छतरपुर: एक अनुविभाग के दो एसडीएम के फेर में फंसे लोग

छतरपुर, मध्यप्रदेश : कर्मचारी कार्यालय आने से कतरा रहे हैं, कामकाज हो रहा प्रभावित, कार्यालय में बन रही है असमंजस की स्थिति।
एक अनुविभाग के दो एसडीएम के फेर में फंसे लोग
एक अनुविभाग के दो एसडीएम के फेर में फंसे लोगPankaj Yadav

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एक पद पर दो लोगों का दावा होने से सबसे ज्यादा परेशानी आम जनता को है जो पेशियां लेकर घर जा रही हैं। एसडीएम कोर्ट में चल रहे मामलों में कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके अलावा कर्मचारी भी इस पशोपेश में हैं कि, वह किसे एसडीएम माने जबकि कलेक्टर ने एसडीएम का दायित्व के.के. पाठक को दिया है। बीते शुक्रवार को डिप्टी कलेक्टर अनिल सपकाले ने उस समय कोर्ट का हवाला देकर छतरपुर एसडीएम कार्यालय का ताला खुलवाया और कुर्सी संभाल ली जब एसडीएम के.के. पाठक कोर्ट की पेशी के लिए जबलपुर गए थे। सोमवार को एसडीएम के.के पाठक कार्यालय में पहुंचे और करीब आधा घंटे तक कामकाज करने के बाद वे कलेक्ट्रेट की मीटिंग के लिए निकल गए।

एक पद के दो दावेदार :

जानकारी के मुताबिक छतरपुर एसडीएम कार्यालय इस समय अखाड़ा बन गया है। एक पद के दो दावेदार नजर आ रहे हैं। संयुक्त कलेक्टर के.के. पाठक को कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम की जिम्मेदारी दी गई है तो वहीं पूर्व में इसी पद से हटाए गए डिप्टी कलेक्टर अनिल सपकाले कोर्ट का आदेश दिखाते हुए पद पर बने रहने का दावा करते हैं। सोमवार दोपहर दो बजे तक एसडीएम कार्यालय में सन्नाटा रहा। कोई कर्मचारी भी नजर नहीं आया। गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनवाने आयी चिरोंजिया अहिरवार ने बताया कि वह सुबह से साहब का इंतजार कर रही है लेकिन यहां कोई नहीं आया। उधर नंदगांयकला निवासी प्रभुदयाल चौबे ने बताया कि, वह भी एसडीएम से कार्य कराने आए थे लेकिन कोई नजर नहीं आ रहा।

लोग हो रहे हैं परेशान
लोग हो रहे हैं परेशानPankaj Yadav

पांच माह पहले कलेक्टर ने किया था एसडीएम के पद से मुक्त :

करीब पांच महीने पहले 25 जुलाई को छतरपुर एसडीएम पद से हटाए गए डिप्टी कलेक्टर अनिल सपकाले कुर्सी का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। फिलहाल कलेक्ट्रेट में बतौर डिप्टी कलेक्टर तैनात अनिल सपकाले ने एक बार फिर छतरपुर एसडीएम की कुर्सी पर एकतरफा कब्जा ठोक दिया। शुक्रवार को जब छतरपुर एसडीएम के.के. पाठक एक विभागीय पेशी पर हाईकोर्ट जबलपुर गए हुए थे तभी अनिल सपकाले ने उनके कार्यालय पहुंचकर हाईकोर्ट का आदेश दिखाते हुए सभी तहसीलदारों को बताया कि अब वही एसडीएम हैं। उल्लेखनीय है कि अनिल सपकाले का यह मामला पिछले 5 महीने से विवादित चल रहा है। जुलाई के महीने में डिप्टी कलेक्टर सपकाले जब छतरपुर एसडीएम थे उस समय उन पर एक कॉलेज के निर्माण को लेकर पैसे मांगने के आरोप लगे थे। इन्हीं आरोपों के चलते रातों-रात उनका तबादला कर दिया गया था जिसके बाद वे हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे और हाईकोर्ट ने उनके तबादले पर स्थगन आदेश जारी कर दिया था।

कलेक्टर ने हस्ताक्षेप नहीं किया तो बन सकती है विवाद की स्थिति :

कलेक्टर मोहित बुंदस के मुताबिक के.के. पाठक ही छतरपुर एसडीएम हैं लेकिन डिप्टी कलेक्टर अनिल सपकाले अपना दावा छोडऩे को तैयार नहीं है। तहसील में अपनी सेवाएं देने वाले एडवोकेट शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि, कलेक्टर के आदेश पर के.के. पाठक एसडीएम बनाए गए हैं, उधर श्री सपकाले भी खुद को एसडीएम बोल रहे हैं। ऐसे में भ्रम की स्थिति बन रही है। पक्षकारों को पेशी देकर अगली बार बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द कलेक्टर ने हस्ताक्षेप कर इस पूरे घटनाक्रम का पटाक्षेप नहीं कराया तो विवाद की स्थिति निर्मित हो जाएगी।

कलेक्टर ने वरिष्ठ अधिकारियों को कराया घटनाक्रम से अवगत :

कलेक्टर मोहित बुंदस का कहना है कि, जिस तरह का घटनाक्रम है वह काफी चिंतनीय है। डिप्टी कलेक्टर अनिल सपकाले को एसडीएम की कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। उनके द्वारा जो कृत्य किया जा रहा है उससे कमिश्नर से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है। मुख्य सचिव और कमिश्नर से मिलने वाले निर्देशों के आधार पर आगे की कार्यवाही होगी।

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