अब तक इन सभी सुविधाओं को लेकर काश्तकारों को लंबा इंतजार करना पड़ता था एवं इन सुविधाओं के बदले सेवा शुल्क के नाम पर रिश्वतखोरी हुआ करती थी। कम समय व नाममात्र के शुल्क के साथ शुरुआत हो जाने से जनमानस के लिए राहत वाली खबर है।
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