मैपल ट्री के रहवासियो ने बिल्डर पर लगाया 9 करोड़ के गबन और धोखाधड़ी का आरोप

मैपल ट्री के रहवासियों ने बिल्डर पर 9 करोड़ 27 लाख की हेराफेरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए, आईजी से लेकर टीआई तक को शिकायती आवेदन सौंपकर मामला दर्ज करने और कार्यवाही की मांग की है।
धोखाधड़ी का मामला
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भोपाल, मध्य प्रदेश। राजधानी के गांधी नगर थाना क्षेत्र में स्थित रहवासी परिसर मैपल ट्री के रहवासियों ने बिल्डर पर 9 करोड़ 27 लाख की हेराफेरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए, आईजी से लेकर टीआई तक को शिकायती आवेदन सौंपकर मामला दर्ज करने और कार्यवाही की मांग की है। पुलिस को दिये शिकायती आवेदन में रहवासियों ने बताया कि, मैपल ट्री आवासीय परिसर में कुल 17 मल्टियां हैं, जिनमें करीब 618 आवासीय प्रकोष्ठ हैं, इस परिसर का निर्माण मेसर्स राधिका इन्फ्रा स्टेट प्रा. लि. भोपाल द्वारा किया गया है, जिसके डायरेक्टर अरविंद अग्रवाल निवासी 50, मैपल हाई स्ट्रीट, होशंगाबाद रोड और मनोज जैन निवासी सिंगार चोली, एयरपोर्ट रोड, भोपाल हैं।

क्या कहना है रहवासियों का?

रहवासियों का कहना है, कि फ्लैट बेचते समय क्रेताओं से हुए करार के मुताबिक बिल्डर को विभिन्न चार्जों के नाम पर करीब 9 करोड़ 27 लाख रूपये की राशि मिली थी, जिसके लिए यह तय किया गया था, कि सभी मकान बिक जाने के बाद रहवासी जो सहकारी समिति बनाएंगे, उसे यह राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी, ताकि आगे मैंटीनेंस का काम सुचारू तौर पर चल सके। लेकिन समिति बनने के बाद बिल्डर ने यह राशि समिति को नहीं दी, बल्कि जाली दस्तावेजों के जरिये इस राशि को खर्च में समाहित करने की कोशिश की गई। रहवासियों का कहना है, कि बिल्डर द्वारा उक्त राशि समिति को नहीं सौंपना, जनता के पैसे का गबन है और ठगी है। लोगों का यह भी आरोप है, कि वे इस मामले को लेकर कई बार गांधी नगर पुलिस को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन बिल्डर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। लिहाजा परेशान होकर मैपल ट्री की रहवासी समिति ने सभी रहवासियों की सहमति से अब पुलिस के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।

दो दिन से लाइट बंद, निकाला कैंडिल मार्च :

मैपल ट्री रहवासी रखरखाव सहकारी संस्था के अध्यक्ष डीके बिजलानी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष एसएन राजपूत का कहना है, कि हमने इस मामले को लेकर बिल्डर के खिलाफ गांधी नगर थाने को 5 जुलाई, 20 अगस्त, 12 अगस्त, 3 सिंतबर और 8 सिंतबर को शिकायत दी, इसके अलावा 6 सिंतबर को समिति के पदाधिकारियों ने व्यक्तिगत तौर पर मिलकर टीआई गांधीनगर से कार्यवाही की गुहार लगाई, लेकिन गांधी नगर पुलिस ने दोनों डायरेक्टरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की, बिल्डर द्वार समिति को राशि नहीं देने से इस बड़े आवासी परिसर में अव्यवस्थाएं हो रहीं हैं, दो दिनों से लाइट बंद पड़ी है, अन्य व्यवस्थाएं भी चरमरा गई हैं, इसके विरोध में रहवासियों ने कैंडिल मार्च निकालकर बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया, और अपना विरोध जताया, समिति पदाधिकारियों का कहना है, कि उन्हें अब पुलिस के आला अफसरों से जल्द न्याय मिलने की उम्मीद है, समिति ने आईजी भोपाल और एसपी भोपाल उत्तर को शिकायती आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की है।

यह है, मामला :

पुलिस अफसरों को सौंपे शिकायती आवेदन में रहवासियों का कहना है, कि परिसर में बनी 17 मल्टीयों में कुल 618 फ्लैट हैं, इनमें करीब 400 परिवार फिलहाल रह रहे हैं। फ्लैट खरीदते समय बिल्डरों ने हर क्रेता से मेंटीनेंस के नाम पर 75 हजार, 50 हजार क्लब चार्ज 25 हजार वाटर कनेक्शन चार्ज के नाम पर लिये इस तरह 618 फ्लैट से कुल 9 करोड़ 27 लाख की राशि ली कंपनी के मालिकों मनोज जैन और अरविंद अग्रवाल द्वारा लोगों से ली गई। रहवासियों के मुताबिक तय करार के मुताबिक यह राशि बैंक में एफडीआर के तौर पर जमा होनी थी, यह भी तय हुआ था, कि सभी फ्लैट बिकने के बाद रहवासियों की सहाकारी समिति बनेगी, जिसे यह राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी, इससे आगे फ्लेटों व इमारतों का मैंटीनेंस किया जा सके। लेकिन बिल्डर ने दबाब बनाकर समिति तो बनवा दी लेकिन उक्त नौ करोड़ से ज्यादा की राशि नहीं दी, रहवासियों ने इस मामले में कूट रचित दस्तावेज बनाने और राशि का गबन करने के आरोप लगाये हैं, रहवासियों ने पुुलिस अफ सरों को दिये आवेदन में दोनों कंपनी डायरेक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

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