भोपाल, मध्य प्रदेश। प्रदेश के सभी जिलों से वाहनों के माध्यम से उत्तर प्रदेश जाने वाले रेत सहित अन्य खनिजों के चलते यूपी की सड़कें छतिग्रस्त और खस्ताहाल हो चुकी हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालाय के निदेशक ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखते हुए खनिजों के ओव्हर लोडिंग वाहनों पर रोक लगाने की मांग की है। ऐसा नहीं है कि यह हाल प्रदेश की सड़कें ही न हो, खनिजों से लदे ओव्हर लोड वाहनों के दौड़ने प्रदेश की सड़कें भी खस्ताहाल हो चुकी है, लेकिन खनिज से मिलने वाले राजस्व के चलते प्रदेश सरकार इस मामले में ध्यान नहीं दे रही है।
यूपी जा रहे ओव्हर लोड वाहन :
प्रदेश से खनिज लेकर उत्तरप्रदेश जाने वाले वाहन अनुमानित परिवहन क्षमता से अधिक खनिज लेकर यूपी जा रहे है। जिसके चलते राज्य में ओव्हर लोडिंग के कारण सड़कें एवं अन्य निर्धारित मार्ग समय अवधि के पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। बता दें कि यह बात भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के द्वारा जारी किये गये पत्र के बाद समाने आई है। रेत खदान के संचालक मुनाफाखोरी के चलते वाहनों में निर्धारित क्षमता से अधिक रेत देते हैं। जब इस बात का अध्ययन उत्तरप्रदेश की सरकार ने किया तो पाया कि मध्यप्रदेश से खनिज परिवहन कर रहे वाहनों में ओव्हर लोडिंग हो रही है।
परिवहन विभाग करेगा कार्यवाही :
सड़कों की हालत और खराब न हो जाये, इसको लेकर यूपी सरकार समय से पहले चेत गई और मध्यप्रदेश सरकार को पत्र लिखकर ओव्हर लोडिंग पर रोक लगाने और कार्यवाही करने के लिए पत्र भेज दिया, जिसके बाद संचालक भौमिकी तथा खनिकी ने आदेश जारी किये हैं कि वाहनों में यदि खनिज का परिवहन वाहन की लोडिंग क्षमता से अधिक पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही के लिए परिवहन विभाग के नियमों के तहत् प्रकरण भेजना होगा। यानि की अब आरटीओ के नियमों में के तहत् कार्यवाहियां होगी, पहले पुलिस और खनिज विभाग अपने नियम लागू करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पायेगा।
सूबे की सड़कें भी खस्ताहाल :
रेत सहित अन्य खनिजों के ओव्हर लोड परिवहन से प्रदेश के जिलों के मुख्य एवं अन्य सड़के भी या तो जर्जर हो चुकी हैं या खस्ताहाल हो चुकी हैं। अगर यही आलम रहा तो नेशनल हाईवे भी इसी कगार पर पहुंच सकता है, लेकिन रेत ठेकेदारों से मिलने वाले राजस्व के चलते अभी तक कोई ठोस पहल पूरे प्रदेश में देखने को नजर नहीं आई है, वहीं रेत ठेकेदार महज अपने मुनाफे के खातिर सड़कों को क्षतिग्रस्त करने पर तुले हुए हैं।
इनका कहना है :
उत्तरप्रदेश सरकार के पत्र मिलने के बाद प्रदेश के सभी संभागायुक्त और कलेक्टर को आदेश जारी किये गये हैं कि खनिज का परिवहन वाहन की लोडिंग क्षमता से अधिक पाये जाने पर प्रकरण परिवहन विभाग को भेजना है, वह अपने नियमों के तहत् कार्यवाही करेंगे, इस मामले में निर्देश का कड़ाई से पालन करने के भी आदेश जारी किये गये हैं।
विनीत कुमार आस्टीन, संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म भोपाल
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