अवैध कार्यों से परेशान पेट्रोल पंप मालिकों ने प्रशासन को लिया आड़े हाथ

सिंगरौली, मध्य प्रदेश : जिले में लगातार हो रही है अवैध डीजल की खरीद-फरोख्त को लेकर डिस्ट्रिक्ट पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम आज ज्ञापन सौंपा गया।
पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपा
पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपाShashikant Kushwaha

सिंगरौली, मध्य प्रदेश। सिंगरौली जिला हमेशा से ही अवैध कार्यों को लेकर कोयला कबाड़ डीजल के नाम पर बदनामी का धब्बा लिए बैठा है जिले में स्थापित कोयला खदानों एवं पावर प्लांट से लगातार कबाड़ और डीजल की चोरी जैसे यहां के लिए आम हो चुकी है। लगातार कई वर्षों से ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं जो कि कोयला खदानों से बेशकीमती मशीनों के पार्ट्स एवं कॉपर केबल इसके साथ-साथ मशीनों से डीजल चुराने का काम करते आ रहे हैं परंतु इन अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने में एनसीएल प्रबंधन एवं पुलिस के बस की बात नहीं है शायद। परंतु वर्तमान समय में कोविड-19 के दौर में भी एक ऐसा गिरोह सक्रिय हो गया जो कि उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से डीजल की तस्करी कर रहा है।

क्या है मामला :

डिस्ट्रिक्ट पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम आज ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें डीलर एसोसिएशन के द्वारा बताया गया कि रोजाना 100000 लीटर डीजल की खपत उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य से लाकर सिंगरौली जिले में खपत की जा रही है, जिसमें पेट्रोल पंप मालिक एवं शासन को करोड़ों की क्षति हो रही है।

ज्ञापन कि प्रति
ज्ञापन कि प्रतिShashikant Kushwaha

उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के दाम में कमी के कारण तस्करी बढ़ी :

सिंगरौली जिला मध्य प्रदेश का आखरी जिला है जो कि उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की सीमाओं से लगा हुआ है आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में डीजल की कीमतें मध्य प्रदेश की अपेक्षा काफी कम हैं जिस कारण से कुछ लोग अन्य राज्यों से डीजल खरीद कर सिंगरौली जिले में उसकी खपत करा रहे हैं जिससे कि स्थानीय पेट्रोल पंप डीलर्स को नुकसान उठाना पड़ रहा है। डीजल कीमत की अगर बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में डीजल की कीमतें 73 रूपया 22 पैसे प्रति लीटर है तो वही मध्यप्रदेश में 1 लीटर डीजल की कीमत 81रू 27 पैसा है।

शासन को करोड़ों रुपए राजस्व की क्षति :

उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य से डीजल को लाकर मध्य प्रदेश में जिस तरह से खपाया जा रहा है उससे न सिर्फ पेट्रोल पंप डीलर को नुकसान हो रहा है बल्कि शासन को भी करोड़ों रुपए राजस्व की क्षति हो रही है। 100000 लीटर डीजल की कीमत 81 लाख 27 हजार रुपए जिस पर प्राप्त होने वाला वैट टैक्स 23 प्रतिशत की दर से 1869210 एवम एडिश्नल वैट 3 रुपये प्रति लीटर की दर से 30 लाख प्रतिदिन मध्यप्रदेश को होने वाली राजस्व की हानि 2169210 रुपये एवम मासिक हानि 6 करोड़ 75 लाख ₹310 के अतिरिक्त अप्रत्यक्ष रूप से राजस्व का नुकसान हो रहा है।

पेट्रोल पंप डीलर्स को भी हो रहा है नुकसान :

संबंधित मामले में जिस तरह से अवैध डीजल का कारोबार जिले में फल-फूल रहा है उससे न सिर्फ शासन को नुकसान हो रहा है बल्कि पेट्रोल पंप डीलर को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन का कहना है कि उत्तर प्रदेश राज्य से डीजल लाकर सिंगरौली जिले में खपत होने के कारण 50 प्रतिशत तक सीमित हो गया है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में डीजल पेट्रोल के दाम का ज्यादा होना भी नुकसान का कारण है।

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