रक्त से लाल हो रही उर्जाधानी सिंगरौली की सड़कें, प्रशासन मौन

सिंगरौली-मध्यप्रदेश : जिले में एक के बाद एक सड़क हादसे हो रहे हैं, लेकिन वाहनों की अंधी रफ्तार और ओवर लोडिंग पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है।
रक्त से लाल हो रही उर्जाधानी सिंगरौली की सड़कें, प्रशासन मौन
रक्त से लाल हो रही उर्जाधानी सिंगरौली की सड़कें, प्रशासन मौनShashi kant kushwaha

राज एक्सप्रेस। जिले में एक के बाद एक सड़क हादसे हो रहे हैं, लेकिन वाहनों की अंधी रफ्तार और ओवर लोडिंग पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। जिला मुख्यालय से गांवों के बीच व अंधे मोड़ पर दुर्घटना का खतरा है। प्रशासन जांच और कार्रवाई का भले ही दावा करे, लेकिन आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं प्रशासन के सभी दावों को धता बता रही है। बता दें कि हर दिन कहीं न कहीं सड़क हादसा होता है। जिसमें लोग असमय मौत की नींद सो जाते हैं या फिर वे गंभीर रूप से घायल होते हैं।

क्या कुछ कहते हैं आंकड़े :

आंकड़े ऊर्जाधानी के नाम से विख्यात मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में सड़क दुर्घटनाएं महानगरों की तर्ज पर हो रही हैं। पिछले नौ माह के आंकड़े कुछ ऐसा ही बयां कर रहे हैं। जनवरी से लेकर सितंबर तक जिले में 450 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं।इन दुर्घटनाओं में जहां 119 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 474 लोग घायल हुए हैं। यह सब कुछ तब है, जबकि छह महीने में सड़क सुरक्षा समिति की दो बार बैठक हुई है और दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के बावत तमाम निर्देश जारी हुए हैं।

दुर्घटनाओं की हो रही है पुनरावृत्ति :

जिले में लगातार हो रही हैं दुर्घटनाएं, लेकिन जिम्मेदार सबक लेने को तैयार नहीं हैं। गौरतलब है कि ज्यादातर दुर्घटनाएं तेज रफ्तार और नशे में वाहन चलाने का नतीजा हैं। जिस पर लगाम लगाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसका नतीजा यह है कि आए दिन सड़कें खून से लाल हो रहीं हैं। बेकसूर लोगों की जान जा रही है।

ज्यादातर मौतें कोल वाहनों से

बतादें कि जिले में कोयला परिवहन सड़क मार्ग से किया जा रहा है। सड़कें नहीं होने के कारण मार्ग व्यस्त रहता है। साथ ही कोल वाहन धीमी गति से नहीं चलते हैं। कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां अधिक दुर्घटनाएं घटित होती हैं। इसे रोकने या कम करने के पर्याप्त उपाय नहीं किए जा रहे हैं। शहर में माजन बगीचा, जयंत, निगाही, मोरवा, शुक्ला मोड़, रेलवे स्टेशन के पास अधिक सड़क हादसे होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बरगवां, गोरबी, तेलदह, नौगई, परसौना, खुटार, रजमिलान, अमिलिया घाटी आदि जगहों पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। पिछले चार महीने के दौरान हुए सड़क हादसे व मौत के आंकड़ें चौकाने वाले हैं।

नहीं कर पा रहे सुरक्षा की पहल :

बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए इसे कम करने की पहल की जा रही है। शहर सहित अन्य जगहों पर सड़क दुर्घटना रोकने के लिए हर रोज चालानी कार्रवई की जा रही है। प्रशासन की इस पहल का असर नहीं दिख रहा है। मोरवा, जयंत, बरगवां, माड़ा रोड में आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। रफ्तार पर नहीं लग रहा ब्रेक सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रशासन अपने स्तर से प्रयास कर रहा है। प्रयास को किसी खास स्थान या मार्ग तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। सभी सड़कों व चौकों पर ध्यान देना होगा। वाहन चालकों की मनमानी पर रोक लगाना भी जरूरी है। चालक लापरवाहीपूर्वक तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं जिस कारण दुर्घटनाएं अधिक होती हैं।

क्या कहते है जिम्मेदार :

एसडीएम सिंगरौली श्री ऋषि पवार का संबंधित मामले में कहना है की "कोल परिवहन में लगे वाहनों की गति एवं निर्धारित रूट का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी ।

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