उमरिया : भाईजी को खोजती रही पुलिस, कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

उमरिया, मध्य प्रदेश : खैरवार गैंगवार के आरोपी का सात माह तक देता रहा चकमा। आईजी ने 20 हजार ईनाम किया था घोषित, संपत्ति पुलिस ने की थी कुर्क।
भाईजी को खोजती रही पुलिस, कोर्ट में किया आत्मसमर्पण
भाईजी को खोजती रही पुलिस, कोर्ट में किया आत्मसमर्पणSocial Media

उमरिया, मध्य प्रदेश। खूंखार अपराधियों और गैंगस्टरों के साथ रेत का कारोबार करने वाले नीरज त्रिपाठी उर्फ भाईजी 7 माह पहले हुए खैरवार गैंगवार का आरोपी है, मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं, कई को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, सोमवार को फिल्मी अंदाज में भाईजी जिले की सीमा में प्रवेश करते हुए कोर्ट तक पहुंचता है और आत्मसमर्पण कर देता है, लेकिन खूफिया तंत्र, मुखबिरी तंत्र व वर्दीधारियों को इस बात की कोई जानकारी नहीं होती है। यह बात बीते कुछ सप्ताहों से किसी से छुपी नहीं है कि रोड इंट्री और उगाही में वर्दीधारी मशगूल हैं।

न्यायालय में किया आत्मसमर्पण :

खैरवार गैंगवार के बाद से फरार चल रहे काण्ड के आरोपी नीरज त्रिपाठी उर्फ भाईजी के ऊपर पुलिस महानिरीक्षक ने 20 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया था, इससे पहले कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने भाईजी की चल एवं अचल संपत्ति जो कि करोड़ों रूपये की थी, उसे कुर्क करने का भी काम किया था, रहस्यमयी तरीके से भाईजी का आत्मसमर्पण लोगों के गले से नहीं उतर रहा है कि हर चौक-चौराहे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आरोपी सीधे न्यायालय पहुंच जाता है और वहां पर वह आत्मसमर्पण कर देता है, जबकि कई ऐसे अनसुलझे पहलू हैं, जिन्हें सुलझाना पुलिस के लिए एक चुनौती है।

7 माह तक कहां था भाईजी :

इस वारदात में शामिल कुछ आरोपियों को तो, पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन गैंगस्टर पवन पाठक सहित अन्य इस मामले में अभी भी फरार हैं, कई तात्कालिक प्रशासनिक अधिकारियों का सीधा कनेक्शन भी गैंगस्टर से निकला था, इतने संगीन आरोप और इतने बड़े मामले में फरार चल रहा भाईजी आखिर इन 7 माहों तक किसी संरक्षण में कहां-कहां रहा और अचानक उसका आत्मसमर्पण करना, पुलिस की नाकामी ही कही जा सकती है, क्योंकि अगर पुलिस उसे गिरफ्त में लेती तो, कई और मामले के खुलासे हो सकते थे। कोर्ट ने भाईजी को सोमवार की शाम जेल भेज दिया, क्योंकि न इस बारे में अभियोजन पक्ष को कोई जानकारी थी और न ही कोर्ट के फैसला आने तक पुलिस को कोई सूचना ही थी।

पवन पाठक सहित अन्य अभी भी फरार :

नीरज त्रिपाठी उर्फ भाईजी ने 7 माह बाद आत्मसमर्पण तो कर दिया, लेकिन मुख्य आरोपी पवन पाठक, मुकुल निशाद, वासू पंडित, जतिन तिवारी और ओमप्रकाश अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। 13 दिसम्बर 2019 को खैरवार गैंगवार कारित हुई थी, रेत के कारोबार को लेकर इस हाईप्रोफाइल मामले में कई नामचीन अफसरशाहों के नाम भी सामने आ चुके हैं, लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक इस पूरी गुत्थी को सुलझाने में खाली ही हैं। हालाकि मंगलवार को पुलिस भाईजी की रिमाण्ड की मांग न्यायालय से कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक चंदिया थाने में पदस्थ एक वर्दीधारी कई दिनों तक भाईजी के संपर्क में था और उसी ने आत्मसमर्पण में अहम भूमिका अदा की।

इनका कहना है :

सूचना समय पर न मिलने के चलते पुलिस रिमाण्ड नहीं ली जा सकी है, मंगलवार को कोर्ट से नीरज त्रिपाठी की रिमाण्ड लेने के लिए प्रयास किया जायेगा, ताकि खैरवार गैंगवार से जुड़े अन्य आरोपियों और इस मामले की सच्चाई सामने आ सके।

विवेक गौतम, प्रशिक्षु पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी चंदिया

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