सिंगरौली, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में विभागीय लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है उसके सामने आने के बाद विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अब जाँच कराने की बात कर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। तो वहीं सबंधित घटनाक्रम को लेकर विभाग की किरकिरी हुई है। घटना की अगर बात की जाए तो सम्बंधित मामले में सरकारी विभाग ने नाबालिग बच्चे के नाम नोटिस जारी कर पेश होने का आदेश दे डाला।
क्या है मामला :
सिंगरौली जिले के तहसील सरई में राजस्व विभाग की एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे 9 वर्षीय नाबालिग बच्चे को 248 के तहत नोटिस भेजा गया। नोटिस का पालन करते हुए नाबालिग बच्चा तहसील सरई में उपस्थित हुआ। बताया गया के नाबालिग पर सड़क अतिक्रमण का आरोप लगाया गया था।
धारा 248 क्या है :
धारा 248 में ऐसे किसी व्यक्ति अथवा संस्था को नोटिस थमाया जाता है, जिस पर सरकारी जमीन के अतिक्रमण, कब्जे का शक या आरोप होता है। नोटिस जारी करने के साथ मामला तहसीलदार के कोर्ट में दर्ज कर लिया जाता है। सुनवाई का मौका देने के बाद प्रशासन यह साबित करने में कामयाब हो जाता है कि संबंधित ने सरकारी जमीन घेरी है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है।
तहसीलदार ने माँगा जवाब :
नाबालिग को नोटिस जारी करने के मामले में ग्राम बजौडी के पटवारी हल्का का बताया जा रहा है जिसमें पटवारी की लापरवाही बताई जा रही है। तहसीलदार के संज्ञान में मामला सामने आने के बाद तहसीलदार ने नाबालिग के नाम नोटिस को रद्द करते हुए हल्का पटवारी को जवाब प्रस्तुत करने की बात कही है।
बहरहाल जिस तरह से प्रशासनिक अमले ने नोटिस जारी किया है समन्धित नोटिस में बच्चे का नाम आना कही न कही लापरवाही को उजागर करता है। मामले में नाबालिग बच्चे को जिस तरह से मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है उसका जिम्मेदार कौन है और उस पर क्या कार्यवाही होगी ये आने वाला समय ही बताएगा।
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