सम्पूर्ण लॉक डाउन के बावजूद स्टेशन पहुंची ट्रेन
सम्पूर्ण लॉक डाउन के बावजूद स्टेशन पहुंची ट्रेनSocial Media

सम्पूर्ण लॉक डाउन के बावजूद स्टेशन पहुंची ट्रेन, उतरे यात्री

देश भर में 21 दिन तक लॉक डाउन जहां जारी है वहीं इस अवधि में लापरवाही की खबरें आ रही हैं, इसके चलते ही प्रदेश के सतना जिले से एक मामला आया सामने।

राज एक्सप्रेस। देश भर में सूने पड़े रेलवे ट्रैक पर सरपट दौड़ती हुई एक और ट्रेन गुरूवार को सतना स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर आ पहुंची। मुंबई से चली यह ट्रेन सतना पहुंची तो उसमें सैंकड़ा भर यात्री सवार थे। यात्रियों को स्टेशन पर ही रोक लिया गया और उनकी जांच पड़ताल शुरू कर दी गई।

क्या है मामला

हासिल जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण के कारण भारतीय रेलवे द्वारा देश भर की साढ़े 12 हजार यात्री ट्रेनों का परिचालन 14 अप्रैल तक बंद कर दिए जाने के बीच गुरूवार को एक यात्री गाड़ी शाम के वक्त फिर सतना स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन से लगभग सैकड़ा भर यात्री सतना स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर उतरे। ट्रेन के आने की सूचना रेलवे के अफसरों, जीआरपी और आरपीएफ को भी थी लिहाजा उन्होंने सूचना जिला प्रशासन को भी दी। एसडीएम रघुराजनगर पीएस त्रिपाठी, तहसीलदार मानवेन्द्र सिंह और मेडिकल टीम भी प्लेटफॉर्म पर पहुंच गई। यात्रियों की कोरोना संक्रमण से संबंधित जांच की गई और फिर उनके लिए एसडीएम ने भोजन का प्रबंध कराया। बाद में एक बस का इंतजाम भी यात्रियों को उनके गंतव्य तक भेजने के लिए किया गया।

पहले भी पहुंच चुकी हैं ट्रेन

उल्लेखनीय है कि अभी दो दिन पहले भी एर्नाकुलम एक्सप्रेस सतना पहुंची थी और उससे भी बड़ी संख्या में यात्री यहां उतरे थे। खाली मिला रैक तो चढ़ गए यात्री। रीवा, सीधी के यात्रियों ने बताया कि, जो ट्रेन सतना पहुंची थी वह आधिकारिक रूप से यात्रियों के लिए रवाना नहीं की गई थी। रेलवे उन कुछ ट्रेनों के रैक को वापस बुलवा रहा है जो अपने गंतव्य पर पहुंचने के बाद खड़ी हो गई थीं। जनता एक्सप्रेस का रैक भी मुंबई से रवाना किया गया था जिसमें बोगियों के गेट खुले रह जाने के कारण कुछ यात्री अलग-अलग स्टेशनों के लिए सवार हो गए थे।

यात्रियों को मिली उम्मीद की बड़ी किरण

सतना, रीवा और सीधी क्षेत्र के लोग भी मुंबई में फंसे हुए थे, उन्हें जनता का यह रैक उम्मीद की बड़ी किरण के तौर पर मिल गया और वे सवार हो कर सतना पहुंच गए। जीआरपी प्रभारी संतोष तिवारी ने बताया कि, जो यात्री सतना स्टेशन पर उतरे उनमें से अधिकांश ट्रेनों में अटेंडेंट के तौर पर काम करने वाले ही हैं। उन्हें जांच के बाद एक बस से रीवा-सीधी भेज दिया गया है।

रेलवे डॉक्टर को एसडीएम ने फटकारा

बताया गया कि, जनता के खाली रैक से सतना पहुंचे यात्रियों की जांच के लिए जिला अस्पताल की मेडिकल टीम तो आई ही थी रेलवे के डॉक्टर को भी बुलाया गया था। अव्वल तो डॉक्टर साहब देरी से आये और जब आये भी तो कुछ ज्यादा ही नफासत दिखाने लगे। उन्होंने यात्रियों को रोकने की बात शुरू कर दी और संसाधनों का रोना-रोने लगे। यह बात एसडीएम पीएस त्रिपाठी को नागवार गुजरी लिहाजा उनका गुस्सा रेलवे के डॉक्टर पर भड़क गया। एसडीएम ने रेल डॉक्टर को देश के हालात और उनकी ड्यूटी जिम्मेदारी याद दिला दी।

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