उमरिया : बकाया छुपाने कबाड़ी गलाते हैं वाहन

उमरिया, मध्य प्रदेश : सिंह ट्रांसपोर्ट के दो वाहनों पर पुलिस का शिकंजा। शासन के खजाने में करोड़ों की लगाई सेंध।
बकाया छुपाने कबाड़ी गलाते है वाहन
बकाया छुपाने कबाड़ी गलाते है वाहनAfsar Khan

उमरिया, मध्य प्रदेश। जिले के कोयलांचल में छत्तीसगढ़ सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों की कई बड़ी कंपनियां करोड़ों रूपये का ठेका लेकर काम कर रही हैं, वाहनों का पंजीयन छत्तीसगढ़ सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में कराया जाता है, लेकिन टैक्स और परमिट की राशि बचाने के लिए बिना परिवहन विभाग की अनुमति के वाहनों को काटकर कबाड़ियों को बेच दिया जाता है। गुरूवार को ऐसे ही एक मामले का खुलासा नौरोजाबाद पुलिस ने किया है, जहां कंचनखुली खदान में छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ की सिंह ट्रांसपोर्ट व सतकार नामक कंपनी के द्वारा दो वाहनों को काटकर छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी की जा रही थी, तभी पुलिस ने ट्रक को जब्त करते हुए अपने सुपुर्द लेने के बाद मामला दर्ज कर दस्तावेज संचालक से तलब किये हैं।

खदान में काटे वाहन :

कंचन खुली खदान में सिंह ट्रांसपोर्ट के यार्ड में 80 से 90 लाख रूपये की लागत के वाल्वो ट्रक के अलावा एक डोजर को काट दिया गया और उसे वाहन के माध्यम से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ले जाने की तैयारी थी, लेकिन इस बात की भनक पुलिस को लग गई, मौके पर पहुंचने के बाद वाहन सहित लदे कबाड़ को जब्त कर लिया। यह कोई पहला मामला नहीं है, जब सिंह ट्रांसपोर्ट के द्वारा ऐसा किया गया है। इससे पहले भी 40 से 50 वाहनों को काट दिया गया। यार्ड में अभी भी चार-पांच वाहन कटे हुए पड़े हैं।

टैक्स की चोरी का खेल :

बड़े व्यवसायी अपना व्यापार करने के लिए महंगे वाहन खरीदकर खदानों में लगा लेते हैं, जब 4 से 5 साल बाद छत्तीसगढ़ में टैक्स की राशि दिखने लगती है तो, वह वाहनों को काटकर कबाडिय़ों को बेंच देते हैं। छत्तीसगढ़ का टैक्स तो अदा नहीं किया जाता, उसके साथ ही एमपी टैक्स के अलावा परमिट की राशि की भी चोरी की जाती है। स्थानीय पुलिस के मैनेजमेंट से कोयलांचल क्षेत्र में ऐसे वाहन दौड़ते पाये जाते हैं।

बिना अनुमति नहीं कट सकते वाहन :

अगर कोई वाहन परिवहन कार्यालय में पंजीकृत है तो, उसे कटवाने के लिए विभाग का पूरा बकाया अदा करने के साथ आदेश लेना होता है, जिसके बाद ऑन लाईन प्रक्रिया के तहत कम्प्यूटर से एक सीट जनरेट होती है, उसके बाद वाहन को काटा जा सकता है, जिसकी जानकारी संबंधित थाने में देनी होती है, हालाकि वाहन जिस जगह पंजीकृत होता है, वहां से इसकी अनुमति लेनी होती है, 15 दिनों के भीतर थाने में इस बात की सूचना देनी होती है, अक्सर बड़े व्यवसायी एक वाहन की अनुमति लेने के बाद कई वाहनों को कटवा देते हैं और करोड़ों के राजस्व में खयानत करने का काम करते हैं।

सिंह ट्रांसपोर्ट की लीला अपरंपार :

उक्त कंपनी के वाहन छत्तीसगढ़ में पंजीकृत हैं, इसके अलावा कुछ अनूपपुर और शहडोल में पंजीकृत होना बताये गये हैं, कंचन सहित अन्य खदानों में बिना परिवहन विभाग के अनुमति के कई वाहनों को काटकर कथित कंपनी के मालिक और उसके कारिंदों ने छत्तीसगढ़ सहित प्रदेश के अन्य कबाड़ियों के हवाले कर दिया, वहीं इस दौरान छत्तसीगढ़ के टैक्स की चोरी करने के साथ ही जिस समय से उक्त कंपनी का ठेका प्रदेश में चल रहा है, वहां पर भी परिवहन विभाग के एमपी टैक्स और परमिट की राशि जमा नहीं की गई, कुछ वाहन तो ऐसे हैं, जो बिना बीमा के खदानों और सड़कों पर दौड़ रहे हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

जांच में खुलेंगे राज :

सिंह ट्रांसपोर्ट के वाहनों पर परिवहन कार्यालय अनूपपुर में 25 लाख रूपये का बकाया भी है, इसका नोटिस भी जारी हुआ था, उमरिया सहित शहडोल के परिवहन कार्यालय में भी उक्त कंपनी का कार्य कई वर्षाे से चल रहा है, लेकिन खदान के अंदर किसी को प्रवेश नहीं दिया जाता, टैक्स की चोरी के लिए पूरा खेल होता है, अगर परिवहन विभाग इस मामले में सूक्ष्मता से जांच करे तो, प्रदेश के टैक्स के साथ ही छत्तीसगढ़ का राजस्व बकाया भी सिंह ट्रांसपोर्ट व सतकार माईनिंग पर निकलेगा, नियमों के तहत वाहनों की चेचिस का भाग कटवाने से पहले परिवहन कार्यालय में जमा कराने के भी प्रावधान हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया जाता।

एक ही नंबर के कई वाहन :

इस मामले में जानकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के पंजीकृत वाहन यहां पर आते जरूर हैं, लेकिन दोबारा लौटते नहीं है, उन्हें कबाड़ में बेच दिया जाता है, 3 से 4 साल में यह पूरा खेल होता है, एक ही नंबर के कई वाहन एक खदान के अलावा दूसरी खदान में भी चलते हैं, इसके साथ ही वही क्रमांक के वाहन छत्तीसगढ़ में भी दौड़ते मिल सकते हैं, इस मामले में अगर जांच हुई तो, कई संचालकों पर गाज गिर सकती है।

एक ही नंबर के कई वाहन
एक ही नंबर के कई वाहनAfsar Khan

इनका कहना है :

सूचना मिलने पर कार्यवाही करते हुए कबाड़ से लदे हुए वाहन को जब्त कर धारा 102 के तहत कार्यवाही की गई है, कंपनी के संचालक को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है, विवेचना के दौरान और भी जो तथ्य सामने आयेंगे, उसके तहत कार्यवाही होगी।

गायत्री तिवारी, प्रशिक्षु उपपुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी, नौरोजाबाद

यह गंभीर मामला है, इसकी जांच कराई जायेगी, बिना परिवहन विभाग जहां से वाहन पंजीकृत हो, वहां की अनुमति के बगैर वाहन नहीं काटा जा सकता, राजस्व के बकाये की भी जांच की जायेगी।

अनिमेष गढ़पाल, परिवहन अधिकारी, उमरिया

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