सिंगरौली, मध्य प्रदेश। सरकारी कार्य को करने वाले कर्मचारी अपने काम करने के एवज में सेवा शुल्क का ख़्वाब रखते हैं। ऐसे करप्ट लोगों के लिए लोकायुक्त टीम लगातार कार्यवाही करती रहती है। एक तरफ जहां इस कार्यवाही से रिश्वतखोरों पर लगाम लगाने के लिए विभाग लगातार कार्य कर रहा है। फिर भी लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे। जब किसी व्यक्ति को धन या कोई उपहार इसलिये दिया जाता हैं कि किसी मामले में धन प्राप्त करने वाले का व्यवहार अपने पक्ष में हो जाए, तो इसे घूस कहते हैं। इसे एक आर्थिक और दण्डनीय अपराध होने के साथ-साथ एक सामाजिक बुराई भी है। सिंगरौली जिले में भी एक ऐसा ही मामला आज सामने आया है जिस पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्यवाही करते हुए रंगे हाथ व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है मामला :
सिंगरौली जिले के मोरवा थाना क्षेत्र के ग्राम ख़िरवा में पदस्थ पटवारी को 20000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ लोकायुक्त पुलिस रीवा ने गिरफ्तार कर लिया है। फरियादी मान प्रताप साहू का जमीन संबंधी एक स्थगन था स्थगन को हटवाने के एवज में पटवारी राम सजीवन पनिका ने 30 हजार रुपये की मांग की थी। फरियादी ने 10 हजार पटवारी को पहले ही दे दिए थे इसके बाद दूसरी किस्त के रूप में 20 हजार के लिए खेरवा गांव का चयन किया गया और लोकायुक्त के द्वारा दिए गए ₹20000 रुपयों की दूसरी किस्त जैसे ही पटवारी राम सजीवन पनिका के हाथों में दी गई लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को रंगे हाथों रिश्वत लेते कर दिया पूरी कार्रवाई मोरवा थाना क्षेत्र के खेरवा गांव में चल रही है।
रिश्वत के मामले में कार्यवाही का प्रावधान :
रिश्वत लेने के मामले में आईपीसी की धारा 171ख के तहत कार्यवाही की जाती है। फिलहाल संबंधित मामले में अभी लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही जारी है। कार्यवाही के उपरांत ही मामले के बारे में और कुछ कह पाना संभव हो पाएगा।
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