ग्वालियर: सोना खरीदने नहीं बेचने सराफा बाजार पहुंच रहे हैं लोग

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। लॉकडाउन के बाद सराफा बाजार खुलने के बाद लोग यहां सोने-चांदी की दुकानों से जेवरात खरीदने नहीं बल्कि बेचने पहुंच रहे हैं। ताकि कुछ पैसे आ सकें, अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
ग्वालियर: सोना खरीदने नहीं बेचने सराफा बाजार पहुंच रहे हैं लोग
ग्वालियर: सोना खरीदने नहीं बेचने सराफा बाजार पहुंच रहे हैं लोगSocial Media

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। दो महीने के लॉकडाउन में आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत कमजोर लोगों की हालत जर्जर हो चुकी है। इस लॉकडाउन का सबसे बुरा असर निम्न मध्यमवर्गीय हजारों परिवारों पर पड़ा है। ऐसे में लॉकडाउन के बाद सराफा बाजार खुलने के बाद लोग यहां सोने-चांदी की दुकानों से सोने के जेवरात खरीदने नहीं बल्कि आभूषण बेचने पहुंच रहे हैं। ताकि कुछ पैसे आ सकें और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। लेकिन आर्थिक मंदी के इस दौर से सोना-चांदी कारोबारी भी अछृूते नहीं हैं। गहने खरीदने के लिए नगदी की किल्लत आड़े आ रही है।

शहर के तीनों उपनगरों में कई छोटे-बड़े सोना-चांदी के करोबारी हैं। लॉकडाउन-4 में दी गई रियायतों के बाद यानि 19 मई से सराफा बाजार में सोना-चांदी की दुकानें खुल गईं थीं। बाजार खुलने के बाद भी इस कारोबार में बिक्री न के बराबर है। सोना-चांदी कारोबारियों की हालत यह है कि सैकड़ों दुकानदार दिनभर दुकानों पर बैठकर ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं और शाम को बिना बोहनी किए बिना ही वापस घर लौट जाते हैं। सोना-चांदी कारोबारियों का कहना है कि वर्तमान में दुकानदारों के पास खरीदार के मुकाबले जेवरात बेचने वाले लोग अधिक संख्या में आ रहे हैं।

जिन्होंने मुनाफा कमाने के चलते पूर्व में इन दोनों धातुओं में निवेश कर रखा था वहीं सैकड़ा लोग ऐसे भी हैं जो अपने परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने व परिवार पालने के लिए मजबूरीबश गहने बेचने आ रहे हैं।

बाजार में नहीं दिख रही रौनक :

सोना-चांदी व्यापार संघ के पूर्व सचिव सुरेश बिंदल जिनकी सराफा बाजार में मोनिका 'वेलर्स के नाम से सोना-चांदी की दुकान है। बिंदल ने बताया कि लॉकडाउन के बाद सराफा बाजार जरुर खुल गया है, जून महीने में शादियां होने के बाद भी बाजार से रौनक पूरी तरह से गायब है।

बिन्दल ने बताया कि लॉकडाउन से पहले जहां सराफा बाजार में रोजाना एक करोड़ का कारोबार होता था अब यह कारोबार सिमट कर महज चंद लाख में जा सिमटा है, लेकिन इस महीने में सहालग होने से कारोबारियों को आशा है कि आगे आने वाले दिनों में एक बार फिर से ग्राहकी बढऩे से बाजारों से गायब हुई रौनक वापस लौट सकती है।

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