राज्यपाल मंगुभाई पटेल
राज्यपाल मंगुभाई पटेलSocial Media

ज्ञान के मंदिर के प्रबंधन में सहभागिता का अवसर समाज-सेवा की ईश्वरीय सौगात है: राज्यपाल

भोपाल, मध्यप्रदेश। आज मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई छगनभाई पटेल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कार्य-परिषद सदस्यों के उन्मुखीकरण कार्यशाला को राजभवन से वर्चुअली संबोधित करते हुए कही ये बात...

भोपाल, मध्यप्रदेश। आज मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई छगनभाई पटेल (Mangubhai Chhaganbhai Patel) ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कार्य-परिषद सदस्यों के उन्मुखीकरण कार्यशाला को राजभवन से वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि,ज्ञान के मंदिर के प्रबंधन में सहभागिता का अवसर समाज-सेवा की ईश्वरीय सौगात है। मिली जानकारी के मुताबिक कार्यशाला को कार्य-परिषद सदस्य अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय डॉ. मुकेश मिश्रा, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के ओम प्रकाश शर्मा, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के डॉ. मनोज आर्य, विक्रम विश्वविद्यालय के शैलेंद्र शर्मा और जीवाजी विश्वविद्यालय के अपर संचालक एम.आर. कौशल ने भी संबोधित किया।

राज्यपाल पटेल ने कही ये बात-

आज बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कार्य-परिषद सदस्यों की उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्यपाल मंगुभाई छगनभाई पटेल ने कहा- "ज्ञान के मंदिर के प्रबंधन में सहभागिता का अवसर समाज-सेवा की ईश्वरीय सौगात है। सामाजिक प्रतिबद्धता, नवाचार एवं राष्ट्र निर्माण में विश्वविद्यालयों की भूमिका सुनिश्चित करना कार्य-परिषद सदस्यों का दायित्व है"

विश्वविद्यालय विकास के लिए एकजुट होकर कार्य करें : पटेल

आगे राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास के लिए पदाधिकारियों और कार्य-परिषद के सदस्यों को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। सामूहिक प्रयासों की सफलता हाथ के साथ मन के मिलाप में है। विकास के लिए सबका साथ, विश्वास और प्रयासों का होना जरूरी है।

वही, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा सिकल सेल एनीमिया की जाँच के प्रयासों पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने निर्देशित किया कि जाँच में सिकल सेल रोगी अथवा वाहक छात्र-छात्रओं के परिजन की भी जाँच कराई जाए। ऐसा करने से इस आनुवांशिक रोग की रोकथाम में गति आएगी। उन्होंने प्रतिभागियों से विश्वविद्यालय की गरिमा, गौरवशाली परंपराओं को सर्वश्रेष्ठ निष्ठावान योगदान से मज़बूत बनाने की अपेक्षा की।

राज्यपाल ने कहा कि ज्ञान के मंदिर के प्रबंधन में सहभागिता का अवसर समाज-सेवा की ईश्वरीय सौगात है। सामाजिक प्रतिबद्धता, नवाचार एवं राष्ट्र निर्माण में विश्वविद्यालयों की भूमिका सुनिश्चित करना कार्य-परिषद सदस्यों का दायित्व है। जरूरी है कि कार्य-परिषद विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा, संगठनात्मक प्राथमिकताओं, सामाजिक प्रतिबद्धताओं के उच्च मानक निर्धारित करें। उनका वित्तीय निष्ठा, जवाबदारी, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ पालन सुनिश्चित करें। विश्वविद्यालय का प्रबंधन शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक गतिविधियों, विद्यार्थी हित और कर्मचारी-कल्याण के कार्य नियमों और सिद्धांतों के आधार पर करें। समयानुसार चुनौतियों और समस्याओं के समाधान के ईमानदार प्रयासों के लिए आवश्यक संशोधन भी किए जाने चाहिए।

पटेल ने कहा कि इन कार्य की सफलता के लिए आवश्यक है कि कार्य-परिषद के सदस्य उच्च शिक्षा से संबंधित प्राथमिक सिद्धांतों, नीति, नियमों और समन्वय समिति के दिशा-निर्देशों की भावनाओं को समझ कर सामूहिक ज़िम्मेदारी के साथ कार्य करें। विश्वविद्यालय के प्रकरणों का पर्यवेक्षण, परीक्षण, नियंत्रण और निर्देशन, अधिनियम, परिनियम और विनियमों की सीमाओं में किया जाए। कार्य-परिषद में विचार के लिए आने वाले प्रस्तावों में से यदि किसी प्रस्ताव पर असहमति अथवा मत-भिन्नता है, तो ऐसे मामलों को सक्षम प्राधिकारी/फोरम के समक्ष उठाएँ। बिना किसी राग, द्वेष और पूर्वाग्रह के अपनी प्रखर क्षमता और दक्षता के साथ सामूहिक निर्णयों के पालन में योगदान दें।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co