बड़वानी: आंगनबाड़ियों में बच्चों का पोषण आहार पशुओं को दिया जा रहा
हाइलाइट्स :
आंगनबाड़ी केंद्रों से पशु मालिकों को दिया जा रहा पोषण आहार
अव्यवस्थाओं के बीच चल रहे संचालित आंगनबाड़ी केंद्र
नगर अंजड़ में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बद से बदतर
अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र सुविधा विहीन, मुरमुरे के बोरे में कीड़े
राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश में बड़वानी जिले के एक नगर अंजड़ में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का बुरा हाल है, अधिकांश आंगनबाड़ी सुविधा से विहीन है। शासन-प्रशासन घर-घर शौचालय बनाने की बात कहता है लेकिन नौनिहालों के लिये संचालित ऐसे कई आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जो शौचालय विहीन हैं और सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। भारी अव्यवस्थाओं के बीच नगर में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है।
नगर में कुल 17 आंगनबाड़ी केंद्र :
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, नगर में कुल 17 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं, जो किराये के भवनों या सामुदायिक भवनों में संचालित हो रहे हैं। आंगनबाड़ी केंन्द्रों के भवनों के निर्माण होने की बात विभाग द्वारा कई बार की जाती रही है, लेकिन अभी तक एक भी आंगनबाड़ी केंद्र के भवन का निर्माण शुरू नहीं किया गया, फिलहाल इन किराये के भवनों में किस तरह से व्यवस्थित रूप में आंगनबाड़ी का संचालन होता होगा, ये विचारणीय है। आंगनबाड़ी केन्द्रों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। विभाग के पोर्टल पर इन भवनों में अलग से शौचालय होना बताया जा रहा है, जबकी मौके पर स्थिति बिल्कुल अलग है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति अत्यंत दयनीय :
नगर के वार्ड नं 1 , 2, 5, 6 और 13 नं वार्ड कि आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति अत्यंत दयनीय है, भारी अव्यवस्थाओं के बीच आंगनबाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्र मूलभूत सुविधाओं के मोहताज हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों की सुविधायें सिर्फ कागजों तक ही सीमित है, धरातल पर सुविधाओं का अभाव है। नगर के वार्ड नं.1 में 2 आंगनबाड़ियों का संचालन हो रहा है, एक प्रेरणा आंगनबाड़ी, तो दूसरी आशा आंगनबाड़ी है। निचले तबके की बस्ती होने के कारण अधिकतर माता-पिता अनपढ़ और मजदूरी करते हैं, तो बच्चों और महिलाओं में कुपोषण भी होना लाजमी है ।
बच्चों को नहीं पशु मालिकों को दिए जा रहेे पोषण आहार के बोरे :
इन निचले तबके के वार्डो में जाने पर कई महिलाओं ने दबी जुबान में अपना नाम नहीं आने की शर्त पर बताया कि, ''वार्ड की आंगनबाड़ी की हालत खराब है, उन्हें और उनके बच्चों को न तो खिचड़ी, ना ही सोयाबीन के पाउडर का हलवा मिलता है।'' हमने कई बार आंगनबाड़ी केन्द्र से आस-पास के पशु मालिकों को पोषण आहार के बोरे ले जाते हुए देखा है।
आंगनबाड़ी केंद्र में मुरमुरे के बाेेरे में कीड़े :
वहीं वार्ड नं.1 की प्रेरणा आंगनबाड़ी केंद्र में ये भी देखा गया कि, यहां बच्चों को नाश्ते में दिये जाने वाले मुरमुरों के बोरेे में से कीड़े बहार निकल रहे थे। शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं और पीने का पानी भी गंदा भरा हुआ था।
आंगनबाड़ी में 250 बच्चों के नाम दर्ज, आते सिर्फ 15- 20 बच्चे :
