नर्सेज को स्ट्राइक पर जाने से रोकने के लिए दी जा रहीं सस्पेंड करने की धमकियां

भोपाल, मध्यप्रदेश : नर्स एशेासिएसन बिना लिखित अश्वासन के बिना हड़ताल समाप्त करने को तैयार नहीं। अस्पतालो में ओटी प्रभावित , वार्डो में मरीज हो रहे परेशान।
नर्सेज को स्ट्राइक पर जाने से रोकने के लिए दी जा रही सस्पेंड करने की धमकियां
नर्सेज को स्ट्राइक पर जाने से रोकने के लिए दी जा रही सस्पेंड करने की धमकियांShahid Kamil

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेशभर में 7 सूत्री मांगो को लेकर हड़ताल कर रही नर्सों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी धमका रहे हैं। नर्सों को हड़ताल खत्म करने के लिए मजबूर किया जा रहा। ऐसा न करने पर उन्हें सस्पेंड किए जाने की धमकी भी दी। नर्सों ने चेतावनी दी है जब तक उन्हें लिखित में आश्वासन नहीं मिलता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। नर्सेज की हड़ताल तोडऩे के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी अब उन्हें बुलाकर सस्पेंड करने की धमकी दे रहे हैं। यह धमकियां उन ट्रेनिंग नर्सेज को दी जा रही है जो हड़ताल में शामिल हैं। इसके साथ ही अन्य नर्सों को भी इसी तरह बोला जा रहा है । ऐसे में नर्स ने चेतावनी दी है कि सरकार जो चाहे कर ले लेकिन जब तक लिखित में आश्वासन नहीं मिलता यह हड़ताल वापस नहीं लेंगी।

स्ट्राइक रोकने के लिए सस्पेंड की धमकी हड़ताल कर रही नर्सों को अधिकारी दे रहे धमकी :

नर्सेज और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता विफल होने के बाद मध्यप्रदेश में नर्सेज अपनी हड़ताल पर कायम है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के साथ ही अन्य अस्पतालों में भी नर्सेज ने उग्र प्रदर्शन करते हुए अपनी आवाज बुलंद कर दी है। भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ ही सुल्तानिया अस्पताल में भी नर्सों ने हड़ताल कर पूरे तरीके से काम बंद कर दिया है। इधर कोर्ट ने भले ही नर्सेज को 2 दिन का समय देते हुए 7 तारीख को उनकी अगली सुनवाई रखी हो। लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी अंदर ही अंदर नर्सेज की हड़ताल को डैमेज करने के लिए लगे हुए हैं। उच्च अधिकारियों के कहने पर हमीदिया और सुल्तानिया के अधीक्षकों ने नर्सों को बुलाकर यह धमकी तक दे दी है अगर वह हड़ताल में शामिल होती हैं तो उनको सस्पेंड कर दिया जाएगा।

लिखित आदेश मिलने तक जारी रहेगी हड़ताल :

इसमें मुख्य रूप से वो ट्रेनिंग करने वाली नर्स है जो शुरुआती दौर में ही काम कर रही है और इन्हें मानदेय के रूप में मात्र 3000 महीना मिलता है। इन ट्रेनिंग नर्सेज ने नाम ना छापने की बात कहते हुए बताया कि दोपहर में कई और नर्सेज को हमीदिया और सुल्तानिया के अधीक्षकों ने बुलाया था और इनसे साफ तौर पर कहा गया है कि अगर यह हड़ताल में शामिल होती हैं तो इन्हें सस्पेंड करने की कार्रवाई की जाएगी। इधर नर्सेज एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष मंजू मेश्राम का कहना है कि सरकार भले ही दबाव बनाए लेकिन जब तक लिखित में आदेश नहीं मिलता तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

पिछले दिनों से अभी तक क्या हुआ :

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मंत्री विश्वास सारंग के कहने पर नर्सेज को मिलने बुलाया था।सोमवार दोपहर बाद हुई इस चर्चा में डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन के साथ ही नर्सेज और तमाम अधिकारी मौजूद रहे। लेकिन इसके पहले जबलपुर हाई कोर्ट ने अपनी अगली सुनवाई 2 दिन बाद करने के चलते डीएमई ने भी 2 दिन का समय लेते हुए नर्सेज को बातचीत के लिए 2 दिन बाद फिर बुलाया है।

भोपाल में जेपी अस्पताल की नर्सेस भी विरोध में उतरीं, जूनियर डॉक्टर भी समर्थन में :

वेतन बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को लेकर हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल की नर्सेस की हड़ताल 7 वें दिन भी जारी है। सोमवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक बेनतीजा रही है। नर्सेस एसोसिएशन का कहना है कि लिखित में मांगों को पूरा करने का आश्वासन नहीं मिलने तक हड़ताल जारी रहेगी। मंगलवार को जेपी अस्पताल की नर्सें भी हड़ताल पर चली गईं। वहीं, हमीदिया अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने भी नर्सेस की हड़ताल को समर्थन दिया है। एसोसिएशन की भोपाल जिला अध्यक्ष कंचन खातरकर ने बताया कि सोमवार को डीएमई के साथ बैठक बेनतीजा रही। हमारी मांगों का लिखित जवाब नहीं मिलने तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी। वहीं, नर्सेस एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष मंजू मेश्राम ने बताया कि बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हैं। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।

जेपी की नर्सेस भी हड़ताल पर :

जयप्रकाश जिला अस्पताल की भी 19 नर्सें हड़ताल पर चली गईं। हालांकि प्रबंधन का कहना है, इससे वार्डों में इलाज पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रबंधन ने हड़ताल पर जाने वाली नर्सों की जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को भेज दी है। हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल की 500 मे से 300 के करीब नर्सें हड़ताल पर हैं। हड़ताल को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने एनएचएम की तरफ से नियुक्त नर्सेस और जूनियर डॉक्टरों की ड्यूटी बढ़ाई है।

यह हैं प्रमुख मांगें :

  • सेकेंड ग्रेड उच्च स्तरीय वेतनमान व अन्य राज्यों की तरह लागू की जाए।

  • 3 व 4 वेतनवृद्धि दी जाए।

  • उच्च शिक्षा में आयु सीमा हटाई जाए।

  • 2018 के आदर्श भर्ती नियमों में संशोधन करते हुए 70-80-90 प्रतिशत का हटाया जाए।

  • प्रतिनियुक्ति समाप्त कर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की जाए।

  • पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।

  • एन.पी.एस को संशोधित किया जाए।

  • 2004 के बाद नियुक्त सभी स्टाफ नर्सों की पुरानी पेंशन लागू की जाए।

  • कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती की गई नर्सेस को नियमित किया जाए।

  • अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के समस्त नर्सेस का स्टाफ नर्स से पदनाम पदलकर नर्सिंग ऑफिसर किया जाए।

  • कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवॉर्ड से सम्मानित किया जाए।

  • मेल नर्स की भर्ती भी तत्काल की जाए।

  • शासकीय नर्सिंग कॉलेज व स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं को कलेक्ट्रेट दर पर मानदेय दिया जाए।

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