अनूपपुर, मध्य प्रदेश। अमरकंटक ताप विद्युत केन्द्र के सेलो प्लांट में पदस्थ सहायक अभियंता अखिलेश सिंह इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं, जैसे-जैसे बसंत ऋतु करीब आती जा रही है वैसे ही राखड़ के गुब्बारे ओवरफ्लो होकर टंकी से निकल रहे हैं और इसका खामियां राहगीरों एवं आसपास के लोगों को बीमारी के आगोश में झोंक रही है, क्योंकि टंकी ओवरफ्लो होना भी जायज है यहां गाड़ियां आना कम हो गई हैं, क्योंकि साहब की कमीशन का डिमांड जो बढ़ गया और ठेकेदार उससे परेशान होकर यहां आना ही नहीं चाहते, यही कारण है कि टंकी ओव्हरफ्लो होकर प्रदूषण के रूप में ऊपर पर्यावरण में घुल-मिल रही है।
कालोनियों में बीमारियों का खतरा :
जिस तरह से लगातार आस-पास के क्षेत्र में सेलो प्लांट से प्रदूषण फैल रहा है, उसे महज देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों के लिए कितना घातक हो सकता है, जिम्मेदार अधिकारियों की वजह से धीरे-धीरे कई जिंदगियों के साथ वहां की वातावरण और पेड़ पौधे नष्ट होने की कगार पर पहुंच जायेंगे, उसके बाद न तो उन्हे मूल रूप में वापस देखा जायेगा और न ही लोगों को इससे राहत मिल पायेगी। समय रहते इन पर काबू नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कालोनियों के लिए एक घातक खतरा पैदा कर सकती है।
पीसीबी की मौन स्वीकृति :
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहडोल के जिम्मेदार अधिकारियों को इस विषय पर अवगत कराने के बाद भी कोई कदम नही उठाया जा रहा है, जल्द ही अगर सेलो प्लांट से निकलने वाली राखड़युक्त धुएं को बंद नहीं किया गया तो वनस्पतियों सहित प्राणियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
वाहन मालिकों के साथ समस्या :
राखड़ का परिवहन करने वाले वाहन मालिकों के साथ भी यहां के अधिकारियों ने समस्या खड़ी कर दी है, कारण है कि वाहन मालिक गाड़िय़ों को ऋण पर लेते हैं और उसी से अपना जीवन यापन करते हैं पर सेलो प्लांट के अधिकारियों ने अपनी मांग ऊची कर ली है कि गाड़िय़ां रास्ता ही भूल गए और इसकी खामियां कॉलोनी वालों को उठाना पड़ रहा।
कब्जा जमा कर बैठे है सहायक अभियंता :
लगातार प्लांट से उठ रहे प्रदूषण को लेकर जनसुनवाई में भी इसकी शिकायत की गई थी एवं पर्यावरण विभाग को की गई थी, पर सहायक अभियंता अखिलेश सिंह अपने उच्चाधिकारी को समझाने में इतने गुणी है कि उन्हें वहीं सच दिखाई देता है जो वह बोलते है बाकी सब झूठे हो जाते हैं। जानकारी के अनुसार अखिलेश सिंह का पूर्व में स्थानांतरण भी हुआ था, पर सेलो प्लांट में कमाई के आगे पूरा अमला यहां से लेकर जबलपुर तक नतमस्तक हो गया और आज भी वही डटे हुए हैं।
इनका कहना है :
जानकारी मिली है, उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाकर, जल्द ही मौके में पहुंच निरीक्षक किया जायेगा।
जी.के. बैगा, कनिष्ठ वैज्ञानिक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहडोल
मामले को आपने संज्ञान में लाया है, मैं जल्द ही प्लांट की जानकारी लेकर कार्यवाही के निर्देश देता हूं।
मंजीत सिंह, एमडी, एमपीपीजीसीएल, शक्ति भवन जबलपुर
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