इस दौरान आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता निर्मला बामनिया द्वारा यह बताया गया कि, यहां लगभग 250 बच्चों के नाम दर्ज है, लेकिन रोजाना सिर्फ 15- 20 बच्चे ही आते हैं और जब कार्यकर्ता से बच्चों की कम उपस्थिती के बारे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, माता-पिता अपने बच्चों को नहीं भेजते हैं। बच्चों को नियमित दूध नहीं मिलने के प्रश्न करने पर कार्यकर्ता ने कई दिनों से हमें दूध के पैकेट नहीं मिलने के बात कही, लेकिन दूसरी आंगनबाड़ियों में तलाश करने पर दूध मिलना बताया गया। नगर के कुछ पशु मालिकों द्वारा 40 किलो का बेग 200 रूपये और 20 किलो का बेग 150 से 100 रूपये में खरीदना बताया है, जो अब वो अपनी भैंसों और मुर्गियों के आहार के लिए उपयोग कर रहे हैं और नगर के कई पशु मालिकों के द्वारा इसका पशु आहार में दूध बठाने के लिए उपयोग किया जाता है।
मुरमुरे में कीड़े होने पर कार्यकर्ता का कहना हैं :
वहीं मुरमुरे में कीड़े होने की बात पर कार्यकर्ता ने यह बताया कि, हमारे वरिष्ठ अधिकारियों को हमने इस बात को लिखित में दिया है, फिलहाल ये मुरमुरे ही हमारे पास स्टाक में हैं। आस-पास की महिलाओं द्वारा उनकों खिचड़ी और हलवा के पैकेट नहीं मिलने की शिकायत पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि, मेरे पास स्टाक में पैकेंट नही थे, इस कारण नहीं दिए गए।
आशा आंगनबाड़ी में 163 में से सिर्फ 20 बच्चे आते हैं :
वहीं वार्ड नं.1 में दूसरी आशा आंगनबाड़ी में जाने पर ये देखा गया कि, आंगनबाड़ी में दर्ज 163 बच्चों कि, संख्या में से सिर्फ 20 बच्चे ही आंगनबाड़ी में आऐ हुए थे। पत्रकारों के पहुंचने के कुछ देर बाद ही वहां खाना पहुंचा, जिसमें खीर और पुरी का प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित पॉलिथीन में बंद पैकेट बच्चों के खाने के रूप में पहुंचे। यहां बच्चों को आज दूध तो दिया गया है, पर मुरमुरे फिलहाल नहीं दिये गये। यहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुशीला बर्डे से पूछने पर उन्होंने बताया कि मुरमुरे लगभग 45 किलो मिलते हैं, जो अभी आये नहीं हैं।
वार्ड नं. 3 में सभी व्यवस्था ठीक-ठाक :
इसके बाद वार्ड नं. 3 में पहुंचे, जहां प्रथम दृष्टि में सभी व्यवस्था ठीक मिलीं, कई महिलाओं सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा कुछ बच्चों का जन्मदिन मनाया जा रहा था व गोद भराई का काम चल रहा था। कार्यकर्ता निशा देवड़ा ने बताया, आज बच्चों का जन्मदिन मनाया जा रहा है, बच्चों को खड़ा कर अनाराम और A, B, C, D का वाचन किया गया। इस अवसर पर कई छात्र व गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार के पैकेट व अन्य सामग्री मौजूद लोगों के समक्ष दी गई।
कुछ आंगनबाड़ी के हाल सही, तो कुछ ने बनाएं बहाने :
आंगनबाड़ी केंद्रों में ये हाल हैं, पहली नजर में देखने पर नगर की कुछ ही आंगनबाड़ियों में पोषण आहार के वितरण की सही और लिखित रूप से जानकारी मिल पाई है, तो वहीं किसी का रजिस्टर वर्ष 2016 का है, तो कोई दूसरी महिला कार्यकर्ता लेकर जाने का बहाना बना रही थी। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील सोलंकी ने बताया कि, आपसे जानकारी मिली है, मामले की पूरी जांच के लिए ठीकरी सीडीपीओ को निर्देशित किया जा रहा है। आवश्यक हुआ, तो जिले की टीम से भी जांच करवाएंगे।
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