राज एक्सप्रेस। बरसात के मौसम के साथ ही जानलेवा बीमारियों का खतरा भी जिले पर मंडरा रहा है। शहर के कई स्थानों पर खाली पड़े प्लॉट और गंदी नालियों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के लार्वा पल रहे हैं। शहर के देरी रोड पर इस साल जिले का पहला डेंगू पीडि़त मरीज मिलने से जिला प्रशासन द्वारा मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए चलाई जा रही मुहिम की पोल खुल गई है। इसी तरह लवकुशनगर और महाराजपुर में दो चिकनगुनिया के मरीज भी पाए गए हैं। डेंगू के मच्छर फैले, भोपाल पहुंचा मरीज जानकारी के मुताबिक शहर के देरी रोड पर रहने वाले अनूप पटैरिया को पिछले दिनों डेंगू होने के कारण भोपाल में भर्ती कराया गया है।
शुरुआत में अनूप को मामूली बुखार की शिकायत शुरु हुई। जब उन्होंने जिला अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए ब्लड सैंपल दिया तो 24 सितंबर को उन्हें डेंगू होने की रिपोर्ट मिल गई। उसके बाद आनन-फानन में पीडि़त परिवार ने अनूप को भोपाल के एम्स में भर्ती कराया है। इसी तरह महाराजपुर के मोहनलाल एवं विधायक कॉलौनी लवकुशनगर में रहने वाली 65 वर्षीय महिला रामरती को चिकनगुनिया पाया गया था जिनका इलाज भोपाल में कराना पड़ा था। मलेरिया विभाग का दावा, 9 महीने में लिए सवा लाख लार्वा सैंपल एक तरफ जिले में मच्छर जनित बीमारियां फैल रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ जिला मलेरिया विभाग अपने कागजी आंकड़े दिखा रहा है। मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने एक जनवरी से 15 सितंबर तक जिले में लगभग 1 लाख 26 हजार 550 स्थानों से लार्वा का सैंपल कलैक्शन किया है। इनमें से लगभग 45 स्थानों पर खतरनाक बीमारियों को जन्म देने वाले लार्वा मिले हैं।
हालांकि विभाग को टारगेट के मुताबिक एक लाख 99 हजार 405 स्थानों से लार्वा का कलैक्शन करना था लेकिन विभाग इस कलैक्शन में पिछड़ गया है। विभाग के मुताबिक सिर्फ छतरपुर में इस काम के लिए 27 टीमें लगाई गई हैं। नगर पालिका नहीं कर रही कार्यवाही नियम के मुताबिक शहरी इलाकों में खाली पड़े ऐसे प्लाट जिनमें जलभराव की संभावना हो उन पर नगर पालिका कानूनी कार्यवाही कर सकती है लेकिन नगर पालिका इस दिशा में शिथिल बनी हुई है। शहर के कई हिस्सों में नालियां और नाले गंदे पड़े हुए हैं। जगह-जगह लगे पानी और घूरे के ढेर और इनमें घूमते सुअर शहर में बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं लेकिन नगर पालिका इस दिशा में गंभीर नजर नहीं आती।
कैसे करें बचाव मलेरिया विभाग की ओर से जूनियर मलेरिया इंस्पेक्टर अनूप पटैरिया ने कहा कि बरसात के मौसम में एकत्रित हुए पानी के भीतर मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों को फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा पनपने लगते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि छत पर रखे खाली मटके, गमले, बेकार पड़े टायर एवं एकत्रित जल इन लार्वा के पनपने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान होता है। ऐसे स्थानों पर पानी इकट्ठा न होने दें अथवा इन स्थानों पर जला हुआ ऑयल डाल दें। लगातार बुखार की शिकायत पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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