शिव के राज में सिंधिया का दबदबा, अंचल से पहली बार बने 12 मंत्री

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: मप्र के इतिहास में पहली बार अंचल से 12 विधायक मंत्री बने हैं। शिव के राज में सिंधिया का दबादबा देखने को मिल रहा है और आगे भी यह स्थिति बनी रहेगी।
शिव के राज में सिंधिया का दबदबा
शिव के राज में सिंधिया का दबदबाSocial Media

हाइलाइट्स :

  • सिंधिया खेमे के 9 विधायकों को मिला मंत्री पद

  • शपथ लेने के बाद घर वापसी पर होगा जोरदार स्वागत

  • समर्थकों ने बुधवार को ही मंत्री पद मिलने से पहले लगा दिए थे बधाई के होर्डिंग्स

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। प्रदेश सरकार ने लंबी जदोजेहद के बाद आखिरकार मंत्रि मंडल का विस्तार हो ही गया। सिंधिया खेमे को खास तवज्जो मिलनी थी और इसी वजह से उनके नौ समर्थकों को मंत्री पद से नवाजा गया है। वहीं दूसरी तरफ मप्र के इतिहास में पहली बार अंचल से 12 विधायक मंत्री बने हैं। शिव के राज में सिंधिया का दबादबा देखने को मिल रहा है और आगे भी यह स्थिति बनी रहेगी। अचंल के जिन विधायकों को मंत्री बनाया गया है उनके समर्थकों ने बुधवार शाम को शपथ ग्रहण से पहले ही बधाई के बैनर लगा दिए थे। जब मंत्रियों की घर वापसी होगी तो स्वागत भी जोरदार होगा।

प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लग रही अटकलें गुरूवार को समाप्त हो गई। राजधानी भोपाल स्थित राजभवन में जब 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई तो समर्थकों के चेहरे खिल गए। मंत्री मंडल विस्तार में एक ओर जहां कुछ पुराने चेहरों को जगह नहीं मिलीं तो वहीं दूसरी ओर नये और सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों की मानों लॉटरी ही लग गई। 28 सदस्यीय मंत्रिमंडल में कांग्रेस से आए 12 पूर्व विधायकों को मंत्री पद से नवाजा गया है। इनमें नौ सिंधिया समर्थक शामिल हैं। पहली बार ग्वालियर-चंबल अंचल में एक एक साथ 12 मंत्री बने हैं। 11 विधायकों को गुरूवार को मंत्री बनाया गया है जबकि दतिया से विधायक रहे नरोत्तम मिश्रा को पहले चरण में ही गृह मंत्रालय एवं चिकित्सा शिक्षा तथा स्वास्थ्य विभाग मिला है। ऐसे में अंचल का दबदबा बढ़ना लाजमी है। कैबिनेट विस्तार में सिंधिया अपनी पसंद के अनुरूप अपने लोगों को मंत्री बनवाने में कामयाब रहे। इससे चर्चा चल निकली कि शिव के राज में सिंधिया कर दबदबा कायम हो गया है। अचंल के 12 मंत्री बनने से विकास को गति मिलना भी तय हो गया है। अब तक विकास के नाम पर ग्वालियर चंबल संभाग को सिर्फ आश्वासन ही मिला है और इसका कारण यहां से कम जनप्रतिनिधियों को तवज्जो मिलना था। अब उम्मीद है कि चुने गए मंत्री बेहतर कार्य करेंगे।

पिछड़े इलाकों का होगा विकास :

आजादी के बाद से ग्वालियर चंबल संभाग में अधिक विकास नहीं हो पाया है। इसका मुख्य कारण मालवा अंचल को अधिक तवज्जो मिलना रहा। मप्र गठन के बाद से अब तक ग्वालियर चंबल संभाग से कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बना है। साथ ही मंत्रियों की संख्या भी बहुत कम रही। यही वजह रही कि मालवा अंचल में विकास का पहिया तेज गति से घूमा और ग्वालियर चंबल संभाग विकास में पिछड़ गया। लेकिन अब प्रदेश की सत्ता में ग्वालियर चंबल संभाग के तीन कद्दावर नेता शामिल हैं जिसमें केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया शामिल हैं। इससे उम्मीद है कि अब अंचल में विकास कार्य तेज गति से हो सकेंगे।

यह है ग्वालियर चंबल संभाग के 12 मंत्री :

  1. यशोधरा राजे सिंधिया (शिवपुरी)

  2. नरोत्तम मिश्रा (दतिया)

  3. इमरती देवी (डबरा)

  4. प्रद्युम्न सिंह तोमर (ग्वालियर)

  5. भारत सिंह कुशवाह (ग्वालियर ग्रामीण)

  6. महेन्द्र सिंह सिसोदिया (बमोरी)

  7. एंदल सिंह कंषाना (सुमावली)

  8. गिर्राज दंडोतिया (दिमनी)

  9. ओपीएस भदौरिया (मेहगांव)

  10. सुरेश धाकड़ (पोहरी)

  11. बृजेन्द्र सिंह यादव (मुंगावली)

  12. अरविंद भदोरिया (अटेर)

सिंधिया खेमे से ये बने हैं मंत्री :

  1. महेंद्र सिंह सिसोदिया

  2. प्रभुराम चौधरी

  3. प्रद्युम्न सिंह तोमर

  4. इमरती देवी

  5. राज्यवर्धन सिंह

  6. ओपीएस भदौरिया

  7. गिर्राज डंडोतिया

  8. सुरेश धाकड़

  9. बृजेंद्र सिंह यादव

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