नागदा जं. : शहर के 3500 ठेका श्रमिकों के लिए राहत भरी खबर

नागदा जं., मध्य प्रदेश : अटल बीमित व्यक्ति को अब 45 के बजाए 90 दिनों का भुगतान मिलेगा। शेखावत ने गाईड लाईन को विस्तार से बताया, श्रमिकों में खुशी का माहौल।
सुल्तानसिंह शेखावत
सुल्तानसिंह शेखावतSocial Media

नागदा जं., मध्य प्रदेश। कोविड-19 के कारण तालाबंदी के तहत 1 जुलाई से 30 जून तक विस्तारित करने का निर्णय लिया गया। जिसमें अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत उद्योग के ठेका श्रमिकों को अब 45 के बजाए 90 दिन के वेतन का भुगतान होगा। भुगतान के लिए नि:शुल्क ऑनलाईन प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद 15 दिन में राशि संबंधित श्रमिक के खाते में भेज दी जाएगी।

अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत बेरोजगार 3500 ठेका श्रमिकों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने 20 अगस्त को 182वीं बैठक लेकर 1 जुलाई से 30 जून तक विस्तारित किया गया है। इस योजना के तहत 24 मार्च से 31 दिसंबर की अवधि के लिए योजना की पात्रता शर्तो को शिथिल करने का निर्णय लिया गया। इस संबंध में असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुल्तानसिंह शेखावत ने बताया कि बेरोजगारी के 90 दिनों बाद राहत भुगतान देय होना था, लेकिन कोविड के कारण नियमों का शिथिल कर बेरोजगारी के 30 दिन बाद ही राहत भुगतान देय हो गया था। इसके लिए पिछले दो वर्षो में तीन अंशदान अवधियों में से एक अवधि में कम से कम 78 दिनों का अंशदान दिया हो। राहत राशि भुगतान के लिए श्रमिकों को ईएसआई अस्पताल परिसर मे स्थित लोकल आफिसर में नि:शुल्क आनलाईन प्रक्रिया करना होगी, प्रक्रिया के 15 दिनों बाद राशि बीमित व्यक्ति के खाते में जमा हो जाएगी।

शेखावत के अनुसार पहले 25 प्रतिशत की सीमा तक राहत का भुगतान बेरोजगारी के अधिकतम 90 दिनों तक किया जाना था, लेकिन अब 50 प्रतिशत राशि श्रमिक या बीमित व्यक्ति को मिलेगी। शेखावत ने बतायाकि स्थानीय उद्योगों में कार्यरत लगभग 3500 ठेका श्रमिक इस योजना से लाभांवित होंंगे, इसके अलावा अन्य कोई लघु उद्योग या स्कूल द्वारा अपने कर्मचारियों को ईएसआई या पीएफ की सुविधा दी जाती है और उनका अंशदान समय पर जमा किया गया है तो उनको भी इस योजना का लाभ मिलेगा। ऑनलाईन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद लोकल आफिसर के अधिकारियों की कौर कमेटी दस्तावेजों का प्रमाणिकरण करेगी, इसके बाद श्रमिक के भुगतान की प्रक्रिया शुरु होगी। प्रक्रिया के दौरान किसी का भी हस्तक्षेप नहीं होगा।

ईएसआई से टकटकी लगाए बैठे थे श्रमिक :

शहर के उद्योगों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को 24 मार्च लॉकडाउन के बाद शासन की गाईड लाईन के अनुसार 30 मई के वेतन का भुगतान स्थानीय उद्योगों द्वारा कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद से ठेका श्रमिकों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। बेरोजगारी के कारण श्रमिक और उनके परिजनों को आर्थिक परेशानी के चलते विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करना पड़ा। ऐसे में ठेका श्रमिक ईएसआई की सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए प्रयास किए, लेकिन स्थानीय अस्पताल में डाक्टर द्वारा निर्धारित गाईड लाईन से अधिक छुट्टी दे दी, जिससे अस्पताल के डाक्टरों को शोकॉज नोटिस जारी कर दिया था, इसके बाद से ठेका श्रमिकों ने बिरलाग्राम ईएसआई पर प्रदर्शन करने के बाद संयुक्त ट्रेड युनियन मोर्चा के नेतृत्व में अस्पताल के इंचार्ज अधीक्षक राजेंद्र माठे को ज्ञापन सौंपा था, माठे ने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले अवगत कराने का आश्वासन दिया था।

कुछ समय पीएफ की राशि से गुजारा किया :

पूर्व अध्यक्ष शेखावत ने बताया कि कोरोना कॉल में कुछ ठेका श्रमिकों ने पीएफ निकाल लिया, लेकिन अब पीएफ की राशि खत्म होने के बाद भी श्रमिकों को परिवार की खर्च, बीमारियों के लिए दवाईयां लेने में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में श्रमिकों को रोटेशन के आधार पर उद्योग में काम दिलाने का प्रयास किया, लेकिन उद्योग प्रबंधन ने माल की खपत नहीं होने से उद्योग फूल प्रोडक्शन पर लाने पर असमर्थता जताई, जिसके चलते कुछ श्रमिक अन्य रोजगार में जुटे, लेकिन अभी भी श्रमिकों की बड़ी संख्या बेरोजगारी का सामना कर रही है।

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