पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
पुलिस ने जारी की एडवाइजरीDeepika Pal - RE

DGP के एडवाइजरी पत्र पर मचा सियासी बवाल

भोपाल, मध्यप्रदेशः अब प्रदेश के थानों में एसटी-एससी वर्ग के लोगों के साथ अपनाया जाएगा नरम रवैया, नहीं किया जाएगा कोई दुर्व्यवहार

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदेशभर में धारा-144 लगने के बाद से ही पुलिस कानून व्यवस्था बनाने के लिए नए नियमों को लागू कर रही है। इसी को देखते हुए पुलिस ने एसटी-एससी वर्ग के लोगों के लिए नए नियम जारी किए हैं, जिसमें इन वर्गों के लोगों के साथ थाने में नरम रवैया अपनाने की बात कही।

वर्ग विशेष के लिए पुलिस ने जारी की एडवायजरीः

पुलिस विभाग की ओर से डीजीपी ने सभी जिलों में एसपी को नई नियमों की जाति वाली एडवायजरी जारी की है। जिसमें लिखित है कि, एसटी-एससी के वर्गों के साथ पुलिस नरम रवैया अपनाते हुए कार्रवाई करे वही किसी मामले के संबंध में हिरासत में लेने पर मारपीट और गलत व्यवहार ना करने के निर्देश जारी किए गए। यदि इस मामले पर शिकायत मिलती है तो इसकी जिम्मेदारी उस जिले के एसपी की होगी।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग ने डीजीपी को लिखा पत्रः

बता दें कि, इस संबंध में पूर्व में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग ने डीजीपी वीके सिंह को पत्र लिखकर इस तरह की वर्गों के खिलाफ मध्य प्रदेश में पूर्व में हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए सख्त रुख अपनाने की बात कही थी। जिसके आधार पर 4 नवंबर को डीजीपी वीके सिंह द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एडवाइजरी जारी की गई थी, कि थाने में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के वर्गो के लोगों के साथ दुर्व्यवहार ना किया जाए।

डीजीपी द्वारा जारी एडवाइजरी पर बोले मंत्रीः

डीजीपी द्वारा जारी किए गए निर्देश और नियमों की एडवाइजरी पर राजनीति में सियासी बवाल खड़ा हो गया है जिस पर कई नेता इसे कानून व्यवस्था का खराब होना बताया।

डीजीपी का पत्र ये साबित भी कर रहा है, कि मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था बहुत खराब है। वही प्रदेश में अपराध की गतिविधियां बढ़ रही हैं जिसमें दिनदहाड़े लोगों को मारा जा रहा है, छोटी छोटी बच्चियों के साथ रेप हो रहा है। जिसकी रिपोर्ट करने यदि फरियादी अगर थाने में जाता है तो उसके साथ भी दुर्व्यवहार हो रहा है। इस पत्र से कुछ न कुछ ऐसा है जो गलत है। जिस पर मुख्यमंत्री को सामने आकर इसका जबाब देना चाहिए।

पूर्व मंत्री विश्वास सारंग

इस एडवाइजरी पर गृह मंत्री बाला बच्चन ने भी बयान देते हुए कहा है कि, इस प्रकार की जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जा सकती। इस संबंध में आज डीजीपी के साथ मीटिंग करूँगा। हालांकि पूरे देश में इस तरह के एससी/एसटी वर्ग के साथ दुर्व्यवहार के मामले आए हैं। उसको लेकर कहा गया होगा, अगर ऐसा निर्देश हैं तो देखता हूं।

गृह मंत्री बाला बच्चन

पत्र जारी करने से पहले आया था एक मामलाः

एससी/एसटी वर्ग को लेकर पुलिस विभाग द्वारा पत्र जारी करने से पहले एक मामला श्योपुर जिले से आया था जिसमें जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने विजयपुर थाने में बड़े नेताओं के नाम रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमें रिपोर्ट दर्ज करते हुए कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि उसे कैबिनेट मंत्री लाखन यादव के कथित भांजे संजय यादव का कॉल आया था जिसमें ग्राम भेरुपुरा में नियम का उल्लंघन करते हुए कार्य करने के लिए कहा लेकिन कार्य ना होने पर अभद्रता और धमकी देने लगे।

आगे अपनी बात बढ़ाते हुए अधिकारी पीटर ने कहा कि, मै अनुसूचित जाति वर्ग से हूं और स्वंय को असुरक्षित महसूस कर रहा हूं। इस मामले पर पुलिस कार्रवाई कर अनुसूचित जाति वर्ग पर अत्याचार करने के मामले को एसटी-एससी एक्ट के तहत दर्ज कर नामजद व्यक्तियों को गिरफ्तार करे।

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